ओडिशा हाई कोर्ट (Orissa High Court) ने 13 जुलाई को कटक की एक फैमिली कोर्ट को अभिनेता से नेता बने अनुभव मोहंती (Anubhav Mohanty) और उनकी एक्ट्रेस पत्नी वर्षा प्रियदर्शिनी (Varsha Priyadarshini) से जुड़े तलाक के मामले को तीन महीने के भीतर निपटाने का निर्देश दिया। साथ ही हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट को मामले के संबंध में चार सप्ताह के भीतर जिरह पूरी करने का भी निर्देश दिया है। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद अब उम्मीद है कि फैमिली कोर्ट 31 अक्टूबर तक तलाक मामले का निपटारा कर देगा।
क्या है पूरा मामला?
ओडिसी फिल्मों के लोकप्रिय एक्टर अनुभव मोहंती ने साल 2014 में एक्ट्रेस वर्षा प्रियदर्शनी से शादी की थी। हालांकि, कुछ समय बाद कपल के बीच मनमुटाव की खबरें आने लगीं। बाद में मामला काफी गहमाया था, जो कि देश भर में चर्चा का केंद्र बना। साल 2016 में अनुभव मोहंती ने पत्नी वर्षा के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी। अनुभव ने आरोप लगाते हुए कहा था कि उनका वैवाहिक जीवन सही नहीं चल रहा है, क्योंकि वर्षा उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करती हैं।
सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कपल के तलाक का मामला कटक की एक फैमिली कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था। अनुभव मोहंती ने सुप्रीम कोर्ट में तलाक मामले की सुनवाई में देरी को लेकर एक याचिका दायर की थी। उस याचिका में अनुभव ने कहा था कि फैमिली कोर्ट में तलाक के मामले की सुनवाई में देरी हो रही है। लिहाजा इस तलाक मामले को कटक से भुवनेश्वर के फैमिली कोर्ट को ट्रांसफर किया जाए। इसी पर हाईकोर्ट के सुनवाई करते हुए गुरुवार को उपरोक्त निर्देश दिया है।
हाई कोर्ट
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, उड़ीसा हाई कोर्ट ने BJD के लोकसभा सांसद अनुभव मोहंती की तलाक याचिका को न फैमिली कोर्ट में ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया। दोनों का यह तलाक का मामला कटक की फैमिली कोर्ट में दो साल से अधिक समय से लंबित है। चीफ जस्टिस एस मुरलीधर ने कटक फैमिली कोर्ट को अभिनेता से नेता बने अनुभव मोहंती और उनकी पत्नी वर्षा प्रियदर्शनी से 31 जुलाई तक जिरह पूरी करने का निर्देश दिया।
चीफ जस्टिस ने फैमिली कोर्ट को चार सप्ताह के भीतर दोनों पक्षों की दलीलें पूरी करने का भी निर्देश दिया। साथ ही कपल के तलाक की याचिका के निपटारे के लिए तीन महीने की समय सीमा दिया गया है। इस दौरान हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सभी फैमिली कोर्ट अभिनेताओं के तलाक मामले में तेजी लाएं, ताकी जल्द से जल्द मामला निपटारा किया जा सके।
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