एक मां को जीवनदायिनी माना जाता है, लेकिन हमारे समाज में कई ऐसी महिलाएं होती हैं जो मां-बेटे के रिश्ते को तार-तार कर देती हैं। पंजाब की रहने वाली एक 40 वर्षीय महिला ने स्नान करने से इनकार करने पर अपने छह साल के मासूम बेटे को 20 बार मारने के बाद गला घोंटकर हत्या कर दी। इस हत्याकांड मामले में कोर्ट ने मां को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बठिंडा जिला एवं सत्र न्यायाधीश कमलजीत लांबा ने अगस्त 2019 में सजा सुनाई थी।
क्या है पूरा मामला?
– मृतक हरकीरत सिंह पंजाब के लॉर्ड रामा पब्लिक स्कूल में पहली कक्षा का छात्र था।
– भटिंडा के माटी दास नगर की राजबीर कौर ने 1 जुलाई 2018 को अपने 6 साल के बेटे को नहलाते समय चाकू मारकर हत्या कर दी थी।
– पहली कक्षा के छात्र के पिता ने उसे घटना वाले दिन मौज-मस्ती के लिए तैयार होने के लिए कहा। इस दौरान स्नान करने से इनकार करने के बाद मां बेटे पर उग्र हो गई।
– अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि जब उसका बेटा रोने लगा, तो मां ने शोर मचाने से रोकने के लिए उसके मुंह में कपड़े का एक टुकड़ा ठूंस दिया।
– फिर उसने उस पर कई बार खंजर से वार किया और बाथरूम से बाहर निकल गई। कुछ देर बाद उसने परिवार को सूचित किया।
– घटना के तुरंत बाद, महिला को गिरफ्तार कर लिया गया और पुलिस ने हत्या में शामिल चाकू को भी जब्त कर लिया।
– पुलिस के मुताबिक, आरोपी मां पढ़ी-लिखी थी। उसके पास एमए और बीएड की डिग्री थी। इलाके में उसकी अच्छी ख्याति भी थी।
– आरोपी राजबीर कौर पर IPC की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया था।
– घटना के वक्त पिता परमिंदर सिंह और उनका पूरा परिवार घर में मौजूद था। सिंह ने पुलिस को बताया था कि परिवार सदमे में है।
मृतक बच्चे के पिता ने उस वक्त मीडिया से बातचीत में कहा था कि हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि यह कैसे हुआ। हमने वॉशरूम से हरकीरत के रोने की आवाज सुनी, लेकिन हमने सोचा कि शायद वह नहाने को तैयार नहीं होगा। बाद में वह चुप हो गया। राजबीर एक प्यारी मां थीं। एलर्जी से पीड़ित होने के कारण वह दवा ले रही थी।
कोर्ट का आदेश
जज लांबा ने जोर देकर कहा कि गवाहों के मुकर जाने की गवाही को मिटाया या पूरी तरह से धुला हुआ नहीं माना जा सकता है। आरोपी के दिमाग में चल रहे एक मकसद के अस्तित्व के बारे में सबूत अक्सर सीमित थे और शायद, केवल आरोपी को ही पता था।
अपराध को आधुनिक जीवन के तनाव को जिम्मेदार ठहराते हुए जज ने कहा कि धैर्य ईश्वर के गुणों में से एक है और यह शैतान पर विजय पाने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली है। लेकिन आधुनिक जीवन के तनाव ने लोगों को पागल कर दिया है, जो थोड़ी सी बात पर अपना आपा खो देते हैं। अगर आरोपी थोड़ा धैर्य रखता तो घटना को टाला जा सकता था।
उन्होंने आगे कहा कि एक आदमी अक्सर बेटे के जन्म के लिए प्रार्थना करता है। लेकिन इस मामले में दोषी राजबीर कौर ने अपने ही बेटे की जीवन लीला समाप्त कर दी। जज लांबा ने कहा कि FIR दर्ज करने के साथ ही इस तथ्य के साथ कि आरोपी को मौके से गिरफ्तार कर लिया गया, निश्चित रूप से अपराध में उसकी संलिप्तता को स्थापित करता है।
जज ने शत्रुतापूर्ण गवाहों के खिलाफ अभियोजन शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक था और न्याय के हित में, जो गवाह मुकर गए थे, उन पर झूठे सबूत देने के लिए अब संक्षेप में मुकदमा चलाया जाए। हालांकि, अदालत ने यह कहते हुए मृत्युदंड का आदेश देने से इनकार कर दिया कि मामला एक दुर्लभ घटना हो सकती है, लेकिन इसे दुर्लभ से दुर्लभ नहीं माना जा सकता।
Mother Gets Life Term For Stabbing Her 6-yr-old Son Twenty Times Because He Refused To Take Bath
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