दक्षिण पूर्व दिल्ली के कालिंदी कुंज (Southeast Delhi’s Kalindi Kunj) एरिया में एक 22 वर्षीय रोहिंग्या महिला (Rohingya woman) द्वारा इस साल फरवरी में आरोप लगाया गया था कि उसका अपहरण कर लिया गया और उसके साथ चार लोगों ने गैंगरेप किया। इस खबर ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को हिलाकर रख दिया था। लेकिन अब दिल्ली पुलिस की जांच में महिला के साथ गैंगरेप की घटना झूठी निकली है। दरअसल, दिल्ली पुलिस के मुताबिक महिला का अपहरण नहीं किया गया था। वह पति के साथ झगड़े के बाद अपने एक दोस्त के यहां रहने के लिए चली गई थी। जब वह दो दिन बाद अपने घर लौटी, तो उसने अपहरण और गैंगरेप की एक फर्जी रिपोर्ट दर्ज कराई, क्योंकि उसे अपने पति के साथ झगड़ा होने की आशंका थी।
क्या है पूरा मामला?
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, यह मामला 26 फरवरी को तब सामने आया था, जब महिला अपनी एक साल की बेटी के साथ कालिंदी कुंज थाने आई और कहा कि 22 फरवरी की देर रात कालिंदी कुंज मेट्रो स्टेशन से चार अज्ञात लोगों ने उसका अपहरण कर लिया और दो दिन तक उसके साथ गैंगरेप किया। उसने आरोप लगाया था कि उसे एक अनजान घर में ले जाया गया, जहां उसे रखा गया और दो दिनों तक उसके साथ गैंगरेप किया गया। उसने पुलिस को बताया कि उसे 24 फरवरी को एक स्थानीय निवासी ने बचाया था और बाद में उसने विकासपुरी इलाके में छोड़ दिया।
पुलिस का बयान
DCP (दक्षिणपूर्व) राजेश देव (Rajesh Deo) ने कहा कि महिला अपने पति के साथ विकासपुरी कैंप में रहती है। चूंकि आरोप गंभीर के थे, इसलिए कई टीमों को तैनात किया गया और अपराधियों को तुरंत पकड़ने का निर्देश दिया गया। महिला रोहिंग्या शरणार्थी है और उसने अन्य संगठनों से भी संपर्क किया था। पुलिस की टीमों को उसके घर, कालिंदी कुंज मेट्रो स्टेशन (अपराध स्थल), विकासपुरी क्षेत्र और कालिंदी कुंज में अन्य शरणार्थी शिविरों में भेजा गया था।
महिला ने अपनी शिकायत में जिन जगहों का नाम लिया था, उन सभी जगहों पर भी टीमें भेजी गईं। आरोपी का पता लगाने के लिए 300 से अधिक TSRs का विश्लेषण किया गया और महिला को बचाने वाले स्थानीय लोगों का पता लगाने के लिए कई छापे मारे गए।
देव ने आगे कहा कि दिल्ली पुलिस की तलाशी से कुछ नहीं निकला। शिकायतकर्ता के पड़ोसियों से पूछताछ की गई और उन्होंने पूरी तरह से अलग बयान दिया। साथ ही, कालिंदी कुंज मेट्रो स्टेशन के पास के CCTV फुटेज में 22 फरवरी को महिला को अपने बच्चे के साथ अकेले घूमते हुए देखा गया। इसके बाद उसे एक ई-रिक्शा में जाते हुए देखा गया। रूट मैप तैयार किया गया तो पता चला कि महिला मदनपुर खादर एक्सटेंशन इलाके में गई थी। इसके बाद इलाके में रहने वाले उसके रिश्तेदारों और दोस्तों की पहचान की गई।
दोस्त ने किया खुलासा
उसके दोस्तों में से एक अकबर अली से जब पूछताछ की गई और उसने खुलासा किया कि महिला दो दिनों तक उसके घर पर रही और यहीं से उसने अपहरण की फर्जी सूचना दी। अली की पत्नी ने भी बयान की पुष्टि की और कहा कि महिला अपने पति से लड़ने के बाद उनके पास आई थी। कपल के मुताबिक महिला उनके घर आई और दो दिन वहीं रुकी।
अधिकारी ने कहा कि जब वह अपने घर वापस गई, तो उसके पति ने उससे उसके ठिकाने के बारे में पूछा। अली और उसके परिवार को बचाने के लिए महिला ने अपने पति से झूठ बोला था। वह अपने पति से डरती थी और उसके साथ झगड़ा नहीं चाहती थी। इसलिए उसने झूठ बोला कि उसका अपहरण कर लिया गया और उसके साथ गैंगरेप किया गया।
पुलिस ने कहा कि उन्होंने मेडिकल टेस्ट भी किया और महिला और उसके पति से पूछताछ भी की गई। पुलिस ने कहा कि पूरी तरह से जांच में यह साबित हो गया है कि महिला ने झूठ बोला था। अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस को गुमराह करने के लिए वे उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।
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