अपनी बेटियों को एक मां का प्यार दे सके, इसके लिए एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी से अलग होकर कानूनी रूप से अपनी जेंडर पहचान ही बदल ली। इक्वाडोर (Ecuador) के रहने वाले व्यक्ति ने कहा कि उसने अपनी दो बेटियों की कस्टडी जीतने के लिए अपनी जेंडर पहचान बदली है।
क्या है पूरा मामला?
न्यूयॉर्क पोस्ट ने 47 वर्षीय रेने सेलिनास रामोस के हवाले से कहा, “मैं जिस चीज की तलाश कर रहा हूं, वह वह प्यार और सुरक्षा देना है जो एक मां अपने बच्चों को दे सकती है।” 2015 में इक्वाडोर ने एक कानून पारित किया जो लोगों को कानूनी रूप से सरकार द्वारा जारी दस्तावेजों पर अपना जेंडर बदलने की अनुमति देता है।
रामोस के आधिकारिक आईडी कार्ड के अनुसार, वह अब ‘फेमेनिनो (Femenino)’ के रूप में सूचीबद्ध हैं। हालांकि, शख्स अभी भी खुद को एक सिजेंडर पुरुष के रूप में देखता है। सेलिनास रामोस ने दावा किया कि उनकी दो बेटियां अपनी मां के घर में अपमानजनक माहौल में रह रही थीं और उन्होंने पिछले पांच महीनों में उन्हें नहीं देखा था।
इस बीच बेटियों की कस्टडी को लेकर जंग अब भी जारी है। न्यूयॉर्क पोस्ट को दिए एक बयान में रामोस ने कहा कि इक्वाडोर में कानून महिलाओं को बच्चों के अधिकार देता है। उन्होंने कहा, “इस पल के अनुसार, मैं महिला हूं। अब मैं एक मां भी हूं।” मामले के सुलझने तक रामोस की बेटियां अपनी मां के साथ रहेंगी।
इक्वाडोर में क्या है LGBT अधिकार?
1998 में इक्वाडोर संवैधानिक रूप से यौन अभिविन्यास के आधार पर भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था। 2016 के जेंडर पहचान कानून के तहत, देश में ट्रांसजेंडरों को बिना किसी सर्जरी के पूरी तरह से आत्मनिर्णय के आधार पर अपने कानूनी जेंडर को बदलने का अधिकार है।
कानून इक्वाडोर के लोगों को जन्म के समय सौंपे गए जेंडर के बजाय अपनी लैंगिक पहचान बताने की अनुमति देता है। कानून अपना जेंडर और जन्म नाम बदलने के इच्छुक लोगों को नए कानूनी आईडी कार्ड भी देता है।
इसके अतिरिक्त, 2008 से विवाह के सभी अधिकारों के साथ नागरिक संघ (गोद लेने के अलावा) समलैंगिक कपल के लिए उपलब्ध हैं। इक्वाडोर में पुरुष और महिला दोनों समलैंगिक यौन गतिविधि कानूनी है और समलैंगिक कपल नागरिक संघों और समलैंगिक विवाह कर सकते हैं।
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