• होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?
Voice For Men
Advertisement
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
Voice For Men
No Result
View All Result
Home हिंदी कानून क्या कहता है

‘पत्नी को अपनी मर्जी से ससुराल वालों पर मुकदमा चलाने की आजादी नहीं’, मुंबई कोर्ट ने 32 साल के अलगाव के बाद घरेलू हिंसा मामले से महिला को राहत देने से किया इनकार

Team VFMI by Team VFMI
September 20, 2022
in कानून क्या कहता है, हिंदी
0
voiceformenindia.com

Mumbai Court Refuses Domestic Violence Case Filed By Wife After 32-Years Separation

32
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterWhatsappTelegramLinkedin

कथित ‘कमजोर जेंडर’ को पति और ससुराल वालों से किसी भी तरह के उत्पीड़न या घरेलू हिंसा से बचाने के लिए भारत में महिला केंद्रित कानून बनाए गए थे। हालांकि, सालों/दशकों के बाद भी वर्तमान समय के साथ कानूनों में बदलाव के अभाव में कई महिलाएं खामियों का दुरुपयोग कर रही हैं और राहत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा रही हैं। ऐसे ही एक अजीबोगरीब मामले में मुंबई की मजिस्ट्रेट कोर्ट (Magistrate Court in Mumbai) ने अपने पति से अलग होने के 32 साल बाद अदालत जाने वाली महिला को कोई राहत देने से इनकार कर दिया है।

क्या है पूरा मामला?

कपल की शादी 1987 में हुई थी। महिला ने 2021 में अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उसके द्वारा अपने पति और ससुराल वालों पर मई 1989 में कथित तौर पर उसे ससुराल से बाहर निकालने का आरोप लगाया गया था।

महिला ने यह भी दावा किया था कि उसके पति और ससुराल वालों ने धोखे से उसके दिवंगत पति और ससुराल वालों (महिला पहले शादीशुदा थी) की संपत्ति हड़प ली, जबकि उस संपत्ति पर उसका अधिकार है। महिला ने यह भी तर्क दिया कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत राहत का दावा करने के लिए कोई सीमा अवधि नहीं है।

मजिस्ट्रेट कोर्ट, मुंबई

बोरीवली में स्थित मजिस्ट्रेट कोर्ट ने देरी का हवाला देते हुए घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण (Domestic Violence- DV) एक्ट के तहत महिला को राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि 32 साल और 6 महीने पहले पार्टियों के बीच घरेलू संबंध खत्म हो गए थे। इस प्रकार, न्यायालय ने कहा कि महिला किसी भी समय अपनी इच्छा के अनुसार प्रतिवादियों पर मुकदमा करने के लिए स्वतंत्र नहीं है। कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि दोनों पक्ष 1989 के बाद से एक साझा घर में नहीं रहे हैं, इसलिए घरेलू हिंसा के आरोप “बिल्कुल दूर के” हैं।

कोर्ट जाने की समय सीमा

समय की चूक के संबंध में अदालत ने कहा कि निर्धारित अवधि की सीमा नहीं होने का मतलब यह नहीं है कि महिला किसी भी समय अपनी इच्छा के अनुसार प्रतिवादियों पर मुकदमा करने के लिए स्वतंत्र है। कोर्ट ने आगे कहा कि अगर ऐसा होता तो इस तरह के मुकदमे का कोई अंत नहीं होता। अदालत ने आखिरी में कहा कि उचित समय के भीतर याचिका दायर नहीं की गई थी।

“Wife Not At Liberty To Sue In-Laws As Per Her Whims” | Mumbai Court Refuses Domestic Violence Case After 32-Years Of Separation

वौइस् फॉर मेंस के लिए दान करें!

पुरुषों के लिए समान अधिकारों के बारे में ब्लॉगिंग करना या जेंडर पक्षपाती कानूनों के बारे में लिखना अक्सर विवादास्पद माना जाता है, क्योंकि कई लोग इसे महिला विरोधी मानते हैं। इस वजह है कि अधिकांश ब्रांड हमारे जैसे पोर्टल पर विज्ञापन देने से कतराते हैं।

इसलिए, हम दानदाताओं के रूप में आपके समर्थन की आशा करते हैं जो हमारे काम को समझते हैं और इस उद्देश्य को फैलाने के इस प्रयास में भागीदार बनने के इच्छुक हैं। मीडिया में एक तरफा जेंडर पक्षपाती नेगेटिव का मुकाबला करने के लिए हमारे काम का समर्थन करें।

योगदान करें! (80G योग्य)

हमें तत्काल दान करने के लिए, ऊपर "अभी दान करें" बटन पर क्लिक करें। बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दान के संबंध में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। click here.

सोशल मीडियां

Team VFMI

Team VFMI

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

वौइस् फॉर मेंन

VFMI ने पुरुषों के अधिकार और लिंग पक्षपाती कानूनों के बारे में लेख प्रकाशित किए.

सोशल मीडिया

केटेगरी

  • कानून क्या कहता है
  • ताजा खबरें
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • हिंदी

ताजा खबरें

voiceformenindia.com

कक्षा VII में महिला रिश्तेदार द्वारा मेरा यौन उत्पीड़न किया गया था, मैं लंबे समय तक परेशान रहा: एक्टर पीयूष मिश्रा

March 8, 2023
voiceformenindia.com

UP: बेटे और बहू के खराब बर्ताव से दुखी बुजुर्ग ने राज्यपाल के नाम की अपनी 1 करोड़ रुपये की संपत्ति

March 8, 2023
  • होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?

© 2019 Voice For Men India

No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English

© 2019 Voice For Men India

योगदान करें! (८०जी योग्य)