केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) ने हाल ही में देखा कि शादी करने का झूठा वादा करके बलात्कार का आरोप तब तक नहीं टिकेगा, जब तक महिला को पता हो कि वह आदमी पहले से ही शादीशुदा है और वह उसके बावजूद आरोपी के साथ यौन संबंध जारी रखती है। कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ प्यार का मामला है। इसी के साथ कोर्ट ने मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज केस को रद्द करने के आदेश दिए।
क्या है पूरा मामला?
इस केस में अभियोजन का आरोप था कि 9 साल की अवधि में याचिकाकर्ता ने शिकायतकर्ता को शादी का झूठा वादा देकर भारत और विदेशों में कई जगहों पर उसके साथ यौन संबंध बनाए थे। महिला का आरोप है कि बाद में वह शादी से मुकर गया।
हाई कोर्ट
जस्टिस कौसर एदग्गापथ ने कहा कि ऐसे कपल के बीच किसी भी तरह का शारीरिक संबंध केवल प्यार और जुनून के कारण कहा जा सकता है न कि शादी करने के बहाने से किए गया दुराचार…। 2010 से महिला आरोपित के संपर्क में थी। युवक ने 2013 में शादी कर ली। इस संबंध में जानकारी होने के बावजूद महिला ने उससे संबंध बनाए।
अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता के बयान से पता चलता है कि वह 2010 से याचिकाकर्ता को जानती थी, और उसे इस तथ्य के बारे में पता चला कि याचिकाकर्ता की शादी 5 से 6 साल पहले हुई थी। इसके बावजूद वह 2019 तक उसके साथ यौन संबंध में रही।
हाई कोर्ट ने कहा कि यदि कोई पुरुष संबंध बनाने के बाद शादी के वादे से पीछे हट जाता है और संबंध सहमति से बने हैं तो उस पर धारा 376 लगानी नहीं बनती। इसके साथ ही अदालत ने आखिरकार याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने का फैसला सुनाया।
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