भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों ने हाल ही में झारखंड (Jharkhand) के एक महिला अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा लिया था। संयोग से यह अधिकारी की पहली पोस्टिंग थी। झारखंड के सहकारिता विभाग की एक अधिकारी मिताली शर्मा (Mithali Sharma) को एक स्थानीय संगठन से रिश्वत लेने के आरोप में हजारीबाग एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने गिरफ्तार किया था। कोडरमा में सहायक रजिस्ट्रार के रूप में अपनी पहली पोस्टिंग में वह अपनी गिरफ्तारी से पहले वहां आठ महीने से काम कर रही थीं।
क्या है पूरा मामला?
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, 7 जुलाई को ACB की टीम ने उन्हें कोडरमा व्यापार सहयोग समिति से मांगी गई 20,000 रुपये की रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 10,000 रुपये लेते हुए पकड़ लिया। औचक निरीक्षण के दौरान उन्होंने कुछ अनियमितताएं पाईं और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी दी। शर्मा द्वारा रिश्वत मांगे जाने के बाद समिति के सदस्य रामेश्वर प्रसाद यादव ने ACB DG से शिकायत की थी। ACB ने शिकायत की जांच की और उसे इस कृत्य में पकड़ने के लिए जाल बिछाया।
शर्मा को रिश्वत लेते हुए कैद करने वाले वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया है। ACB टीम आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए महिला अधिकारी को हजारीबाग ले गई, जबकि मामले की जांच अभी चल रही है। ACB के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि शर्मा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था।
भारत में सबसे बड़ा मुद्दा है भ्रष्टाचार
बता दें कि भ्रष्टाचार भारत में सबसे बड़े मुद्दों में से एक है और यह काफी व्याप्त है। सरकारी अधिकारियों पर अक्सर रोजमर्रा की चीजों के लिए भी रिश्वत मांगने का आरोप लगता है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत का मामला विशेष रूप से चिंताजनक है।
जबकि देश का स्कोर पिछले एक दशक से स्थिर बना हुआ है। भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मदद करने वाले कुछ तंत्र कमजोर हो रहे हैं। देश की लोकतांत्रिक स्थिति पर चिंताएं हैं, क्योंकि मौलिक स्वतंत्रता और संस्थागत जांच और संतुलन खत्म हो रहे हैं।
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