• होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?
Voice For Men
Advertisement
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
Voice For Men
No Result
View All Result
Home हिंदी कानून क्या कहता है

झूठी गवाही के मामलों में अदालतों को कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि अनुचित मुकदमेबाजी पर अंकुश लगाया जा सके: HC

Team VFMI by Team VFMI
April 9, 2023
in कानून क्या कहता है, हिंदी
0
voiceformenindia.com

Punjab and Haryana High Court objects to married man and divorced woman living together; asks them to pay ₹25,000 to man's wife

38
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterWhatsappTelegramLinkedin

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई के दौरान स्पष्ट शब्दों में कहा कि झूठी गवाही के मामलों में अदालतों को कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि अनुचित मुकदमेबाजी पर अंकुश लगाया जा सके। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि नागरिकों द्वारा प्राप्त मौलिक अधिकारों को कानून की अदालत में सच्चाई के साथ बाहर आने के दायित्व और कर्तव्य के साथ जोड़ा गया था।

क्या है पूरा मामला?

दैनिक ट्रिब्यून ने मुताबिक, हाई कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन नहीं करने के बाद गवाहों के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने के लिए ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए उपरोक्त टिप्पणी की। ट्रायल कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला था कि जांच के दौरान गवाहों ने एक अपराध में सभी अभियुक्तों को शामिल करके एक अलग बयान दिया था। लेकिन शपथ पर बयान देने से पहले गवाह के रूप में पेश होने के बाद अभियुक्तों को कानून की कठोरता से बचाने के इरादे से वे अपने पहले के बयान से पूरी तरह से पीछे हट गए।

‘सत्य बोलना कर्तव्य है’

हाई कोर्ट की बेंच ने कहा कि देश के नागरिकों को किसी अपराध, शिकायत या उन्हें हुई चोट के लिए शिकायत दर्ज करने का अधिकार है। वे कानून की अदालत में सच बोलने के लिए भी कर्तव्यबद्ध हैं। जस्टिस ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह और जस्टिस आलोक जैन की खंडपीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि CrPC की धारा 195 के साथ पढ़ी जाने वाली धारा 340 के तहत झूठी गवाही की कार्यवाही शुरू करते हुए सुनवाई का अवसर देना अनिवार्य नहीं था।

खंडपीठ ने कहा कि अपराध ने कथित रूप से अदालती कार्यवाही को प्रभावित किया। इस प्रकार, एक अदालत को या तो जांच करने या इसे संचालित करने के लिए सशक्त अधिकार प्राप्त था। यह रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री की उपस्थिति में कार्यवाही शुरू करने के लिए एक राय भी बना सकता है। कोर्ट ने कहा कि अदालत या संबंधित अधिकारियों पर संभावित आरोपी को सुनवाई का अवसर देने के लिए कोई वैधानिक आवश्यकता या कानूनी बाध्यता नहीं थी, जिसके खिलाफ मजिस्ट्रेट अभियोजन की कार्यवाही शुरू कर सकता था।

‘आजकल बयानों से पीछे हट हटने की प्रवृत्ति बन गई है’

अदालत ने आगे कहा कि यह आजकल एक प्रवृत्ति बन गई है कि FIR दर्ज कर तुरंत आपराधिक कार्यवाही शुरू की जाती है। फिर जांच के दौरान गवाहों द्वारा बयान कराए जाते हैं। हालांकि, जब वे अदालत के सामने अपनी गवाही के लिए पेश होते हैं, तो वे बयानों से पीछे हट जाते हैं। कई मामलों में CrPC की धारा 164 के तहत दिए गए बयानों (मजिस्ट्रेट के सामने) का भी विरोध किया जाता है।

खंडपीठ ने कहा कि गवाहों के मुकरने से अंतत: मामलों को सच्चाई से तय करने के लिए अदालत को छोड़ दिया गया, क्योंकि आवश्यक सबूत बिखर गए थे या मिट गए थे। अदालतें असत्य पाए गए मामलों से बोझिल थीं, जिससे टैक्सपेयर्स पर वित्तीय बोझ पड़ा। इसके अलावा, इस तरह के लंबित होने के कारण वास्तविक मामलों में देरी हुई।

कोर्ट ने आखिरी में कहा कि देश के नागरिकों को किसी अपराध, शिकायत या उन्हें हुई चोट के लिए शिकायत दर्ज करने का अधिकार है। वे कानून की अदालत में सच बोलने के लिए भी कर्तव्यबद्ध हैं। यह उचित समय है कि अदालतें नागरिकों को अनावश्यक मुकदमों से बचाने के लिए अदालतों में झूठे बयान देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।

False FIRs Have Become A Trend; High Time Courts Took Strong Action In Perjury Cases: Punjab & Haryana High Court

False FIRs Have Become A Trend; High Time Courts Took Strong Action In Perjury Cases: Punjab & Haryana High Court

False FIRs Have Become A Trend; High Time Courts Took Strong Action In Perjury Cases: Punjab & Haryana High Court

False FIRs Have Become A Trend; High Time Courts Took Strong Action In Perjury Cases: Punjab & Haryana High Court

वौइस् फॉर मेंस के लिए दान करें!

पुरुषों के लिए समान अधिकारों के बारे में ब्लॉगिंग करना या जेंडर पक्षपाती कानूनों के बारे में लिखना अक्सर विवादास्पद माना जाता है, क्योंकि कई लोग इसे महिला विरोधी मानते हैं। इस वजह है कि अधिकांश ब्रांड हमारे जैसे पोर्टल पर विज्ञापन देने से कतराते हैं।

इसलिए, हम दानदाताओं के रूप में आपके समर्थन की आशा करते हैं जो हमारे काम को समझते हैं और इस उद्देश्य को फैलाने के इस प्रयास में भागीदार बनने के इच्छुक हैं। मीडिया में एक तरफा जेंडर पक्षपाती नेगेटिव का मुकाबला करने के लिए हमारे काम का समर्थन करें।

योगदान करें! (80G योग्य)

हमें तत्काल दान करने के लिए, ऊपर "अभी दान करें" बटन पर क्लिक करें। बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दान के संबंध में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। click here.

सोशल मीडियां

Team VFMI

Team VFMI

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

योगदान करें! (80G योग्य)
  • Trending
  • Comments
  • Latest
mensdayout.com

पत्नी को 3,000 रुपए भरण-पोषण न देने पर पति को 11 महीने की सजा, बीमार शख्स की जेल में मौत

February 24, 2022
hindi.mensdayout.com

छोटी बहन ने लगाया था रेप का झूठा आरोप, 2 साल जेल में रहकर 24 वर्षीय युवक POCSO से बरी

January 1, 2022
hindi.mensdayout.com

Marital Rape Law: मैरिटल रेप कानून का शुरू हो चुका है दुरुपयोग

January 24, 2022
hindi.mensdayout.com

राजस्थान की अदालत ने पुलिस को दुल्हन के पिता पर ‘दहेज देने’ के आरोप में केस दर्ज करने का दिया आदेश

January 25, 2022
hindi.mensdayout.com

Swiggy ने महिला डिलीवरी पार्टनर्स को महीने में दो दिन पेड पीरियड लीव देने का किया ऐलान, क्या इससे भेदभाव घटेगा या बढ़ेगा?

1
voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

0
hindi.mensdayout.com

Maharashtra Shakti Bill: अब महाराष्ट्र में यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज करने वालों को होगी 3 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना

0
https://hindi.voiceformenindia.com/

पंजाब और हरियाणा HC ने 12 साल से पत्नी से अलग रह रहे पति की याचिका को किया खारिज, कहा- ‘तुच्छ आरोप तलाक का आधार नहीं हो सकते’, जानें क्या है पूरा मामला

0
voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को स्वीकार करने वाली पत्नी बाद में तलाक के मामले में इसे क्रूरता नहीं कह सकती: दिल्ली HC

October 9, 2023
voiceformenindia.com

बहू द्वारा उत्पीड़न की शिकायत के बाद TISS की पूर्व डॉयरेक्टर, उनके पति और बेटे पर मामला दर्ज

October 9, 2023

सोशल मीडिया

नवीनतम समाचार

voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को स्वीकार करने वाली पत्नी बाद में तलाक के मामले में इसे क्रूरता नहीं कह सकती: दिल्ली HC

October 9, 2023
voiceformenindia.com

बहू द्वारा उत्पीड़न की शिकायत के बाद TISS की पूर्व डॉयरेक्टर, उनके पति और बेटे पर मामला दर्ज

October 9, 2023
वौइस् फॉर मेंन

VFMI ने पुरुषों के अधिकार और लिंग पक्षपाती कानूनों के बारे में लेख प्रकाशित किए.

सोशल मीडिया

केटेगरी

  • कानून क्या कहता है
  • ताजा खबरें
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • हिंदी

ताजा खबरें

voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
  • होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?

© 2019 Voice For Men India

No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English

© 2019 Voice For Men India