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Home हिंदी कानून क्या कहता है

नाबालिग लड़की के विरोधाभासी बयानों का हवाला देते हुए दिल्ली कोर्ट ने POCSO मामले में आरोपी को दी जमानत

Team VFMI by Team VFMI
June 5, 2023
in कानून क्या कहता है, हिंदी
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voiceformenindia.com

Husband Making Friends At Work Not Cruelty, Merely Drinking Alcohol Daily Doesn't Make Him Alcoholic When No Untoward Incident: Delhi High Court

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दिल्ली की एक अदालत (Delhi Court) ने 20 मई, 2023 को अपने आदेश में एक POCSO मामले में आरोपी को पीड़िता की गवाही में विरोधाभास का हवाला देते हुए जमानत दे दी। कोर्ट ने पाया कि पीड़िता का ताजा बयान मेडिकल जांच के समय डॉक्टर को दिए गए उसके पिछले बयान के विपरीत है। आरोपी 28 अक्टूबर 2022 से जेल में है।

क्या है पूरा मामला?

एक नाबालिग लड़की ने अपने माता-पिता को बताया कि पिछले साल अक्टूबर में चिराग शर्मा नाम के एक आरोपी ने उसका शारीरिक शोषण किया था। शिकायतकर्ता द्वारा डॉक्टर को दिए गए बयान के अनुसार, उसने दावा किया कि वह 26 अक्टूबर, 2022 को सुबह 11.30 बजे आरोपी के अपार्टमेंट में गई, जहां उसने उसे स्नैक्स और कॉफी की पेशकश की। कथित तौर पर वही खाने के बाद लड़की सो गई और जब वह उठी तो उसके कपड़े ‘गंदे’ थे। इसके बाद लड़की ने दावा किया कि वह उसी दिन शाम 5 बजे आरोपी के घर से निकली और अपने दोस्त के घर चली गई, जहां उसने उसके साथ हुई “गंदी हरकत” के बारे में जानकारी दी।

कोर्ट में अभियुक्तों की दलील

धारा 439 CrPC के तहत नियमित जमानत अर्जी के लिए बहस करते हुए आरोपी के वकील ने कहा कि उसके मुवक्किल को इस मामले में झूठा फंसाया गया है। वकील शैलेंद्र प्रताप सिंह ने अदालत को बताया कि आरोपी पिछले साल अक्टूबर से हिरासत में है। वर्तमान मामला झूठे और मनगढ़ंत भ्रामक तथ्यों पर आधारित है।

सिंह ने फिर पीड़िता और आरोपी के मोबाइल फोन के CDR रिकॉर्ड की ओर इशारा किया, जहां उनके द्वारा 26 अक्टूबर 2022 को सुबह 11:22 बजे से शाम 04:00 बजे के बीच एक-दूसरे को कुल 16 कॉल किए गए थे।

इस आधार पर मिली जमानत

फ्लैट में साथ होते तो एक दूसरे को मोबाइल पर कॉल क्यों करते? पीड़िता के स्थान चार्ट के अनुसार, वह 26 अक्टूबर 2022 को 12:52:05 बजे पते X पर मौजूद थी, जबकि आरोपी का स्थान 26.10.2022 को 12:53:16 बजे पते Y पर था। दोनों जगह एक दूसरे से काफी दूर हैं।

इसलिए, जैसा कि पीड़िता ने आरोप लगाया है, आरोपी अपने फ्लैट पर उपस्थित नहीं हो सकता है। FSL के नतीजे का अभी इंतजार है। अन्य गवाहों के साक्ष्य की रिकॉर्डिंग में काफी समय लगने की संभावना है।

जमानत का किया विरोध

राज्य के अतिरिक्त अभियोजक ने अपराध की प्रकृति और गंभीरता के आधार पर जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि बाल पीड़िता और अन्य सार्वजनिक गवाहों की जांच की जानी बाकी है। जांच अधिकारी ने भी आरोपी की जमानत अर्जी का विरोध किया। नाबालिग पीड़िता वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश हुई थी और आरोपी की जमानत अर्जी का विरोध किया था।

द्वारका कोर्ट का आदेश

द्वारका पॉक्सो कोर्ट के ASJ गगनदीप जिंदल ने कहा कि पॉक्सो एक्ट के तहत, आरोपियों से सख्ती से निपटने की जरूरत है। प्रत्येक मामले को तथ्यों और परिस्थितियों पर पहुंचना होगा। अदालत ने पाया कि दिनांक 27 अक्टूबर 2022 को दर्ज पीड़िता की मां की शिकायत पर धारा 376 IPC और धारा 4 पॉक्सो एक्ट के तहत वर्तमान FIR दर्ज की गई है।

पीड़िता ने अपने बयान में धारा 161 CrPC ने कहा है कि 25.10.2022 को वह अपनी सहेली से फोन पर बात कर रही थी। उसकी बुआ और बहन ने उसे देखा और डांटा था। दिनांक 26.10.2022 को प्रातः 10:00 बजे वह परिवार के सदस्यों को बिना बताए आरोपी से मिलने उसके फ्लैट पर गई, जहां आरोपी ने उसके साथ गलत हरकत की और वापस भेज दिया।

कोर्ट ने आगे कहा कि CrPC की धारा 164 के तहत दर्ज अपने बयान में उसने कहा है कि 26.10.2022 को आरोपी चिराग ने उसे अपने फ्लैट पर बुलाया जहां उसने उसके साथ गलत हरकत की। अपनी मेडिकल जांच के समय उसने 26.10.2022 को डॉक्टर से कहा था कि वह कॉमन फ्रेंड A के साथ आरोपी से मिली थी।

कोर्ट ने कहा कि नाबालिग लड़की द्वारा दिए गए बयान में विरोधाभास है। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि इस बात में विरोधाभास है कि पीड़िता आरोपी से कैसे मिली, चाहे वे कॉमन फ्रेंड A के माध्यम से मिले हों या इंस्टाग्राम के माध्यम से…। इसमें विरोधाभास है कि क्या पीड़िता खुद आरोपी के फ्लैट पर गई थी या उसे आरोपी ने बुलाया था। जब तक वह अभियुक्त के फ्लैट पर रही तब तक के संबंध में भी विरोधाभास है। एक समय वह आरोपी के फ्लैट से शाम 05:00 बजे निकली, जबकि मुख्य परीक्षा में उसने आरोपी के फ्लैट को रात 10:00 बजे छोड़ा।

अदालत ने आगे कहा कि इसमें भी विरोधाभास है कि आरोपी ने उसके साथ क्या गलत काम किया था। अपनी मेडिकल जांच के समय, उसने कहा कि वह नाश्ता और कॉफी खाकर सो गई और वह शाम 05:00 बजे उठी, उसने अपने कपड़े गंदे पाए। लेकिन उसने यह नहीं बताया कि उसके कपड़े कैसे गंदे थे। जबकि मुख्य पूछताछ में उसने बताया कि आरोपी ने उसके साथ करीब 03:00-04:00 बजे शारीरिक संबंध बनाए।

बयान में इन विसंगतियों का हवाला देते हुए द्वारका कोर्ट ने आरोपी को 20-20 हजार रुपये के निजी मुचलके और जमानती मुचलके पर जमानत दे दी। अदालत ने आखिरी में यह भी कहा कि इस आदेश को मामले की खूबियों पर राय की अभिव्यक्ति के रूप में नहीं माना जा सकता है।

READ ORDER | Delhi Court Grants Bail To Accused In POCSO Case After Citing Contradictory Statements By Minor Girl

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