उत्तराखंड (Uttarakhand) से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां रेप के आरोप में 20 महीने तक जेल में रहने के बाद एक आरोपी शख्स को कोर्ट ने जमानत दे दी। कथित पीड़ित लड़की ने कोर्ट में अपना बयान बदलते हुए कहा कि उसके साथ बलात्कार हुआ ही नहीं था। उत्तराखंड हाई कोर्ट (Uttarakhand High Court) के जस्टिस मनोज तिवारी की सिंगल जज पीठ ने दिसंबर 2021 से 15 वर्षीय लड़की से बलात्कार के आरोप में जेल में बंद 18 वर्षीय व्यक्ति को जमानत दे दी, क्योंकि उसने कहा कि “उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ था”।
क्या है पूरा मामला?
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, इस मामले में IPC की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 376(2)(N) (शादी का वादा करके शारीरिक संबंध बनाना), 506 (आपराधिक धमकी) और पॉक्सो एक्ट के तहत नैनीताल के बनभूलपुरा पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई थी जिसके बाद नैनीताल निवासी इस व्यक्ति को 21 दिसंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
व्यक्ति के वकील ने कहा कि आवेदक को झूठा फंसाया गया है, क्योंकि उसके परिवार ने लड़की के विवाह प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। लड़की ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष CrPC की धारा 164 के तहत अपने बयान में स्वीकार किया कि कथित घटना के दिन उसने युवक को अपने घर बुलाया था और उसने उसके साथ बलात्कार नहीं किया था।
वकील ने पत्रकारों को आगे बताया कि मामले के डिटेल्स पर गौर करने के बाद हाई कोर्ट ने इसके गुण-दोष पर कोई टिप्पणी किए बिना, माना कि आवेदक इस स्तर पर जमानत का हकदार है। इसके साथ ही कोर्ट ने शख्स को बरी कर दिया। हालांकि, फर्जी आरोप लगाने वाली लड़की पर कोर्ट ने कोई कार्रवाई नहीं की।
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