• होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?
Voice For Men
Advertisement
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
Voice For Men
No Result
View All Result
Home हिंदी कानून क्या कहता है

दहेज उत्पीड़न मामले में दिल्ली की अदालत ने ससुराल वालों को किया बरी, कई सालों तक मुकदमा झेलने वाले परिवार को 10,000 रुपये मुआवजा देने का निर्देश

Team VFMI by Team VFMI
February 19, 2022
in कानून क्या कहता है, हिंदी
0
mensdayout.com

Delhi Court Acquits In-Laws In False Dowry Harassment Case | Grants Rs 10,000 Compensation After Suffering Trial For Several Years (Representation Image Only)

46
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterWhatsappTelegramLinkedin

दिल्ली की एक अदालत (Delhi Court) ने अपनी बहू के साथ क्रूरता करने के आरोपी पति के माता-पिता को यह कहते हुए बरी कर दिया है कि वैवाहिक अपराधों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए बनाए गए कानून को निर्दोष लोगों के उत्पीड़न के लिए एक उपकरण (tool) बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। बहू दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल है। यह मामला पिछले साल जून 2021 का है।

क्या है मामला?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसके पति ने तीस हजारी कोर्ट में एक सरकारी वकील के रूप में खुद को गलत तरीके से पेश किया, जबकि वह एक लोअर डिवीजनल क्लर्क के रूप में तैनात था। इसमें आगे आरोप लगाया गया था कि उसके पति और ससुराल वालों ने उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था।

मेट्रोपॉलिटन कोर्ट का आदेश

अदालत ने माना कि शिकायतकर्ता की झूठी गवाही, गवाहों को पेश करना और मामले में दस्तावेजों की जालसाजी शिकायतकर्ता के आचरण पर प्रकाश डालती है। आदेश पारित करते हुए मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट शिवानी चौहान ने कहा कि उसने विभिन्न आरोपों को झूठा और मनगढ़ंत बनाया है और आरोपी को परेशान करने के लिए महत्वपूर्ण तथ्यों को दबाया है एवं आईपीसी के प्रावधानों का दुरुपयोग किया है।

कोर्ट ने कहा कि ऐसी भयावह परिस्थितियों में अदालत से मूकदर्शक के रूप में बैठने की उम्मीद नहीं की जा सकती है, जहां कानून (जो पूरी तरह से पीड़ितों के लिए सामाजिक न्याय के लिए बनाया गया है) का दुरुपयोग और दुर्व्यवहार किया जा रहा है और निर्दोष व्यक्तियों के उत्पीड़न का एक टूल बनाया गया है।

अदालत ने यह भी कहा कि यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड पर सामग्री थी कि “स्त्रीधन” (streedhan) सूची किसी व्यक्ति द्वारा जाली और गढ़ी गई थी, जिसकी पहचान की जानी चाहिए और उस पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

माननीय अदालत ने दंपति को बरी कर दिया और अदालत ने ससुराल वालों को 10,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश देते हुए कहा कि उन्हें कई वर्षों तक मुकदमे की बदनामी का सामना करना पड़ा है और इस सिद्धांत को आगे बढ़ाते हुए कि गलत करने वालों को तुच्छ मुकदमे का लाभ नहीं मिलना चाहिए।

एमडीओ टेक

– क्या इस मामले में सिर्फ दंपत्ति को बरी किया जाना ‘न्याय’ है?
– जहां जज की मंशा की सराहना की जा रही है, वहीं समाज में बरसों प्रताड़ना और नाम बदनाम करने के बाद मुआवजे के तौर पर 10 हजार रुपये न्याय नहीं करता।
– ऐसा झूठा और तुच्छ मामला दर्ज करने वाली महिला और उसके परिवार को दोषी क्यों नहीं ठहराया जाता?
– जब व्यवस्था ऐसी महिलाओं को किसी भी परिणाम से बचने की अनुमति देती है, तो इसे दोहराने का डर लगभग शून्य होता है।
– जज ने जहां इस जाली दस्तावेजों के लिए जिम्मेदार व्यक्ति पर मुकदमा चलाने के लिए कहा है, वहीं इस तरह की कानूनी लड़ाई में शायद ही कोई अंत हो।

ये भी पढ़ें:

बेरोजगारी की दलील देकर पति अपनी पत्नी के भरण-पोषण की जिम्मेदारी से नहीं बच सकता: दिल्ली कोर्ट

दिल्ली की लड़की ने मेरठ के लड़के से की शादी, दूल्हे के परिवार ने लगाया पैसे के लिए बेटे को ब्लैकमेल करने का आरोप

ARTICLE IN ENGLISH:

Delhi Court Acquits In-Laws In False Dowry Harassment Case | Grants Rs 10,000 Compensation After Suffering Trial For Several Years

वौइस् फॉर मेंस के लिए दान करें!

पुरुषों के लिए समान अधिकारों के बारे में ब्लॉगिंग करना या जेंडर पक्षपाती कानूनों के बारे में लिखना अक्सर विवादास्पद माना जाता है, क्योंकि कई लोग इसे महिला विरोधी मानते हैं। इस वजह है कि अधिकांश ब्रांड हमारे जैसे पोर्टल पर विज्ञापन देने से कतराते हैं।

इसलिए, हम दानदाताओं के रूप में आपके समर्थन की आशा करते हैं जो हमारे काम को समझते हैं और इस उद्देश्य को फैलाने के इस प्रयास में भागीदार बनने के इच्छुक हैं। मीडिया में एक तरफा जेंडर पक्षपाती नेगेटिव का मुकाबला करने के लिए हमारे काम का समर्थन करें।

योगदान करें! (80G योग्य)

हमें तत्काल दान करने के लिए, ऊपर "अभी दान करें" बटन पर क्लिक करें। बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दान के संबंध में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। click here.

सोशल मीडियां

Tags: #पुरुषोंकीआवाजतलाक का मामलादिल्लीलिंग पक्षपाती कानूनसमानता समान होनी चाहिए
Team VFMI

Team VFMI

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

योगदान करें! (80G योग्य)
  • Trending
  • Comments
  • Latest
mensdayout.com

पत्नी को 3,000 रुपए भरण-पोषण न देने पर पति को 11 महीने की सजा, बीमार शख्स की जेल में मौत

February 24, 2022
hindi.mensdayout.com

छोटी बहन ने लगाया था रेप का झूठा आरोप, 2 साल जेल में रहकर 24 वर्षीय युवक POCSO से बरी

January 1, 2022
hindi.mensdayout.com

Marital Rape Law: मैरिटल रेप कानून का शुरू हो चुका है दुरुपयोग

January 24, 2022
hindi.mensdayout.com

राजस्थान की अदालत ने पुलिस को दुल्हन के पिता पर ‘दहेज देने’ के आरोप में केस दर्ज करने का दिया आदेश

January 25, 2022
hindi.mensdayout.com

Swiggy ने महिला डिलीवरी पार्टनर्स को महीने में दो दिन पेड पीरियड लीव देने का किया ऐलान, क्या इससे भेदभाव घटेगा या बढ़ेगा?

1
voiceformenindia.com

‘यहां वेस्टर्न सिस्टम नहीं है कि आज शादी करें और कल तलाक ले लें’, वैवाहिक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी

0
hindi.mensdayout.com

Maharashtra Shakti Bill: अब महाराष्ट्र में यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज करने वालों को होगी 3 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना

0
http://hindi.voiceformenindia.com/

पंजाब और हरियाणा HC ने 12 साल से पत्नी से अलग रह रहे पति की याचिका को किया खारिज, कहा- ‘तुच्छ आरोप तलाक का आधार नहीं हो सकते’, जानें क्या है पूरा मामला

0
voiceformenindia.com

‘यहां वेस्टर्न सिस्टम नहीं है कि आज शादी करें और कल तलाक ले लें’, वैवाहिक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी

October 25, 2022
voiceformenindia.com

‘शादी भंग हो चुका है, 498A के तहत दाखिल चार्जशीट बिना किसी तथ्य के है’, कर्नाटक हाईकोर्ट ने रद्द की पूर्व पति के खिलाफ कार्यवाही

October 25, 2022
voiceformenindia.com

Pratyusha Banerjee Suicide Case: राहुल राज सिंह ने प्रत्यूषा के माता-पिता को बताया लालची, काम्या पंजाबी-विकास गुप्ता पर केस करने की योजना

October 25, 2022
voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने पति और ससुराल वालों के खिलाफ फर्जी दहेज उत्पीड़न और अप्राकृतिक यौन मामले दर्ज करने वाली पत्नी को दिया 18 लाख रुपये का स्थायी गुजारा भत्ता

October 25, 2022

सोशल मीडिया

नवीनतम समाचार

voiceformenindia.com

‘यहां वेस्टर्न सिस्टम नहीं है कि आज शादी करें और कल तलाक ले लें’, वैवाहिक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी

October 25, 2022
voiceformenindia.com

‘शादी भंग हो चुका है, 498A के तहत दाखिल चार्जशीट बिना किसी तथ्य के है’, कर्नाटक हाईकोर्ट ने रद्द की पूर्व पति के खिलाफ कार्यवाही

October 25, 2022
voiceformenindia.com

Pratyusha Banerjee Suicide Case: राहुल राज सिंह ने प्रत्यूषा के माता-पिता को बताया लालची, काम्या पंजाबी-विकास गुप्ता पर केस करने की योजना

October 25, 2022
voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने पति और ससुराल वालों के खिलाफ फर्जी दहेज उत्पीड़न और अप्राकृतिक यौन मामले दर्ज करने वाली पत्नी को दिया 18 लाख रुपये का स्थायी गुजारा भत्ता

October 25, 2022
वौइस् फॉर मेंन

VFMI ने पुरुषों के अधिकार और लिंग पक्षपाती कानूनों के बारे में लेख प्रकाशित किए.

सोशल मीडिया

केटेगरी

  • कानून क्या कहता है
  • ताजा खबरें
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • हिंदी

ताजा खबरें

voiceformenindia.com

‘यहां वेस्टर्न सिस्टम नहीं है कि आज शादी करें और कल तलाक ले लें’, वैवाहिक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी

October 25, 2022
voiceformenindia.com

‘शादी भंग हो चुका है, 498A के तहत दाखिल चार्जशीट बिना किसी तथ्य के है’, कर्नाटक हाईकोर्ट ने रद्द की पूर्व पति के खिलाफ कार्यवाही

October 25, 2022
  • होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?

© 2019 Voice For Men India

No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English

© 2019 Voice For Men India