मैरिटल रेप (Marital Rape) को अपराध की श्रेणी में शामिल करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर इस समय दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में सुनवाई चल रही है और फिलहाल यह मामला विचाराधीन है। बेंच भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत पतियों को दी गई बलात्कार के अपराध के लिए अभियोजन से छूट को रद्द करने के लिए याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई कर रही है।
याचिकाकर्ताओं ने धारा 375 आईपीसी (रेप) के तहत मैरिटल रेप अपवाद की संवैधानिकता को इस आधार पर चुनौती दी है कि यह उन विवाहित महिलाओं के साथ भेदभाव करती है जिनका उनके पतियों द्वारा यौन उत्पीड़न किया जाता है। याचिकाओं में IPC की धारा-375 के अपवाद को खत्म करने की मांग की गई है जिसमें कहा गया है कि एक व्यक्ति द्वारा अपनी पत्नी (18 साल की उम्र से अधिक) के साथ जबरन बनाया गया शारीरिक संबंध रेप नहीं माना जाएगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्री का बयान
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि देश में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सभी के लिए प्राथमिकता है लेकिन हर शादी को हिंसक शादी मानकर उसकी निंदा करना और हर आदमी को बलात्कारी मानकर निंदा करना उचित नहीं है। उनकी यह टिप्पणी सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम के मैरिटल रेप पर एक पूरक प्रश्न के जवाब में आई। उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि क्या सरकार ने घरेलू हिंसा की परिभाषा पर घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा- 3 के साथ-साथ बलात्कार पर आईपीसी की धारा 375 पर ध्यान दिया है।
साथ ही उन्होंने पूछा था कि मैरिटल रेप को आईपीसी के तहत अपराध के तौर पर शामिल करने को लेकर केंद्र सरकार का क्या रुख है। इस पर ईरानी ने जवाब देते हुए कहा कि मेरा कहना है कि इस सम्मानित सदन में देश की हर शादी को हिंसक शादी मानकर उसकी निंदा करना और इस देश के हर आदमी को बलात्कारी मानकर निंदा करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ सदस्य जानते हैं कि राज्यसभा में प्रक्रियाओं का नियम 47 उस विषय पर विस्तार से अनुमति नहीं देता है, जो फिलहाल दिल्ली हाई कोर्ट में विचाराधीन है।
उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास राज्य सरकारों के सहयोग से इस देश में महिलाओं की रक्षा करना है। इस समय पूरे देश में 30 से ज्यादा हेल्पलाइन चल रहे हैं। इसने 66 लाख से ज्यादा महिलाओं को सहायता पहुंचाई है। इसके अलावा, देश में 703 ‘वन स्टॉप सेंटर’ काम कर रहे हैं और इनसे पांच लाख से अधिक महिलाओं को मदद मिली है।
भाकपा नेता का काउंटर
विश्वम ने कहा कि उनका मतलब यह नहीं था कि हर आदमी एक बलात्कारी है और एक और सवाल उठाया, क्या सरकार इस मुद्दे पर डेटा एकत्र कर सकती है और इसे जल्द से जल्द संसद में प्रस्तुत कर सकती है। इस पर मंत्री ने कहा कि सदस्य सुझाव दे रहे हैं कि केंद्र राज्य सरकारों के साथ बातचीत करे और उनसे रिकॉर्ड मांगे। लेकिन केंद्र आज इस सदन में राज्य सरकारों की ओर से कोई सिफारिश नहीं कर सकता।
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