राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक फैमिली कोर्ट (Jaipur Family Court) ने बच्चों के पालन पोषण मामले में जज पत्नी के प्रार्थना पत्र पर सरकारी वकील पति को हर माह गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है। महिला जज ने सरकारी वकील पति द्वारा किए गए कथित अन्याय के खिलाफ कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला जज और सरकारी वकील पति-पत्नी हैं।
क्या है पूरा मामला?
जयपुर में फैमिली कोर्ट ने बच्चों के पालन पोषण मामले में जज पत्नी के प्रार्थना पत्र पर सरकारी वकील पति को हर माह गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया गया है। जयपुर शहर की फैमिली कोर्ट-1 ने बच्चों के भरण पोषण के लिए हर महीने 24,000 रुपये देने का आदेश दिया है। अदालत ने इस राशि की गणना 20 दिसंबर 2021 से करने को कहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्रीगंगानगर के श्रीकरनपुर में सेवारत एडीजे इंदिरा बनेरा ने अपने बच्चों के पालन-पोषण की ओर से जयपुर स्थित फैमिली कोर्ट नंबर 1 में याचिका दायर की थी।
पत्नी जज का तर्क
दायर याचिका के अनुसार, इंदिरा बनेरा ने कहा कि उन्होंने 24 नवंबर, 2007 को जयपुर में अपने पति भरत से अजमेर में शादी की थी। उनकी 2010 में एक बेटी और 2015 में एक बेटा हुआ। दोनों बच्चे इंदिरा और उनके पति भरत के साथ रहते हैं। पति ने कभी उनकी जिम्मेदारी नहीं ली। यह भी आरोप लगाया गया कि भरत और उसके परिवार ने बच्चों के साथ कभी अच्छा व्यवहार नहीं किया और न ही उनकी कोई देखभाल या चिंता दिखाई। भरत ने बच्चों की परवरिश की कोई जिम्मेदारी नहीं ली, इसलिए उन्होंने बच्चों के भरण-पोषण की मांग की। पत्नी ने यह भी आरोप लगाया है कि शादी के समय भरत रोजगार की तलाश में था। उन्होंने उसे वित्तीय सहायता प्रदान की, जिससे वह अजमेर में सहायक परियोजना अधिकारी बन गया। इसके बाद भी उन्होंने कोई जिम्मेदारी नहीं ली।
याचिका खारिज करने की मांग
दूसरी ओर पति के वकील डीएस शेखावत ने अदालत में तर्क दिया कि अकेले शिकायतकर्ता की सैलरी 2 लाख रुपये से अधिक है, जबकि उसके पति का वेतन केवल 75,000 रुपये है। शिकायतकर्ता की पत्नी ने तलाक की अर्जी खुद दाखिल की थी। वह बच्चों की देखभाल करने में सक्षम है। इसलिए याचिका खारिज की जाए।
कोर्ट का फैसला
दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट के पीठासीन अधिकारी अरुण कुमार दुबे ने पति को दोनों बच्चों के लिए 12 हजार रुपये मासिक भरण-पोषण भत्ता देने का आदेश दिया। इसके अतिरिक्त, अदालत ने उन्हें 20 दिसंबर, 2021 से रखरखाव राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने सरकारी वकील को बच्चों के अंतरिम भरण-पोषण के लिए हर महीने टोटल 24 हजार रुपये देने का निर्देश दिया है।
https://voiceformenindia.com/rajasthan-jaipur-family-court-orders-lawyer-husband-to-pay-maintenance-for-children-to-judge-wife/
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