दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (DCW Chief Swati Maliwal) एक बार फिर खबरों में हैं। दरअसल, DCW प्रमुख स्वाति मालीवाल ने 19 जनवरी को एक ट्वीट कर कहा था कि राजधानी में एम्स के बाहर एक कार से उन्हें 10-15 मीटर घसीटा गया। उनका कहना था कि गाड़ी की खिड़की में उनका हाथ फंस गया था और नशे में धुत वाहन चालक ने कार आगे बढ़ा दी। स्वाति मालीवाल का फोन आने पर दिल्ली पुलिस तुरंत हरकत में आई और कार चालक हरीश चंदर (Harish Chander) को गिरफ्तार कर लिया।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना कथित तौर पर 19 जनवरी तड़के की है जब आयोग की प्रमुख दिल्ली में महिला सुरक्षा का जायजा लेने के लिए अपनी टीम के साथ राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर थी। घटना के वक्त उनकी टीम उनसे कुछ दूर थी। मालीवाल ने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के द्वार संख्या दो के बाहर उनके सामने एक कार आकर रूकी और चालक ने उनसे बैठने के लिए कहा। मना करने पर वह चला गया लेकिन कुछ ही क्षणों में वह वापस आया और उनसे फिर वाहन में सवार होने को कहा।
मालीवाल के अनुसार इस बार वह कार चालक को डांटने के लिए उसकी ओर गईं लेकिन व्यक्ति ने तेज़ी से खिड़की का शीशा बंद कर दिया और उनका हाथ शीशे में फंस गया तथा उन्हें 10-15 मीटर तक घसीटा गया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि गश्ती वाहन ने तड़के करीब 3.05 बजे एम्स के सामने उन्हें देखा और उनसे पूछा कि क्या वह किसी परेशानी में हैं।
कार चालक गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार, मालीवाल ने उन्हें अपनी आपबीती सुनाई जिसके बाद उस कार का पता लगाया गया और कार चालक को पकड़ लिया गया। उन्होंने बताया कि उसकी पहचान दक्षिण दिल्ली के संगम विहार निवासी 47 वर्षीय हरीश चंद्र के तौर पर हुई है। दक्षिण दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) चंदन चौधरी ने बताया कि महिला आयोग की प्रमुख की शिकायत पर कार चालक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकना), 354 ( महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला करना या आपराधिक बल का इस्तेमाल) और 509 ( शब्द, मुद्रा या कृत्य के जरिए महिला की शील भंग करने का इरादा) के साथ-साथ मोटर वाहन अधिनियम के तहत कोटला मुबारकपुर थाने में मामला दर्ज किया गया है।
आरोपी को मिली जमानत
दिल्ली की एक महिला कोर्ट ने स्वाति मालीवाल से कथित छेड़छाड़ करने और उन्हें घसीटने के आरोपी व्यक्ति को शनिवार 21 जनवरी को यह कहते हुए जमानत दे दी कि मौजूदा अवस्था में आरोपी के खिलाफ समय पूर्व सुनवाई करना अनुचित होगा। पीटीआई के मुताबिक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट संघमित्रा ने कहा कि मेरा विचार है कि अभियुक्त को सलाखों के पीछे रखने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा। इसके बाद, आरोपी हरीश चंदर को 50,000 रुपये के मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत राशि पर जमानत दे दी गई।
अदालत ने कहा कि जमानत की अन्य शर्तों में चंदर को इस तरह का अपराध नहीं करना, सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करना, आवश्यकता पड़ने पर जांच में शामिल होना, अपना पता और फोन नंबर देना और शिकायतकर्ता, उसके परिवार के सदस्यों एवं अन्य गवाहों से सीधे या परोक्ष रूप से संपर्क नहीं करना या धमकी नहीं देना शामिल है। अदालत ने कहा कि सभी अपराधों में सात साल से कम के कारावास का प्रावधान है। IPC की धारा 354 को छोड़कर सभी अपराध प्रकृति में जमानती हैं।
BJP का आरोप
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद कई बीजेपी नेताओं ने इस घटना को मालीवाल द्वारा रचा गया नाटक करार दिया है। बीजेपी का कहना है कि इसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी को महिलाओं के लिए असुरक्षित शहर के रूप में दिखाकर दिल्ली को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करना था। उन्होंने यह भी दावा किया था कि आरोपी चंदर संगम विहार इलाके में आम आदमी पार्टी (AAP) का एक प्रमुख कार्यकर्ता है।
मालीवाल ने बीजेपी को जवाब देते हुए कहा कि जब तक जिंदा रहेंगी लड़ती रहेंगी। ट्विटर पर मालीवाल ने पलटवार करते हुए लिखा कि मैं उन्हें बता दूं जो सोचते हैं कि वे मेरे बारे में गंदे झूठ बोलकर मुझे डराएंगे। इस छोटे से जीवन में मैंने सिर पर कफन लिए हुए कई बड़े काम किए हैं। मुझ पर कई बार हमला किया गया, लेकिन मैं रुकी नहीं। हर अत्याचार के साथ मेरे अंदर की आग और तेज होती गई। मेरी आवाज को कोई दबा नहीं सकता। जब तक जिंदा हूं लड़ती रहूंगी!
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