क्या घरेलू हिंसा की शिकार सिर्फ महिलाएं ही हैं? ऐसा नहीं है! हमारे देश में पुरुष भी महिलाओं द्वारा शोषण और प्रताड़ना के शिकार हैं। दरअसल, घरेलू हिंसा के शिकार पुरुषों की खबरों को हमारे मुख्यधारा के मीडिया विशेष रूप से अंग्रेजी वाले कवरेज नहीं देते हैं जिस वजह लोगों को लगता है कि सिर्फ महिलाएं ही पीड़ित हैं। मीडिया को एकतरफा कवरेज अब बंद कर देनी चाहिए, क्योंकि क्राइम का कोई जेंडर नहीं है। अपराधी सिर्फ और सिर्फ एक अपराधी होता। यह उचित समय है जब सरकार लैंगिक समानता की बात करते हुए पुरुष असमानता सांख्यिकी पर समान रूप से ध्यान केंद्रित करे।
पढ़िए, पीड़ित पुरुष की कहानी (अप्रैल 2019)
– उत्तर प्रदेश से सामने आए एक चौंकाने वाले मामले में एक 22 वर्षीय महिला के खिलाफ अपने पति को उसके ‘काले रंग’ के लिए कथित तौर पर जलाने के लिए FIR दर्ज की गई थी।
– आरोपी की पहचान प्रेमश्री के रूप में हुई है, जबकि मृतक की पहचान सत्यवीर सिंह के रूप में हुई है।
– सत्यवीर अपनी पत्नी से दो साल छोटे थे।
– कपल की दो साल पहले शादी हुई थी और उनकी पांच माह की एक बेटी है।
– यह घटना 15 अप्रैल 2019 की सुबह करीब 5:45 बजे हुई, जब मृतक अपनी खाट पर सो रहा था।
– आरोप है कि उसकी पत्नी ने उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
– पति को आग लगाने की कोशिश में आरोपी का पैर भी जल गया।
– कुरह फतेहगढ़ के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) इंस्पेक्टर सहदेव सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि पहले उन्होंने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन इलाज के दौरान यह पाया गया कि आदमी जलने की चोटों के कारण निधन हो गया था, इसलिए मामले को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) में बदल दिया गया।
– जांच के दौरान मृतक के भाई हरवीर सिंह ने बताया कि उसकी भाभी सत्यवीर को पसंद नहीं करती थी और हमेशा उसके काले रंग पर हमेशा अपमानजनक टिप्पणी करती थी।
– दोनों ने एक दूसरे को देखे बिना ही शादी कर ली थी।
– जब यह घटना हुई तब सत्यवीर का परिवार खेतों में था।
– पीड़ित परिवार ने कबूल किया कि बहू लगातार उनके बेटे को ताना मारती थी। हालांकि, उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह इस हद तक जाएगी और उसे मार डालेगी।
– पुलिस ने तब पत्नी की हत्या करने के निर्देश पर जांच शुरू की और सभी डिटेल्स सामने आए।
क्या इन सवालों का दे सकते हैं जवाब?
– जब एक आदमी को पत्नी द्वारा मार दिया जाता है तो हमारा समाज समान रूप से नाराज क्यों नहीं होता?
– हम सिर्फ महिला पीड़िता के प्रति सहानुभूति क्यों रखते हैं?
– हम पुरुषों/पतियों पर होने वाले अत्याचारों पर प्राइमटाइम बहस क्यों नहीं देखते?
– क्या यह सीधे तौर पर केवल महिला अधिकारों के लिए विभिन्न गैर सरकारी संगठनों से प्राप्त धन से जुड़ा है?
– क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि यह हमेशा आंकड़ों के बारे में होता है- जहां हम विश्वास करना चाहते हैं कि 99% अपराध केवल महिलाओं के खिलाफ होते हैं?
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ARTICLE IN ENGLISH:
Woman Burns Husband Alive Because She Hated His Dark Complexion
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