केरल सरकार (Kerala Government) ने राज्य में तलाक के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाने वाला कानून बनाने का फैसला किया है। यदि यह पारित हो जाता है, तो केरल कानून के माध्यम से तलाक का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को आबकारी मंत्री एमवी गोविंदन (MV Govindan) ने कहा कि आवश्यक कानून और संशोधन पेश किए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि महिलाओं, बच्चों, ट्रांसजेंडर और विकलांगों के कल्याण पर केरल विधानसभा समिति की सिफारिश के अनुसार प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।
मंत्री एमवी गोविंदन ने कहा कि भारत में किसी भी राज्य में अनिवार्य तलाक रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं है, केरल इस पर देश के लिए एक उदाहरण स्थापित कर रहा है। मंत्री ने कहा कि विवाह और तलाक को संविधान की समवर्ती सूची में शामिल किया गया है, इसलिए राज्य के पास तलाक के रजिस्ट्रेशन के लिए कानून बनाने की शक्ति है।
उन्होंने कहा कि यदि तलाक के रजिस्ट्रेशन के समय कपल के कोई बच्चे हैं, तो उनकी देखभाल के बारे में डिटेल्स भी शामिल किया जाएगा। कपल के पुनर्विवाह पर बच्चों की भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि भारत के विधि आयोग की 2008 की एक रिपोर्ट में विवाह और तलाक को रजिस्टर्ड करने की आवश्यकता बताई गई है और यह अनुशंसा की जाती है कि इसे पूरे भारत में सभी नागरिकों पर लागू किया जाए, भले ही धर्म या व्यक्तिगत कानून कुछ भी हो। हालांकि, कोई कानून नहीं बनाया गया है।
केरल विवाह और तलाक रजिस्ट्रेशन अधिनियम के तहत कानून बनाया जाएगा। तलाक के रजिस्ट्रेशन के प्रावधानों को शामिल करने के लिए केरल विवाह रजिस्ट्रेशन नियम, 2008 (The Kerala Marriage Registration Rules, 2008) में संशोधन किया जाएगा।
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ARTICLE IN ENGLISH:
Kerala Government To Make Registration Of Divorces Mandatory In State
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