राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) की एक महिला ने अपने पिता की मदद से अपने ससुर के खिलाफ रेप का झूठा केस दर्ज करा दिया। जिसके बाद दिल्ली की एक अदालत ने 17 मई को दिल्ली पुलिस को दोनों के खिलाफ झूठा दावा करने के लिए कड़ी फटकार लगाते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया।
क्या है पूरा मामला?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायत दर्ज कराने वाली महिला की 2014 में शादी हुई थी। उसने अपने ससुराल वालों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। साथ ही उसके द्वारा अपने ससुर पर बलात्कार का आरोप भी लगाया गया था। महिला के दावों का उसके पति सहित पूरे परिवार ने भी समर्थन किया था।
कोर्ट का आदेश
इस बीच, अतिरिक्त सत्र अदालत के जज ने ससुर, महिला के पति और उसकी ननद को दहेज प्रताड़ना के झूठे आरोपों से भी बरी कर दिया। 73 पेज के अपने फैसले में कोर्ट ने कहा, ‘बलात्कार एक जघन्य अपराध है, लेकिन रेप के झूठे आरोपों से भी सख्ती से निपटने की जरूरत है। इससे आरोपी का बहुत अपमान होता है।’
कोर्ट के मुताबिक, महिला द्वारा फर्जी आरोप लगाया था कि उसके ससुर ने उसके साथ रेप किया। अदालत ने कहा कि महिला के झूठे आरोपों का समर्थन उसके अपने पिता ने किया था, जो एक वकील भी हैं। जज ने आगे कहा, “स्वयं एक वकील होने के नाते, उन्होंने शपथ की पवित्रता नहीं रखी और झूठी कहानियां गढ़ते रहे।”
आदेश में कहा गया कि उन्होंने (लड़की के पिता) जो किया वह न केवल अतिशयोक्ति है, बल्कि एक अवैध कार्य के दायरे में भी आता है। झूठा आरोप लगाना अपराध है और इस अदालत का मानना है कि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।
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