• होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?
Voice For Men
Advertisement
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
Voice For Men
No Result
View All Result
Home हिंदी कानून क्या कहता है

पति को मां-बाप से अलग होने के लिए मजबूर करना, उसे ‘कायर और बेरोजगार’ कहना क्रूरता है: कलकत्ता हाई कोर्ट

Team VFMI by Team VFMI
April 10, 2023
in कानून क्या कहता है, हिंदी
0
voiceformenindia.com

WhatsApp Messages By Daughter-In-Law After Lodging FIR Shows Relationship With In-Laws Was Normal: Calcutta High Court Quashes 498A Case

35
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterWhatsappTelegramLinkedin

कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि एक पति अपनी पत्नी से मानसिक क्रूरता (Mental Cruelty) के लिए तलाक ले सकता है। हाई कोर्ट ने कहा कि एक पति को अपनी पत्नी से मानसिक क्रूरता के लिए तलाक दिया जा सकता है यदि वह उसे अपने माता-पिता से अलग होने के लिए मजबूर करती है और उसे ‘कायर और बेरोजगार’ भी कहती है। कोर्ट ने कहा कि पति को अपने माता-पिता से अलग करने के लिए मजबूर करना, उसे कायर (Coward) और बेरोजगार (Unemployed) कहना मानसिक क्रूरता है।

क्या है पूरा मामला?

बार एंड बेंच के मुताबिक, हाई कोर्ट पशिम मिदनापुर में फैमिली कोर्ट के 25 मई, 2009 के उस आदेश को चुनौती देने वाली एक पत्नी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पति को क्रूरता के आधार पर तलाक देने का आदेश दिया गया था। फैमिली कोर्ट ने 2 जुलाई, 2001 को कपल के विवाह को भंग कर दिया था। पति का तर्क था कि उसकी पत्नी ने उसे ‘कायर और बेरोजगार’ कहा और उसे उसके माता-पिता से अलग करने के लिए छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा करती रही।

हाई कोर्ट

जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस उदय कुमार की बेंच ने कहा कि भारतीय परिवार में बेटे का शादी के बाद भी अपने माता-पिता के साथ रहना आम बात है। लेकिन अगर उसकी पत्नी उसके माता-पिता से अलग करने की कोशिश करती है तो उसका कारण कुछ न्यायसंगत होना चाहिए। पीठ ने कहा कि पत्नी के लिए पति को परिवार से अलग होने के लिए कहने का कोई उचित कारण नहीं था, सिवाए घरेलू मुद्दों और अहंकार के टकराव और वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति से संबंधित समस्याओं के उदाहरण के अलावा। इसके साथ ही बताया गया कि पति अपने शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन के लिए अपने माता-पिता के घर से किराए के घर में चला गया था।

कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार अपीलकर्ता की ससुराल से दूर अपने पति के साथ अलग रहने की इच्छा न्यायसंगत कारणों पर आधारित नहीं है, क्योंकि यह क्रूरता की कैटेगरी में आता है। आम तौर पर कोई भी पति अपनी पत्नी के इस तरह के कृत्य को बर्दाश्त नहीं करेगा और कोई भी बेटा अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों से अलग नहीं होना चाहेगा। अदालत ने कहा कि पत्नी द्वारा पति को परिवार से अलग होने के लिए विवश करने का लगातार प्रयास पति के लिए यातनापूर्ण होगा।

‘मैं उस कायर से नफरत करती हूं, जिससे मैं शादी करने जा रही हूं’

पीठ ने पति और उसके परिवार के प्रति उसके जुझारू रवैये सहित पत्नी की ओर से असभ्य व्यवहार के कई उदाहरणों का उल्लेख किया। कोर्ट ने कहा कि उसने अपनी व्यक्तिगत डायरी में व्यक्त किया कि ‘मैं उस कायर से नफरत करती हूं जिससे मैं शादी करने जा रही हूं’ और ‘उसके जैसे बेरोजगार व्यक्ति से शादी करने के लिए उसकी कोई सहमति नहीं थी और इस शादी को रोकने की कोशिश की गई, क्योंकि वह कहीं और शादी करना चाहती थी। लेकिन उसके माता-पिता ने जबरन उसकी शादी याचिकाकर्ता से कर दी।’

अदालत ने आगे कहा कि पत्नी ने पति के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई थी, जिससे उसकी सरकारी नौकरी चली गई। पीठ ने कहा, “उसकी नौकरी जाने के बारे में सुनने के बाद उसने कहा कि कोई समझौता नहीं किया जाएगा और वह उसे अपनी सर्विस में शामिल नहीं होने देगी। ये तथ्य पति पर मानसिक क्रूरता के बराबर हैं।”

कोर्ट ने कहा कि लंबे समय तक अलगाव, मानसिक और शारीरिक यातना, एक साथ रहने के लिए पक्ष की अनिच्छा ने उनके वैवाहिक बंधन को सुधारने की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी है। ऐसी स्थिति में कानूनी बंधन द्वारा समर्थित होने के बावजूद विवाह एक कल्पना बन गया है।

अदालत ने कहा कि उस बंधन को तोड़ने से इनकार करके ऐसे मामलों में कानून विवाह की पवित्रता की सर्विस नहीं करता है। इसके विपरीत, यह पार्टियों की भावनाओं और भावनाओं के लिए बहुत कम सम्मान दिखाता है जो मानसिक क्रूरता का कारण बन सकता है। पीठ ने पत्नी की अपील को खारिज करते हुए कहा कि इसलिए तलाक की डिक्री देने से इनकार करना पक्षकारों के लिए विनाशकारी होगा।

वौइस् फॉर मेंस के लिए दान करें!

पुरुषों के लिए समान अधिकारों के बारे में ब्लॉगिंग करना या जेंडर पक्षपाती कानूनों के बारे में लिखना अक्सर विवादास्पद माना जाता है, क्योंकि कई लोग इसे महिला विरोधी मानते हैं। इस वजह है कि अधिकांश ब्रांड हमारे जैसे पोर्टल पर विज्ञापन देने से कतराते हैं।

इसलिए, हम दानदाताओं के रूप में आपके समर्थन की आशा करते हैं जो हमारे काम को समझते हैं और इस उद्देश्य को फैलाने के इस प्रयास में भागीदार बनने के इच्छुक हैं। मीडिया में एक तरफा जेंडर पक्षपाती नेगेटिव का मुकाबला करने के लिए हमारे काम का समर्थन करें।

योगदान करें! (80G योग्य)

हमें तत्काल दान करने के लिए, ऊपर "अभी दान करें" बटन पर क्लिक करें। बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दान के संबंध में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। click here.

सोशल मीडियां

Team VFMI

Team VFMI

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

योगदान करें! (80G योग्य)
  • Trending
  • Comments
  • Latest
mensdayout.com

पत्नी को 3,000 रुपए भरण-पोषण न देने पर पति को 11 महीने की सजा, बीमार शख्स की जेल में मौत

February 24, 2022
hindi.mensdayout.com

छोटी बहन ने लगाया था रेप का झूठा आरोप, 2 साल जेल में रहकर 24 वर्षीय युवक POCSO से बरी

January 1, 2022
hindi.mensdayout.com

Marital Rape Law: मैरिटल रेप कानून का शुरू हो चुका है दुरुपयोग

January 24, 2022
hindi.mensdayout.com

राजस्थान की अदालत ने पुलिस को दुल्हन के पिता पर ‘दहेज देने’ के आरोप में केस दर्ज करने का दिया आदेश

January 25, 2022
hindi.mensdayout.com

Swiggy ने महिला डिलीवरी पार्टनर्स को महीने में दो दिन पेड पीरियड लीव देने का किया ऐलान, क्या इससे भेदभाव घटेगा या बढ़ेगा?

1
voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

0
hindi.mensdayout.com

Maharashtra Shakti Bill: अब महाराष्ट्र में यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज करने वालों को होगी 3 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना

0
https://hindi.voiceformenindia.com/

पंजाब और हरियाणा HC ने 12 साल से पत्नी से अलग रह रहे पति की याचिका को किया खारिज, कहा- ‘तुच्छ आरोप तलाक का आधार नहीं हो सकते’, जानें क्या है पूरा मामला

0
voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को स्वीकार करने वाली पत्नी बाद में तलाक के मामले में इसे क्रूरता नहीं कह सकती: दिल्ली HC

October 9, 2023
voiceformenindia.com

बहू द्वारा उत्पीड़न की शिकायत के बाद TISS की पूर्व डॉयरेक्टर, उनके पति और बेटे पर मामला दर्ज

October 9, 2023

सोशल मीडिया

नवीनतम समाचार

voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को स्वीकार करने वाली पत्नी बाद में तलाक के मामले में इसे क्रूरता नहीं कह सकती: दिल्ली HC

October 9, 2023
voiceformenindia.com

बहू द्वारा उत्पीड़न की शिकायत के बाद TISS की पूर्व डॉयरेक्टर, उनके पति और बेटे पर मामला दर्ज

October 9, 2023
वौइस् फॉर मेंन

VFMI ने पुरुषों के अधिकार और लिंग पक्षपाती कानूनों के बारे में लेख प्रकाशित किए.

सोशल मीडिया

केटेगरी

  • कानून क्या कहता है
  • ताजा खबरें
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • हिंदी

ताजा खबरें

voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
  • होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?

© 2019 Voice For Men India

No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English

© 2019 Voice For Men India