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अलवर स्कूल गैंगरेप केस में खुलासा, पूर्व कर्मचारी के कहने पर नाबालिग छात्राओं ने शिक्षकों पर लगाया गया था झूठा आरोप

Team VFMI by Team VFMI
January 17, 2022
in ताजा खबरें, हिंदी
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hindi.mensdayout.com

अलवर स्कूल गैंगरेप केस में खुलासा, पूर्व कर्मचारी के कहने पर नाबालिग छात्राओं ने शिक्षकों पर लगाया गया था झूठा आरोप

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Alwar School Gang Rape Case: इस महीने की शुरुआत में राजस्थान के अलवर जिले के एक सरकारी स्कूल के पूरे स्टाफ पर (जिसमें 14 टीचर और प्रिंसिपल शामिल थे) पर 4 छात्राओं द्वारा दर्ज कराई गई अलग-अलग शिकायतों के आधार पर गैंगरेप के 3 मामले दर्ज किए गए थे। नाबालिग लड़कियों ने आरोप लगाया कि टीचर उनकी महिला सहयोगियों की मदद से उनके साथ बलात्कार कर रहे थे।

पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत FIR दर्ज कर जांच शुरू की। एक FIR स्कूल में पढ़ने वाली दो बहनों की शिकायत पर दर्ज की गई थी, जबकि दो केस 2 अन्य छात्राओं की शिकायत पर दर्ज की गई थी।

केस में नया खुलासा

अब, गैंगरेप का मामला दर्ज करने के लगभग 17 दिनों के बाद भिवाड़ी में पुलिस ने पाया है कि छात्राओं द्वारा लगाए गए आरोप झूठे थे। जांच में यह बात सामने आई है कि एक पूर्व टीचर के कहने पर FIR दर्ज करवाई गई थी। पुलिस ने शुक्रवार को अपनी जांच पूरी करने के बाद मामले में अंतिम रिपोर्ट (एफआर) दर्ज की, जिसमें खुलासा हुआ कि एक पूर्व टीचर देव प्रकाश यादव ने एक महिला के साथ मिलीभगत कर 5 लड़कियों के परिवारों से टीचिंग स्टाफ के खिलाफ केस दर्ज करवाने को कहा था।

क्या है पूरा मामला?

7 दिसंबर को एक पुलिस स्टेशन में 3 FIR दर्ज की गईं, जिसमें टिचिंग और लिपिक स्टाफ सहित कुल 15 लोगों पर एक सरकारी मामला दर्ज किया गया था। घटना के तुरंत बाद राजस्थान पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था।

शुरू में तो इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की गई थी, जबकि बहरोड़ उप-मंडल के मानधन पुलिस स्टेशन में जांच दल ने टीचरों के खिलाफ उनके एक पूर्व सहयोगी के कहने पर “झूठी शिकायतें” किए जाने के पहलू की जांच की थी, जिसे पिछले साल दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

अभियुक्त ने गवाह के रूप में दी थी गवाही

इसी स्कूल के एक टीचर को दलित छात्रा से छेड़छाड़ के आरोप में पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। चूंकि उसे हाल ही में जमानत पर रिहा किया गया था, इसलिए पुलिस को संदेह था कि वह स्टाफ सदस्यों के खिलाफ दर्ज की जा रही शिकायतों में शामिल हो सकता है, जिनमें से सभी ने मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में गवाह के रूप में उसके खिलाफ गवाही दी थी।

पुलिस का बयान

पुलिस ने आरोप लगाया कि देव प्रकाश यादव उसी स्कूल में तैनात था और पिछले साल एक नाबालिग छात्रा का यौन शोषण करने के आरोप में उसे जेल भेजा गया था। पुलिस ने आगे आरोप लगाया कि यादव ने लड़कियों के परिवारों को पैसे की पेशकश की थी। एसपी (भिवाड़ी) राम मूर्ति जोशी ने कहा कि पुलिस मामले में यादव और उनके सहयोगी के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, भिवाड़ी पुलिस को इस मामले में यादव की भूमिका पर लंबे समय से संदेह था, क्योंकि मामले में नामित टीचर उसके मामले में गवाह थे। बाद में वह जेल से बाहर आया और एक स्थानीय महिला के साथ साजिश रची जिसमें उन्होंने कथित तौर पर पैसे की पेशकश की और परिवारों को शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए राजी किया।

भिवाड़ी पुलिस ने कहा कि उनकी जांच में पाया गया कि यादव ने स्कूल के शिक्षकों को फंसाने के उद्देश्य से पूरी साजिश रची थी। यादव के साथ, पुलिस ममता नाम की एक महिला की संलिप्तता की भी जांच कर रही है, जिसने यादव के साथ मिलीभगत की थी। पुलिस ने कहा कि मामले में यादव की भूमिका के लिए उसके खिलाफ कार्रवाई की संभावना है।

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