हरियाणा (Haryana) से एक हैरान करने देना वाला मामला सामने आया है। एक शख्स जो पिछले चार वर्षों से लापता था, पुलिस ने उसे मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से बरामद कर लिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) के मुताबिक, हरियाणा में एक फैमिली कोर्ट द्वारा उसे अपनी पत्नी को रखरखाव का भुगतान करने का आदेश दिया गया था। लेकिन गुजारा भत्ता देने से बचने के लिए पति घर छोड़कर चला गया था। भुज क्राइम ब्रांच ने बुधवार (3 मई) रात राजेश वर्मा नाम शख्स का पता लगाकर हिरासत में ले लिया। जल्द ही उसे गुरुग्राम की एक अदालत में पेश किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के मूल निवासी राजेश कई वर्षों से भुज में अपने दो भाइयों के साथ रह रहे थे और वे हार्डवेयर की दुकान चला रहे थे। राजेश ने हरियाणा की एक महिला से शादी की थी। बाद में जब कपल के बीच विवाद हुआ तो राजेश की पत्नी उषा ने उसके खिलाफ गुरुग्राम की एक अदालत में मुकदमा दायर कर दिया। कोर्ट ने राजेश को गुजारा भत्ता उषा को देने का आदेश दिया। लेकिन राजेश ने इसका भुगतान नहीं किया और ब्याज सहित बकाया राशि 2019 में 3 लाख रुपये से अधिक हो गई। इसके बाद वह लापता हो गया।
2 अक्टूबर, 2019 को, राजेश के बड़े भाई संजय ने भुज बी डिवीजन पुलिस स्टेशन को सूचित किया कि उनका छोटा भाई उन्हें यह बताने के बाद लापता हो गया कि वह अहमदाबाद जा रहा है और उसका फोन भी बंद है। भुज पुलिस को रखरखाव के मामले के बारे में तब पता चला जब हरियाणा की अदालत ने राजेश के खिलाफ उसके भुज के पते पर कई गिरफ्तारी वारंट जारी किए।
12 सितंबर, 2022 को उषा ने कच्छ (पश्चिम) के पुलिस अधीक्षक सौरभ सिंह से मुलाकात की और उन्हें बताया कि उनके पति रखरखाव का भुगतान करने से बचने के लिए आंतरिक रूप से छिपे हुए हैं। इसके बाद सिंह ने स्थानीय अपराध ब्रांच को राजेश का पता लगाने का आदेश दिया।
पुलिस ने ऐसे की तलाश
भुज के स्थानीय क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर एस एन चुडासमा ने कहा, “हमने RTO से डेटा निकलवाया और राजेश के नाम पर 2013 में रजिस्टर्ड एक बाइक मिली। हमने उस बाइक को भुज में पाया और यह रहीम नामक व्यक्ति के पास थी। हमने रहीम के मोबाइल की तलाशी ली तो राजेश का नंबर मिला। हमने उस नंबर की लोकेशन भोपाल में ट्रेस की।” चुडासमा ने कहा कि राजेश भुज में रहने वाले अपने भाई के लिए हर महीने 5,000 रुपये Google Pay के जरिए रहीम को भेजता था।
तभी पुलिस टीम भुज में रहने वाले राजेश के भाई के पास पहुंची तो पता चला कि राजेश का भाई उसके संपर्क में था। उसे राजेश को कच्छ में एक खास जगह पर बुलाने को कहा गया। राजेश के आने पर उसे हिरासत में ले लिया गया। पुलिस के अनुसार राजेश भोपाल में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था और 10 हजार रुपये महीना कमाता था। रहीम के जरिए वह अपने भाई को हर महीने 5,000 रुपये भेजता था।
अधिकारी ने कहा कि हमने उसे हिरासत में लिया और उसके खिलाफ कोई अपराध दर्ज नहीं किया है। हम उसे कोर्ट वारंट के मुताबिक हरियाणा की अदालत को सौंप देंगे। पुलिस ने कहा कि अदालत के आदेश के अनुसार ब्याज सहित कुल मौजूदा बकाया राशि करीब 15 लाख रुपये है।
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