पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि किसी महिला को किसी से शादी करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता, भले ही वे अंतरंग संबंध में शामिल हों। एक महिला द्वारा शादी से इनकार करने के बाद एक युवक द्वारा आत्महत्या करने के मामले की सुनवाई करते हुए बेंच ने यह टिप्पणी की।
क्या है पूरा मामला?
Tribuneindia.com के मुताबिक, एक महिला द्वारा शादी से इनकार करने के बाद एक युवक द्वारा आत्महत्या करने के मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की खंडपीठ ने यह टिप्पणी की। जस्टिस गुरबीर सिंह ने उस महिला को अग्रिम जमानत दे दी, जिस पर 16 मार्च को लुधियाना के एक पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया था।
हाई कोर्ट का आदेश
दोनों पक्षों को सुनने और सुसाइड नोट सहित मामले के रिकॉर्ड को देखने के बाद जस्टिस सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता और युवक के बीच अंतरंग संबंध थे, जो बाद में तनावपूर्ण हो गए। महिला के परिवार ने उस संबंध में पुलिस को एक आवेदन दिया था, और वे 27 फरवरी को एक समझौते पर पहुंचे थे। जस्टिस सिंह ने आगे कहा कि इसका मतलब है कि 27 फरवरी के बाद और उससे पहले भी याचिकाकर्ता और राहुल (अब मृतक) के बीच कोई अंतरंगता नहीं बची थी। इसके बाद याचिकाकर्ता को किसी भी प्रत्यक्ष कृत्य के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। वह अविवाहित लड़की है और उससे कोई बरामदगी नहीं की जानी है। याचिकाकर्ता से हिरासत में पूछताछ बिल्कुल भी आवश्यक नहीं है।
सुसाइड नोट का हवाला देते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता है कि याचिकाकर्ता 27 फरवरी के बाद कभी भी युवा के संपर्क में आया था। अपराध की गंभीरता निस्संदेह अग्रिम जमानत की रियायत देने या अस्वीकार करने के कारकों में से एक थी। लेकिन यह बहस का विषय है कि क्या मौजूदा मामले में याचिकाकर्ता की ओर से किसी भी भूमिका के परिणामस्वरूप आत्महत्या हुई?
मामले से अलग होने से पहले जस्टिस गुरबीर सिंह ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता से हिरासत में पूछताछ आवश्यक नहीं थी और वह एक अविवाहित लड़की थी, इसलिए मामले की योग्यता पर चर्चा किए बिना वर्तमान याचिका को अनुमति दी गई थी। उन्होंने आगे कहा कि याचिकाकर्ता को निर्देश दिया जाता है कि जब भी जांच एजेंसी को आवश्यकता हो, वह जांच में शामिल हो। याचिकाकर्ता के जांच में शामिल होने की स्थिति में उसे गिरफ्तार करने वाले अधिकारी या जांच अधिकारी द्वारा जमानत दी जाएगी।
Woman Can't Be Forced To Marry Boyfriend Even If She Shared Intimate Relationship With Him | Punjab Haryana HC
▪️The woman was facing abetment to suicide charges after her boyfriend ended life as she refused to marry him
▪️The High Court granted anticipatory bail since the… pic.twitter.com/zycyYEc5Yg
— Voice For Men India (@voiceformenind) September 3, 2023
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