“घरेलू हिंसा (Domestic Violence)” शब्द सुनते ही हमारे दिमाग में सबसे पहली छवि क्या आती है? दुख की बात है कि हमारे दिमाग में सबसे पहले एक पुरुष को एक महिला की पिटाई करने का ख्याल आता है, क्योंकि लोगों के दिमाग में यह घर कर गया है कि घरेलू हिंसा का मतलब हमेशा महिलाएं ही पीड़ित होती हैं।
हालांकि, उपरोक्त बातों से इनकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन बेटियों द्वारा अपने बुजुर्ग माता-पिता की पिटाई भी एक वास्तविकता है। ऐसा ही एक मामला इस महीने की शुरुआत में केरल से सामने आया था।
क्या है पूरा मामला?
केरल के पठानपुरम जिले में एक वृद्ध महिला को उसकी बेटी ने बांधकर पीटा। पीड़ित की पहचान नेदुम्पराम्बु की मूल निवासी लीलम्मा के रूप में हुई है, जिसे उसकी बेटी लीना ने उनके घर के पिछवाड़े में एक पोल से बांध दिया था और पीटा भी गया था।
स्थानीय पंचायत सदस्य अर्शा मोल ने बीच-बचाव करने की कोशिश की तो बेटी ने उसके साथ भी मारपीट की। इसके बाद घायल पंचायत सदस्य को अस्पताल ले जाया गया जहां उनका इलाज किया गया। लीलम्मा के मुताबिक, उसकी बेटी उसे संपत्ति के लिए लगातार प्रताड़ित करती थी।
पठानपुरम पुलिस ने आरोपी बेटी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले में मामला दर्ज किया है। मानवाधिकार आयोग के सदस्य ने कोल्लम ग्रामीण जिला पुलिस प्रमुख को एक आदेश जारी कर 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।
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https://voiceformenindia.com/daughter-ties-old-mother-to-a-pole-beats-her-up-for-property-domestic-violence-has-no-gender/
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