कुछ दिन पहले मेहुल भटनागर (Mehul Bhatnagar) नाम के लड़के द्वारा पोस्ट किया गया एक वायरल वीडियो याद है? युवा लड़के ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपने सहपाठी पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया था। उस वक्त किसी ने निर्दोष लड़के की बात पर विश्वास नहीं किया था, लेकिन अब पुलिस ने पुष्टि की है कि लड़की ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि खुद नाबालिग लड़की ने ये पूरी साजिश रची। उसी ने अपने बैग में धमकी भरा लेटर रख कर लड़के पर फर्जी आरोप लगा दी।
क्या है पूरा मामला?
18 साल का मेहुल भटनागर राजस्थान के जोधपुर का रहने वाला है। एक सहपाठी द्वारा बलात्कार और एसिड हमले की धमकी देने का झूठा आरोप लगाने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और उसके स्कूल से निकाल दिया गया।
पिछले महीने पोस्ट किए गए वीडियो में मेहुल ने पूरी तरह से लड़की द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर अपने अपराध को स्वीकार करने के लिए स्कूल पर दबाव डालने का आरोप लगाया। लड़के ने गुहार लगाई थी कि जांच पूरी होने दीजिए और अगर वह दोषी पाया जाता है तो वे कार्रवाई कर सकते हैं।
मेहुल ने कहा कि मुझे अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया। जब मैं एक महीने के लिए इंदौर में था तब भी ये लेटर बालिका गृह पर चस्पा किए गए थे। लड़की यह दावा करती रही कि मैं उसके घर के बाहर हूं, जबकि तमाम सबूतों से यह साफ हो गया कि मैं शहर में भी नहीं था। चिट्ठियों में बच्ची को रेप और एसिड अटैक की धमकी दी गई थी।
मेहुल ने कहा कि पुलिस ने बिना किसी जांच के मुझे और मेरी मां को गालियां दीं। मुझे इस झूठी रिपोर्ट के आधार पर दोषी करार दिया गया कि मैंने थाने में लड़की के पिता पर हमला किया था। मुझे यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत एक दिन के लिए बंद कर दिया गया था।
पुलिस का बयान
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि खुद नाबालिग लड़की ने ये पूरी साजिश रची। उसी ने अपने बैग में धमकी भरे लेटर रखे। अधिकारियों ने बताया कि छात्रा ने खुद से धमकी भरा पत्र लिखा था और पुलिस को दी गई तहरीर में दावा किया था कि यह चिट्ठी सहपाठी छात्र ने लिखी है। बाद में पुलिस को पता चला कि लिखावट छात्रा की है।
उन्होंने बताया कि मामले में आरोपी छात्र 18 साल का है और छात्रा नाबालिग है। पुलिस ने बताया कि छात्रा से मिली तहरीर के आधार पर छात्र और उसके रिश्तेदार के खिलाफ 5 सितंबर को पॉक्सो कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था।
उन्होंने बताया कि छात्र के रिश्तेदार को कुछ दिन बाद गिरफ्तार किया गया, जबकि छात्र को 7 अक्टूबर को गिरफ्तार कर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। मेहुल 7 अक्टूबर, 2022 से जेल में है। उसने सितंबर में गिरफ्तारी से पहले वीडियो रिकॉर्ड किया था और सोशल मीडिया पर अपलोड किया था।
शास्त्री नगर थाने के एसएचओ जोगेन्द्र सिंह ने बताया कि छात्रा ने छात्र से बदला लेने के लिए पूरी साजिश रची थी क्योंकि उसकी दोस्ती किसी और लड़की से हो गई थी। उन्होंने बताया कि अब हम अदालत से दोनों (छात्र और उसके रिश्तदार) को जेल से छोड़ने की अपील करेंगे।
पुलिस कमिश्नर रवि दत्त ने बताया कि छात्र की गिरफ्तारी के बाद भी छात्रा धमकी मिलने की शिकायत करती रही, जिसके कारण छात्र की गिरफ्तारी से पहले और बाद की चिट्ठियों की लिखावट का मिलान किया गया। उन्होंने बताया कि हमने छात्रा से पूछताछ की जिसमें उसने अपने सहपाठी को फंसाने के लिए सारे पत्र खुद लिखना स्वीकार किया।
इस बीच, मामले में आरोपी छात्र ने स्वयं के निर्दोष होने का दावा करते हुए एक वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया। छात्र ने स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्होंने एकतरफा फैसला कर लिया और उसकी बात नहीं सुनी।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या राजस्थान पुलिस शिकायतकर्ता लड़की के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी, या एक बार फिर उसे महिलाओं (विशेषकर नाबालिग लड़की) के प्रति नरमी का हवाला देकर छोड़ दिया जाएगा?
पुरुषों के लिए समान अधिकारों के बारे में ब्लॉगिंग करना या जेंडर पक्षपाती कानूनों के बारे में लिखना अक्सर विवादास्पद माना जाता है, क्योंकि कई लोग इसे महिला विरोधी मानते हैं। इस वजह है कि अधिकांश ब्रांड हमारे जैसे पोर्टल पर विज्ञापन देने से कतराते हैं।
इसलिए, हम दानदाताओं के रूप में आपके समर्थन की आशा करते हैं जो हमारे काम को समझते हैं और इस उद्देश्य को फैलाने के इस प्रयास में भागीदार बनने के इच्छुक हैं। मीडिया में एक तरफा जेंडर पक्षपाती नेगेटिव का मुकाबला करने के लिए हमारे काम का समर्थन करें।
हमें तत्काल दान करने के लिए, ऊपर "अभी दान करें" बटन पर क्लिक करें। बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दान के संबंध में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। click here.