छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने कहा है कि अगर कोई महिला पुरुषों की तरह मांसाहारी खाना, गुटखा या पान मसाला चबाकर या शराब का सेवन करके अपने पति को परेशान करती है, तो यह क्रूरता की कैटेगरी में आएगा। हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डबल बेंच ने इन आधारों पर पति को तलाक मांगने का अधिकारी बताया है।
क्या है पूरा मामला?
अदालत की यह टिप्पणी तलाक के एक मामले की सुनवाई के दौरान आया। एक व्यक्ति द्वारा दायर तलाक याचिका को जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डबल बेंच ने स्वीकार कर लिया। इस मामले में आरोपी छत्तीसगढ़ के बांकी मोंगरा का रहने वाला था। शादी के सात दिन बाद उसने अपनी पत्नी को बेडरूम के बिस्तर पर बेहोश पाया।
इंडिया टुडे के अनुसार, जब वह अपनी पत्नी को डॉक्टर के पास ले गया, तो उसे बताया गया कि उसकी पत्नी को मांसाहारी खाना, गुटखा चबाना और शराब पीने की लत है। महिला के विरोध करने पर उसके ससुराल वालों ने उसे मांसाहारी खाना और गुटखा चबाना छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश की। हालांकि, वह नहीं मानी।
कुछ दिनों बाद, महिला ने कथित तौर पर अपने ससुराल वालों के साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। याचिका में शख्स ने आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी बेडरूम में इधर-उधर थूकती थी और इस बारे में उससे बहस करती थी। पति ने आरोप लगाया कि उसने दो बार कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की।
फैमिली कोर्ट ने हालांकि शख्स की याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद उसने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट की बेंच ने फैमिली कोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए शख्स की तलाक की अपील को स्वीकार कर लिया।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाई कोर्ट ने तलाक को लेकर अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि पत्नी अगर पुरुषों की तरह पान मसाला, गुटखा और शराब के साथ मांस खाकर पति को परेशान करती है, तो यह क्रूरता है। हाई कोर्ट ने कहा कि इस तरह का व्यवहार गंभीर तरह की गैर-जिम्मेदारी और क्रूरता है।
https://www.indiatoday.in/india/story/chhattisgarh-high-court-divorce-verdict-wife-harassing-husband-eating-non-veg-food-chewing-gutka-consuming-alcohol-2314482-2022-12-28
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