महाराष्ट्र के पुणे से सामने आए एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में एक पूर्व सैनिक ने मंगलवार (7 जून) को अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से अपनी अलग हुई पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी। जवान ने अपनी सास पर भी गोली चला दी। यह घटना पुणे से करीब 70 किलोमीटर दूर शिरूर में सिविल कोर्ट परिसर के पास हुई।
क्या है पूरा मामला?
दीपक पांडुरंग धवले (45) एक रिटायर्ड सेना के जवान हैं। उनकी शादी मंजुला धवले (40) से हुई थी। दंपति की 14 और 10 साल की दो बेटियां हैं। घरेलू विवादों के कारण, मंजुला पिछले कुछ महीनों से अपने माता-पिता के घर अपनी बेटियों के साथ रह रही थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मिलिंद मोहिते ने कहा कि मृतक महिला मंजुला और दीपक का घरेलू विवाद चल रहा था और उसने कोर्ट में गुजारा भत्ता का मामला दायर किया था। मामले की सुनवाई के लिए वह अपनी मां के साथ शिरूर पहुंची तो दीपक ने उस पर गोली चला दी। गोली लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
दीपक ने अपनी सास तुलसाबाई रंगनाथ ज़ाम्ब्रे (55) पर भी गोलियां चलाईं। हालांकि, उन्हें मामूली चोटें आईं और उनका इलाज चल रहा है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। पुणे ग्रामीण पुलिस अधिकारियों ने कहा कि दिनदहाड़े गोलीबारी लोक निर्माण विभाग (PWD) परिसर के अंदर हुई, जो अदालत परिसर से सटा हुआ है।
हत्याकांड
दीपक और उनके भाई संदीप, दोनों ठाणे जिले के अंबरनाथ से गुजारा भत्ता के संबंध में निर्धारित अदालत की सुनवाई के लिए एक ऑटो रिक्शा में शिरूर गए। पुलिस अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि शुरू में तीनों में कहासुनी हुई, जिसके बाद पति ने पिस्टल निकालकर फायरिंग कर दी। दो गोलियां लगने से मंजुला की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि इस मामले में यह अंतिम सुनवाई थी।
मंजुला खून से लथपथ पड़ी थी, जबकि उसके आसपास भीड़ जमा हो गई थी। उनमें से कुछ ने उसे घायल मां के साथ अस्पताल पहुंचाया। पुलिस अधीक्षक अभिनव देशमुख ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि गोलीबारी दोपहर 12 बजे के आसपास लोक निर्माण विभाग के परिसर में हुई, जो सिविल कोर्ट के बगल में स्थित है।
धवले भाई बाद में उसी ऑटो-रिक्शा में भाग गए, जिसमें वे आए थे। हालांकि पुलिस ने उन्हें रंजनगांव के पास पुणे-अहमदनगर राजमार्ग पर गिरफ्तार कर लिया। देशमुख ने आगे कहा कि हमने दीपक धवले और उसके भाई संदीप दोनों को गिरफ्तार किया है। रंजनगांव थाने के स्थानीय कर्मचारियों ने उनका पीछा किया और हथियार भी बरामद कर लिया।
फिलहाल बेरोजगार था पति
शिरूर पुलिस के इंस्पेक्टर सुरेशकुमार राउत ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि धवले ने बंदूक लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, जब वह रिटायरमेंट के बाद एक निजी सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहे थे। राउत ने कहा कि भूतपूर्व सैनिक होने के कारण उन्हें लाइसेंस मिल गया। धवले ने करीब एक साल तक एक निजी सुरक्षा एजेंसी में काम किया। फिलहाल, वह बेरोजगार है।
दीपक के मामा की बेटी थी मंजुला
राउत ने कहा कि मंजुला दीपक के मामा की बेटी थी, जिसने पूछताछ के दौरान पुलिस को सूचना दी। दीपक निराश था, क्योंकि उसकी पत्नी और बेटियां उसके साथ नहीं रह रही थीं। उसने दावा किया कि वह अपनी बेटियों की शिक्षा के लिए रिटायरमेंट के बाद मिले पैसे का उपयोग करना चाहता था। इसके अलावा पत्नी द्वारा गुजारा भत्ता का मामला दायर किए जाने के बाद वह काफी परेशान था।
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