क्या आप भारत के नागरिक हैं? क्या आप लगातार पढ़ते हैं कि कैसे भारत में महिलाओं पर अत्याचार किया जाता है और उनके पास अधिकार नहीं हैं? ठीक है, आप केवल वही पढ़ेंगे, क्योंकि अक्सर अंग्रेजी मीडिया भारत में पतियों के खिलाफ पूर्ण असंवेदनशीलता और अमानवीय कानूनों को उजागर करने में विफल रहता है। ऐसा ही एक मामला गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) से सामने आया है।
जस्टिस जेबी पारदीवाला (Justices JB Pardiwala) और जस्टिस निरल मेहता (Justices Niral Mehta) की खंडपीठ उस पत्नी की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जो फैमिली कोर्ट से तलाक लेने के बाद अपने पति के साथ रहना चाहती थी। फैमिली कोर्ट के फैसले को पत्नी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
अपनी अपील में महिला ने पति के साथ ससुराल में रहने के अपने अधिकार का विरोध किया। पत्नी 2014 से अपने बेटे के साथ अलग रह रही है और उसके मुताबिक बेटा अपने पिता को पहचानता भी नहीं है। हालांकि, पति के मुताबिक उसकी पूर्व पत्नी पहले से ही अन्य पुरुषों के साथ संबंध बना चुकी है।
गुजरात हाई कोर्ट की चौंकाने वाली टिप्पणी
हाई कोर्ट की बेंच ने चौंकाने वाली टिप्पणी करते हुए कहा कि पत्नी के अवैध संबंध होने पर भी उसे भरण-पोषण से वंचित नहीं किया जा सकता। पीठ की राय थी कि अगर पति अपनी पत्नी के साथ नहीं रहना चाहता है, तो भी उसे पत्नी को भरण-पोषण देना होगा। पीठ ने यह भी सुझाव दिया कि महिला को अपना भरण-पोषण लेना चाहिए और अलग हो जाना चाहिए, क्योंकि उसके पति को उसके साथ रहने में कोई दिलचस्पी नहीं थी।
बच्चे की ओर से हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि पिता को बेटे की जिम्मेदारी से छुटकारा नहीं मिल सकता है। पत्नी का कैसा भी अवैध संबंध हो पति उसे भरण-पोषण से वंचित नहीं कर सकता है। पत्नी के एडल्ट्री होने पर भरण-पोषण न चुकाने का कोई कानून नहीं है।
वहीं, पति के तरफ पेश वकील ने दलील दी कि पत्नी की उससे दोगुना कमाई है और वह केवल परेशान करने के इरादे से भरण-पोषण मांग रही है। इस पर होई कोर्ट की पीठ ने टिप्पणी की कि पत्नी चार गुना ज्यादा कमाती हो तो भी वह भरण-पोषण की हकदार है। अदालत ने पति को सलाह दी कि एक साथ रकम दे दो तो जल्दी छुटकारा मिल जाएगा। इसके बाद पिता ने बेटे की पढ़ाई के लिए एकमुश्त 8 लाख रुपए का ऑफर दिया।
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ARTICLE IN ENGLISH:
Man Must Pay Maintenance Even If Wife Is Adulterous Or Earning Four Times More | Gujarat High Court
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