• होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?
Voice For Men
Advertisement
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
Voice For Men
No Result
View All Result
Home हिंदी कानून क्या कहता है

मृतक कर्मचारी की दूसरी पत्नी से पैदा हुआ बच्चा कंपैशनेट अपॉइंटमेंट पाने के योग्य होगा: राजस्थान हाईकोर्ट

Team VFMI by Team VFMI
November 24, 2022
in कानून क्या कहता है, हिंदी
0
voiceformenindia.com

Child Born From Second Wife Of A Deceased Employee Eligible For Compassionate Appointment: Rajasthan High Court (Representation Image Only)

11
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterWhatsappTelegramLinkedin

राजस्थान हाईकोर्ट ( Rajasthan High Court) की जोधपुर बेंच ने एक फैसले के दौरान माना कि मृतक कर्मचारी की दूसरी पत्नी से पैदा हुआ बच्चा कंपैशनेट अपॉइंटमेंट (Compassionate Appointment) पाने के लिए योग्य है। इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस कुलदीप माथुर की पीठ ने मुकेश कुमार बनाम भारत संघ 2022 लाइव लॉ (एससी) 205 (Mukesh Kumar vs Union of India 2022 LiveLaw (SC) 205) के मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर भरोसा किया, जिसमें यह माना गया है कि कंपैशनेट अपॉइंटमेंट पॉलिसी मृतक कर्मचारी के बच्चों को वैध और नाजायज के रूप में वर्गीकृत करके केवल वंश के आधार पर किसी व्यक्ति के खिलाफ भेदभाव नहीं कर सकती है।

क्या है पूरा मामला?

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट ने हेमेंद्र पुरी द्वारा दायर एक इंट्रा-कोर्ट अपील पर विचार करते हुए उक्त टिप्पणी की। इस अपील में सिंगल जज के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता के दिवंगत पिता के स्थान पर जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी में कंपैशनेट अपॉइंटमेंट की मांग करने वाली उसकी रिट याचिका को खारिज कर दिया गया था। अपीलकर्ता के पिता की मृत्यु दिसंबर 2004 में जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी के साथ ‘तबला वादक’ के रूप में काम करने के दौरान हुई थी। अपीलकर्ता और प्रतिवादी संख्या-4 (मृतक की दूसरी पत्नी के माध्यम से पैदा हुआ बच्चा) ने कंपैशनेट के आधार पर नियुक्ति के लिए आवेदन किया था।

प्रतिवादी का तर्क

प्रतिवादी यूनिवर्सिटी ने राजस्थान के मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपात्मक नियुक्ति नियम, 1996 और अगस्त 2005 के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए दोनों आवेदनों पर विचार किया और प्रतिवादी संख्या-4 के पक्ष में कंपैशनेट अपॉइंटमेंट का निर्णय दे दिया। इससे व्यथित होकर अपीलार्थी ने एक रिट याचिका दायर की, जिसे अप्रैल 2018 में खारिज कर दिया गया। इसलिए, विशेष अपील यह तर्क देते हुए दायर की गई थी कि मृतक कर्मचारी की प्रतिवादी संख्या-4 की मां के साथ दूसरी शादी संदिग्ध थी और इसलिए, कंपैशनेट अपॉइंटमेंट उसे नहीं दी जा सकती थी।

यह भी तर्क दिया गया कि अपीलकर्ता मृतक कर्मचारी के स्थान पर कंपैशनेट अपॉइंटमेंट के लिए पूरी तरह से योग्य और हकदार था। हालांकि, कंपैशनेट अपॉइंटमेंट का दावा करने के उसके अधिकार को अवैध रूप से अनदेखा करते हुए, प्रतिवादी संख्या- 4 को नियुक्त कर दिया गया।

हाई कोर्ट का फैसला

शुरुआत में, कोर्ट ने मुकेश कुमार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का हवाला देते हुए कहा कि कंपैशनेट अपॉइंटमेंट की पॉलिसी, जिसमें कानून का बल है, को आर्टिकल 16(2) में उल्लिखित किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए, जिसमें वंश भी शामिल है। इसके अलावा, कोर्ट ने राजस्थान के मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपात्मक नियुक्ति नियम, 1996 पर भी ध्यान दिया, यह निष्कर्ष निकालने के लिए कि प्रतिवादी संख्या-4 द्वारा कंपैशनेट अपॉइंटमेंट के लिए प्रस्तुत आवेदन को केवल इस आधार पर प्रतिवादी यूनिवर्सिटी द्वारा खारिज नहीं किया जा सकता था कि वह दूसरी पत्नी से पैदा हुआ बच्चा है।

कोर्ट ने सिंगल जज के आदेश को बरकरार रखते हुए आगे कहा कि, ”1996 के नियमों के नियम 10(2) के अनुसार यदि एक से अधिक आश्रित कंपैशनेट के आधार पर रोजगार का दावा करते हैं तो विभागाध्यक्ष परिवार के समग्र हित और कल्याण को ध्यान में रखते हुए कंपैशनेट अपॉइंटमेंट के आवेदनों का निर्णय करने के लिए सक्षम है। कोर्ट ने कहा कि उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, हमारा दृढ़ मत है कि सक्षम प्राधिकारी अर्थात विभागाध्यक्ष ने प्रस्तुत किए गए आवेदन को 1996 के नियमों के अनुरूप मानकर सही किया था और उसके पक्ष में नियुक्ति का प्रस्ताव जारी किया था। इसके साथ ही विशेष अपील योग्यता से रहित होने के कारण खारिज कर दी गई।

Join our Facebook Group or follow us on social media by clicking on the icons below

Donate to Voice For Men India

If you find value in our work, you may choose to donate to Voice For Men Foundation via Milaap OR via UPI: voiceformenindia@hdfcbank (80G tax exemption applicable)

Donate Now (80G Eligible)

Follow Us

Team VFMI

Team VFMI

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

योगदान करें! (80G योग्य)
  • Trending
  • Comments
  • Latest
mensdayout.com

पत्नी को 3,000 रुपए भरण-पोषण न देने पर पति को 11 महीने की सजा, बीमार शख्स की जेल में मौत

February 24, 2022
hindi.mensdayout.com

छोटी बहन ने लगाया था रेप का झूठा आरोप, 2 साल जेल में रहकर 24 वर्षीय युवक POCSO से बरी

January 1, 2022
hindi.mensdayout.com

Marital Rape Law: मैरिटल रेप कानून का शुरू हो चुका है दुरुपयोग

January 24, 2022
hindi.mensdayout.com

राजस्थान की अदालत ने पुलिस को दुल्हन के पिता पर ‘दहेज देने’ के आरोप में केस दर्ज करने का दिया आदेश

January 25, 2022
hindi.mensdayout.com

Swiggy ने महिला डिलीवरी पार्टनर्स को महीने में दो दिन पेड पीरियड लीव देने का किया ऐलान, क्या इससे भेदभाव घटेगा या बढ़ेगा?

1
hindi.mensdayout.com

पत्नी को अंतरिम गुजारा भत्ता देने के दौरान नहीं, एडल्ट्री का फैसला बाद में होगा: दिल्ली हाई कोर्ट

0
hindi.mensdayout.com

ब्रिटेन की अदालत ने दुबई के शासक को तलाक के रूप में पत्नी को 5,500 करोड़ रुपये गुजारा भत्ता देने का दिया आदेश, पढ़िए सबसे महंगे Divorce की पूरी कहानी

0
hindi.mensdayout.com

Maharashtra Shakti Bill: अब महाराष्ट्र में यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज करने वालों को होगी 3 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना

0
voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को स्वीकार करने वाली पत्नी बाद में तलाक के मामले में इसे क्रूरता नहीं कह सकती: दिल्ली HC

October 9, 2023
voiceformenindia.com

बहू द्वारा उत्पीड़न की शिकायत के बाद TISS की पूर्व डॉयरेक्टर, उनके पति और बेटे पर मामला दर्ज

October 9, 2023

सोशल मीडिया

नवीनतम समाचार

voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को स्वीकार करने वाली पत्नी बाद में तलाक के मामले में इसे क्रूरता नहीं कह सकती: दिल्ली HC

October 9, 2023
voiceformenindia.com

बहू द्वारा उत्पीड़न की शिकायत के बाद TISS की पूर्व डॉयरेक्टर, उनके पति और बेटे पर मामला दर्ज

October 9, 2023
वौइस् फॉर मेंन

VFMI ने पुरुषों के अधिकार और लिंग पक्षपाती कानूनों के बारे में लेख प्रकाशित किए.

सोशल मीडिया

केटेगरी

  • कानून क्या कहता है
  • ताजा खबरें
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • हिंदी

ताजा खबरें

voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
  • होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?

© 2019 Voice For Men India

No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English

© 2019 Voice For Men India