महाराष्ट्र में नासिक जिले के वडालागांव इलाके में रविवार को घरेलू विवाद के बाद एक महिला ने अपने पति की हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, मृ़तक की पहचान 49 वर्षीय दिलीप कदम (Dileep Kadam) के रुप में की गई है। दिलीप कदम अपनी 36 वर्षीय पत्नी नंदाबाई कदम (Nandabai Kadam) के साथ वडालागांव में माली गली में रहता था। पिछले दो दिनों के बीच पति-पत्नी में झगड़ा हुआ था।
इसके बाद नंदाबाई अपने दिलीप से नाराज हो गईं और उसके हाथ-पैर रस्सी से बांधकर तौलिया से गला घोंट दिया और धारदार हथियार से हमला कर दिया। इससे दिलीप की मौत हो गई। उसके बाद नंदाबाई ने घर में ताला लगा दिया और शव को पलंग के नीचे छिपाकर भाग गई।
घर से दुर्गंध आने पर आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और बंद घर का दरवाजा तोड़ा तो उन्हें दिलीप का शव मिला। इंदिरानगर थाने में हत्या का मामला दर्ज कर महिला को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच की जा रही है।
कैसे हुआ हत्याकांड का खुलासा?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दिलीप कदम 24 सितंबर की शाम अपने घर पर मृत पाए गए थे। उनकी पत्नी नंदाबाई घर से गायब थी। कदम की यह दूसरी पत्नी थी। पहली पत्नी से कदम के बेटे ने अपनी सौतेली मां के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि उसने अपने पिता को मार डाला। बच्चे की शिकायत पर इंदिरानगर पुलिस ने सोमवार को FIR दर्ज की।
पुलिस ने कहा कि चूंकि नंदाबाई सेलफोन का इस्तेमाल नहीं कर रही थी, इसलिए उसकी लोकेशन ट्रेस करना एक चुनौती थी। पुलिस कमिश्नर जयंत नायकनवरे और डीसीपी (क्राइम) संजय बरकुंड के निर्देश पर काम कर रहे क्राइम ब्रांच के जवानों ने जांच के पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल किया। उन्होंने नंदाबाई का पता लगाने के लिए कई लोगों से मुलाकात की और उनसे पूछताछ की।
सोमवार को क्राइम ब्रांच के कर्मियों को सूचना मिली कि आरोपी महिला येओला में किसी परिचित के यहां रह रही है। इसके बाद पुलिस तुरंत येओला पहुंची और उसे हिरासत में ले लिया। पूछताछ में नंदाबाई ने कबूल किया कि उसने अपने पति की हत्या की है। फिर उसे इंदिरानगर लाया गया और औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने कहा कि आरोपी ने अभी तक यह खुलासा नहीं किया है कि उसने अपने पति की हत्या क्यों की? हालांकि, शुरुआती जांच में घरेलू विवाद का मामला लग रहा है। दिलीप कदम का शव उनके घर में एक बेड के नीचे छिपा हुआ मिला। उसके हाथ-पैर बंधे हुए थे और उसके शरीर पर चोट के निशान थे। उसकी गर्दन पर भी चोट के निशान थे, जिससे संकेत मिलता था कि उनका दम घुट गया था। इस मामले से एक बात तो साफ है कि अपराध का कोई जेंडर नहीं होता।
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