बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay high court) ने अपने एक हालिया फैसले में रेप के एक आरोपित व्यक्ति को जमानत देते हुए कथित पीड़ित महिला की याचिका को खारिज कर दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, हाई कोर्ट ने महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि वह दो बार शादी कर चुकी है और किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाने के परिणामों से बेहतर तरीके से वाकिफ होगी। जस्टिस भारती डांगरे (Justice Bharati Dangre) ने 14 सितंबर के अपने आदेश का हवाला देते हुए महिला के आरोप को निराधार बताया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला का आरोप था कि आवेदक (आरोपी) ने उसके साथ खड़े होने की स्थिति में दो बार कम से कम संभव समय के भीतर सेक्स किया। महिला की शिकायत में कहा गया है कि करीब एक दशक पहले हुई उसकी पहली शादी से दो बच्चों थे, उस वक्त महिला की उम्र 22 साल की थी।
इसके बाद महिला ने एक कैटरर से दोबारा शादी की। महिला के मुताबिक, 20 फरवरी, 2021 को वह कैटरर पति के साथ काम पर गई थी। वहां से वापस निकलते समय रात करीब 11.30 बजे टेंपो में जगह न होने के कारण उसने आरोपी से कहा कि वह उसे छोड़ दे।
महिला का आरोप है कि कुछ दूर जाने के बाद आरोपी ने मोटरसाइकिल को एक नाले की दीवार के पास रोक दिया। इसके बाद एक जगह खड़े होकर महिला के साथ जबरन दो बार यौन संबंध बनाए। महिला के मुताबिक, आरोपी ने उसे धमकी दी कि वह किसी को इसके बारे में न बताए। इसके बाद महिला ने घर पहुंचने में देरी का कारण बताते हुए अपने पति से कहा कि वे गाड़ी में पेट्रोल डलवाने के लिए रुक गए थे।
हालांकि, कुछ दिनों बाद जब महिला के पति ने आरोपी के साथ उसके अफेयर के बारे में पूछताछ की तो उसने इस घटना का खुलासा किया। जिसके बाद इस मामले में 27 फरवरी को दोनों ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया। अगले दिन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया और तब से वह जेल में है।
हाई कोर्ट
हाई कोर्ट का मत था कि महिला के जरिए इस तरह का आरोप लगाया जाना अपने आप में ही सवाल खड़े करता है। महिला के वकील ने तर्क दिया कि कम समय में दो बार सेक्स करना असंभव है। महिला ने कहा कि उसने और आरोपी ने एक-दूसरे के साथ समय बिताया। दरअसल, वह डरी हुई थी और अपनी शादी को बचाने के लिए उसने अपने पति से झूठ बोला था। इस पर जस्टिस डांगरे ने कहा कि महिला के दाखिल किए गए आरोपपत्र से पता चलता है कि वह बड़ी थी और अपने कृत्य के परिणामों को समझने में सक्षम भी थी।
अदालत का कहना था कि हालांकि महिला न अपनी उम्र 22 साल बताई है, लेकिन यह सही नहीं लगता क्योंकि उसकी शादी 10 साल पहले हुई थी। जस्टिस डांगरे ने महिला के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि किसी भी मामले में, दो बार विवाहित होने के कारण वह किसी भी व्यक्ति के साथ शारीरिक रूप से लिप्त होने के परिणाम को समझने में सक्षम है।
हाई कोर्ट ने अपने फैसले के आखिरी में कहा कि महिला का आरोपी के साथ यौन संबंध सहमति से था, लेकिन अपनी शादी को बचाने के लिए उसने एक झूठी शिकायत दर्ज कराई। जस्टिस डांगरे ने कहा कि इस केस में ऐसी कोई वजह नहीं दिखती, जिससे कि आरोपी को अब जेल में रहना चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी को तुरंत जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया।
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