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Home हिंदी कानून क्या कहता है

पति को संपत्ति अर्जित करने में हाउस वाइफ योगदान देती है, इसलिए वह संपत्तियों में बराबर की हकदार है: मद्रास HC

Team VFMI by Team VFMI
June 27, 2023
in कानून क्या कहता है, हिंदी
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voiceformenindia.com

Parents can reclaim property if children fail to provide promised care, rules Madras High Court

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मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि एक हाउस वाइफ, जिसने घरेलू कामकाज करके पारिवारिक संपत्ति के अधिग्रहण में योगदान दिया, वह पति द्वारा अपने नाम पर खरीदी गई संपत्ति में बराबर हिस्सेदारी की हकदार होगी, क्योंकि वह ने अप्रत्यक्ष रूप से इसकी खरीद में अहम योगदान दिया। कोर्ट ने कहा कि हाउस वाइफ घर का मैनेज करती है, अपने पति को बाहर निकलने और कमाने में सक्षम बनाने के लिए अपने सपनों का त्याग करती है, और पारिवारिक संपत्ति के अधिग्रहण में समान रूप से योगदान देती है और इसलिए, अपने पति द्वारा अपने नाम पर अर्जित सभी संपत्तियों में वह आधे हिस्से की हकदार होती है।

क्या है पूरा मामला?

वर्तमान मामले में अदालत अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय के 2015 में पारित आदेश के खिलाफ कन्नियन नायडू द्वारा दायर दूसरी अपील पर विचार कर रही थी। उन्होंने तर्क दिया कि उनकी पत्नी (पहली प्रतिवादी) उनकी ओर से खरीदी गई संपत्तियों को हड़पने की कोशिश कर रही है, जब कि वह सऊदी अरब में काम कर रहे हैं, जहां से उन्होंने पैसे कमाए। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि पत्नी ने संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति से सहायता मांगी थी और उन पर गलत तरीके से जीवन जीने का भी आरोप लगाया।

दूसरी ओर पत्नी ने दावा किया कि वह संपत्ति की समान रूप से हकदार है, क्योंकि उसने पति के दूर रहने के दौरान परिवार की देखभाल की, जिससे उसके रोजगार के अवसर खत्म हो गए। पत्नी ने यह भी तर्क दिया कि उन्होंने अपनी पैतृक संपत्ति बेच दी और उस रुपये का उपयोग पति की विदेश यात्रा के लिए किया गया। इसके अलावा उन्होंने सिलाई और ट्यूशन देकर भी रुपए कमाए थे, जिससे कुछ संपत्तियां हासिल की थीं।

हाई कोर्ट

लाइव लॉ के मुताबिक, जस्टिस कृष्णन रामासामी ने कहा कि वर्तमान में ऐसा कोई कानून नहीं है जो पत्नी द्वारा किए गए योगदान को मान्यता देता हो, अदालत इसे अच्छी तरह से मान्यता दे सकती है। कोर्ट ने कहा कि कानून किसी जज को योगदान को मान्यता देने से नहीं रोकता है। अदालत ने कहा कि कोई भी कानून जजों को पत्नी द्वारा अपने पति को संपत्ति खरीदने में मदद करने के लिए किए गए योगदान को मान्यता देने से नहीं रोकता है। मेरे विचार में यदि संपत्ति का अधिग्रहण परिवार के कल्याण के लिए दोनों पति-पत्नी के संयुक्त योगदान (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से) द्वारा किया जाता है तो निश्चित रूप से दोनों समान हिस्से के हकदार हैं।

कोर्ट ने कहा कि आम तौर पर शादी में पत्नी बच्चों को जन्म देती है और उनका पालन-पोषण करती है। साथ ही घर की देखभाल करती है। इस प्रकार वह अपने पति को उसकी आर्थिक गतिविधियों के लिए मुक्त कर देती है। चूंकि यह उसके कार्य का प्रदर्शन है जो पति को अपना कार्य करने में सक्षम बनाता है, वह न्याय में है, इसके फल में हिस्सा लेने की हकदार है। अदालत ने कहा कि एक पत्नी एक हाउस वाइफ होने के नाते कई काम करती है जिससे घर में एक आरामदायक माहौल बनता है।

अदालत ने कहा कि एक हाउस वाइफ बिना किसी छुट्टी के दिन के 24 घंटे यह काम करती है और इसकी तुलना एक कमाऊ पति की नौकरी से नहीं की जा सकती, जो दिन में केवल 8 घंटे होती है। अदालत ने देखा कि बच्चों और परिवार की देखभाल के लिए, यह 8 घंटे की जॉब जैसा कुछ नहीं है, जो पति विदेश में कर रहा था, लेकिन यह 24 घंटे की नौकरी है। प्रतिवादी एक पत्नी होने के नाते 24 घंटे परिवार के लिए शारीरिक रूप से योगदान देती थी। हालांकि, पति ने विदेश में अपनी 8 घंटे की नौकरी में से परिवार के लिए आर्थिक रूप से योगदान दिया और अपनी बचत से रुपए भेजे थे, जिससे उन्होंने संपत्ति खरीदी थी। उक्त बचत उनके द्वारा किए गए 24 घंटे के प्रयासों के कारण हुई थी।

कोर्ट ने आगे कहा कि जब पत्नी, शादी के बाद, अपना काम छोड़ देती है और अपने पति और बच्चों की देखभाल के लिए खुद को समर्पित कर देती है तो उसके पास कुछ भी नहीं बचता। इस प्रकार यह पाते हुए कि पत्नी ने भी संपत्तियों को हासिल करने में अप्रत्यक्ष रूप से योगदान दिया, अदालत ने माना कि वह उसमें हिस्सेदारी की हकदार है। पत्नी के दावों के संबंध में अदालत ने कहा कि उसने यह दिखाने के लिए कोई दस्तावेजी सबूत पेश नहीं किया है कि यह संपत्ति उसकी पैतृक संपत्ति को बेचकर खरीदी गई थी। इस प्रकार, अदालत ने यह अनुमान लगाया कि संपत्ति संयुक्त योगदान द्वारा खरीदी गई। कोर्ट ने कहा कि पत्नी, पति द्वारा अपने नाम पर अर्जित संपत्ति में आधे हिस्से की हकदार है।

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