आज हम आपको उत्तर प्रदेश की एक ऐसी महिला क्रिमिनल के बारे में बता रहे हैं, जो कभी बागपत के एक कॉलेज की प्रिंसिपल हुआ करती थी और आज वो उत्तर प्रदेश पुलिस की मोस्ट वांटेड महिला क्रिमिनल है। इस लेडी डॉन का नाम दीप्ति बहल (UP Most Wanted Woman Criminal Deepti Bahal) है। दिप्ती पर 5 लाख रुपए का इनाम है और आज उसे कई क्राइम एजेंसियां तलाश कर रही हैं। दीप्ति के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस तक जारी किया जा सकता है।
कौन है दीप्ति बहल?
दरअसल, टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक दिल्ली-NCR के लोनी में रहने वाली दीप्ति बाइक बॉट घोटाले की मुख्य आरोपियों में से एक है। वह बाइक टैक्सी वेंचर को बढ़ावा देने की आड़ में नोएडा से ऑपरेशन चलाने वाले मास्टरमाइंड संजय भाटी की पत्नी है। इस मामले की जांच कर रही मेरठ आर्थिक अपराध शाखा ने अनुमान लगाया है कि यह स्कैम करीब 4,500 करोड़ रुपए का है। इस मामले में पूरे देश भर में 250 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। दीप्ति 2019 से फरार है। वह 2019 में बाइक बॉट घोटाले में पहला मामला दर्ज होने के बाद से फरार है।
क्या है आरोप?
मेरठ में ईओडब्ल्यू के एक अधिकारी ने TOI को बताया कि 2019 में घोटाले की जांच कर रही यूपी पुलिस ने पाया कि उनके पति संजय भाटी और उनके परिवार के सदस्यों ने 20 अगस्त, 2010 को गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड (जीआईपीएल) नामक एक रियल एस्टेट कंपनी शुरू की थी। ग्रेटर नोएडा से चलाई जा रही यह कंपनी बाइक बॉट की प्रमोटर बनी। अधिकारियों ने कहा कि अगस्त 2017 में भाटी ने कंपनी के माध्यम से ‘बाइक बॉट- जीआईपीएल की ओर से संचालित बाइक टैक्सी’ योजना शुरू की और दीप्ति को कंपनी में अतिरिक्त निदेशक बनाया गया। कोर्ट की एक सुनवाई के दौरान दीप्ति के वकील ने दावा किया कि दीप्ति कंपनी की गैर-कार्यकारी निदेशक थी। उसने 14 फरवरी 2017 को फर्म से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन जब दीप्ति के खिलाफ मामला दर्ज हुआ तो वह फरार हो गई।
कॉलेज में प्रिंसिपल थी आरोपी
पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान हमने पाया कि वह शादी से पहले बागपत में स्थित बड़ौत कॉलेज ऑफ एजुकेशन में प्रिंसिपल थीं। पहली बार साल 2020 में ईडब्लूओ ने दीप्ति के पकड़े जाने पर 50,000 रुपए के इनाम की घोषणा की थी, लेकिन अब यह 5 लाख तक पहुंच चुका है। मार्च 2021 में जांच एजेंसियों ने लोनी में स्थित उसके घर को कुर्क कर दिया। फिलहाल, दीप्ति और मामले के एक अन्य आरोपी भूदेव सिंह के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की कार्रवाई चल रही है। अधिकारियों ने अखबार को बताया कि दीप्ति का नाम ग्रेटर नोएडा में दर्ज सभी 118 मामलों और देश भर में दायर 150 से अधिक अन्य मामलों में है।
मेरठ में उसके घर की तलाशी लेने वाली टीमों ने पाया कि वह लगभग 10 साल पहले शहर छोड़कर चली गई थी। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने घोटाले में दर्ज सभी मामलों को क्लब करने का आदेश जारी किया था। सूत्रों ने टीओआई को बताया कि हो सकता है कि दीप्ति देश छोड़कर भाग गई हो। फिलहाल, दीप्ति और मामले के एक अन्य आरोपी भूदेव सिंह के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की कार्रवाई चल रही है।
216 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त
अधिकारी ने कहा, “दीप्ति का नाम ग्रेटर नोएडा में दर्ज सभी 118 मामलों और देश भर में दायर 150 से अधिक अन्य मामलों में है। मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल किए गए 31 लोगों और 13 कंपनियों को चार्जशीट में नामजद किया गया है।” अब तक पुलिस ने गरविट इनोवेटर्स के नाम पर रजिस्टर्ड वाहनों को जब्त कर लिया है, जिसमें एक रेंज रोवर और एक फॉर्च्यूनर शामिल है। इसके अलावा 216 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति भी जब्त की गई है।
बड़े रिटर्न का की थी वादा
बाइक बॉट योजना ने ग्राहकों को मोटरसाइकिलों में उनके निवेश पर बड़े रिटर्न का वादा किया था, जिन्हें दोपहिया टैक्सी के रूप में इस्तेमाल किया जाना था। निवेशकों को एक बाइक के लिए 62,100 रुपये देने को कहा गया। कंपनी ने प्रति माह 5,175 रुपये की EMI की पेशकश की और प्रति माह 4,590 रुपये प्रति बाइक का किराया तय किया। इस योजना में प्रति बाइक 5% मासिक किराए की आय बोनस भी शामिल है। निवेशकों का विश्वास हासिल करने के लिए कंपनी ने उनके साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें यह आश्वासन दिया गया कि उनका पैसा सुरक्षित था और निवेश पर प्रतिफल सुरक्षित था।
केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) के पास दर्ज एक FIR में कहा गया है, “यह भी आरोप लगाया गया है कि निवेशकों से पैसा निकालने के लिए कंपनी ने ‘बाइक बॉट- जीआईपीएल द्वारा संचालित बाइक टैक्सी’ जैसे विज्ञापन बहुत जल्द संलग्न किए जाएंगे और जो लोग इसका लाभ उठाना चाहते हैं इस योजना में जल्द पैसा जमा करना चाहिए। इस तरह के विज्ञापनों पर करीब 2 लाख निवेशकों ने पैसा लगाया।”
यह योजना अगस्त 2017 में शुरू की गई थी और निवेशकों से पैसा इकट्ठा करने और उन्हें भुगतान जारी करने की प्रक्रिया 2019 की शुरुआत तक चली। नवंबर 2018 में कंपनी ने ई-बाइक के लिए एक और योजना शुरू की। ई-बाइक के लिए सदस्यता राशि नियमित पेट्रोल बाइक के लिए निवेश राशि से लगभग दोगुनी थी। 2019 में योजना में भाग लेने वाले लगभग दो लाख निवेशकों ने पुलिस से संपर्क किया और भाटी और उनकी फर्म के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जब उन्हें वादा किया गया रिटर्न नहीं मिला।
CBI ने शुरू की जांच
सीबीआई नोएडा के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड, संजय भाटी और अन्य के खिलाफ दादरी पुलिस स्टेशन में दर्ज विभिन्न FIR के आधार पर घोटाले की मनी-लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की है। भाटी ने 2019 में सूरजपुर की एक स्थानीय अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
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