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Home हिंदी ताजा खबरें

बिहार: जिस पत्नी की हत्या के आरोप में पति और उसके माता-पिता 6 महीने तक जेल में बिताए वह महिला जिंदा लौटी

Team VFMI by Team VFMI
March 19, 2022
in ताजा खबरें, हिंदी
0
mensdayout.com

Husband, Parents Spend Six Months In Jail For Murdering Wife; Woman Returns Alive After 6-Mnths

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बिहार (Bihar) से एक ऐसा मामला सामने आया है जो आपको हैरान कर देगा। पति और उसके माता-पिता जिस पत्नी की हत्या के आरोप में छह महीने जेल में बिताए वह महिला करीब छह महीने बाद जिंदा लौट आई। सजा पूरा होने के बाद जब परिवार को बरी कर दिया गया तक महिला पुलिस थाने में उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंच गई तब मामले का खुलासा हुआ। यह मामला जनवरी 2020 का है।

क्या है पूरा मामला?

– बिहार के सुपौल सदर थाना क्षेत्र के तेलवा में 26 मई 2018 को अज्ञात महिला का शव मिला था।
– शव को खेत से बरामद करने के एक दिन बाद सोनिया देवी (लापता महिला) के माता-पिता ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया, जब शव की पहचान अपनी बेटी के रूप में की।
– लिखित शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस हरकत में आई और बाद में सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
– पुलिस ने तुरंत महिला के पति रंजीत पासवान, ससुर विष्णुदेव पासवान और उसकी सास गीता देवी को गिरफ्तार कर लिया और 28 मई, 2018 (शव मिलने के 2 दिनों के भीतर) को जेल भेज दिया।
– पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में मृत महिला की भी गुमशुदा महिला सोनिया होने की पुष्टि की और रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी।
– शव को अंतिम संस्कार के लिए सोनिया के माता-पिता के पास भेजा गया।
– जांच रिपोर्ट के आधार पर स्थानीय अदालत ने भी आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया।
– मामले ने तब दिलचस्प मोड़ ले लिया जब लापता महिला ने छह महीने बाद ससुरालवालों से कहा कि उसे मानव तस्करों ने बहकाया था और घर लौटना चाहती है।
– इसके बाद, उसके ससुराल वाले उसे दिल्ली से लाए और अदालत के सामने पेश किया यह दिखाने के लिए कि कैसे पुलिस ने एक फर्जी मामले में निर्दोष लोगों को जेल भेज दिया था और पुलिस द्वारा मृत घोषित महिला जीवित है।
– 5 माह 20 दिन जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट एवं जिला जज ने महिला की हत्या के दोषी पति एवं माता-पिता को जमानत दे दी।
– सभी को उनके जमानत बांड दायित्वों से भी मुक्त कर दिया गया।

पुलिस जांच पर खड़े हुए सवाल

इस मामले ने बिहार पुलिस की जांच प्रक्रिया पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कोर्ट ने स्थानीय पुलिस पर भी कुछ तीखी टिप्पणियां की हैं। कोर्ट ने इसे ब्लैक स्पॉट बताते हुए मामले में पुलिस विभाग को मुआवजा योजना के तहत पीड़ित पक्ष को छह लाख रुपये की राशि का भुगतान करने का भी आदेश दिया है। अदालत ने यह भी सुझाव दिया है कि पुलिस चाहे तो जांचकर्ता की सैलरी से यह राशि काट सकती है।

एडीजे III रविरंजन मिश्रा की अदालत ने इस मामले में 23 दिसंबर 2019 को ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जहां अदालत ने इस मामले में आरोपी को साढ़े पांच महीने तक न्यायिक हिरासत में रखना अवैध माना। वहीं, आदेश में यह भी कहा गया है कि जीवित व्यक्ति की मौत के संबंध में दायर आरोप पत्र पूरी तरह से जांचकर्ता की लापरवाही के कारण जो त्रुटिपूर्ण है और जांचकर्ता की अयोग्यता, अक्षमता, लापरवाही और कर्तव्य के प्रति उदासीनता का संकेत है। आगे जोड़ते हुए अदालत ने यह भी आलोचना की कि पुलिस उस मृत महिला की वास्तविक पहचान की पहचान करने में सक्षम नहीं थी जिसका शव मिला था।

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Husband, Parents Spend Six Months In Jail For Murdering Wife; Woman Returns Alive After 6-Mnths

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