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Home हिंदी ताजा खबरें

मुंबई पुलिस कमिश्नर द्वारा POCSO के तहत झूठे मामलों को रोकने के लिए जारी नए सर्कुलर पर बवाल, जानें क्या है पूरा मामला

Team VFMI by Team VFMI
June 14, 2022
in ताजा खबरें, हिंदी
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voiceformenindia.com

Mumbai Police Commissioner Sanjay Pandey Puts Misuse Of POCSO Circular On Hold

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मुंबई पुलिस ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत छेड़छाड़ और अपराध के मामले जोनल पुलिस उपायुक्त (DCP) की अनुमति से केवल एक ACP की सिफारिश पर दर्ज किए जाने चाहिए। यह निर्देश मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय ने अधिकारियों को दिया था। एक अधिकारी ने कहा कि कमिश्नर ने ऐसे मामलों के मद्देनजर यह आदेश जारी किया जिसमें व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता या संपत्ति, धन के मामलों और व्यक्तिगत मुद्दों को लेकर विवाद के कारण झूठे मामले दर्ज किए गए।

निर्देश में कहा गया है कि ऐसे कई मामलों में बिना तथ्यों की जांच के आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाता है और बाद में शिकायत फर्जी पाई जाती है। सीपी ने आदेश में कहा है कि आरोपी व्यक्ति की प्रतिष्ठा बिना किसी कारण के धूमिल हो जाती है, भले ही वह अंततः बरी हो जाए।

आदेश में कहा गया है कि इससे बचने के लिए पुलिस अधिकारियों को संभागीय सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) की सिफारिश और जोनल पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) की अनुमति से ही छेड़छाड़ या पॉक्सो कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।

इसमें आगे कहा गया है कि अनुमति देते समय डीसीपी को ललिता कुमारी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अनुपालन करना चाहिए। 2013 में ‘ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य के मामले में शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने दिशानिर्देश निर्धारित किए कि FIR का रजिस्ट्रेशन कब अनिवार्य है।

पुलिस कमिश्नर की सफाई

पॉक्सो कानून के तहत या छेड़खानी आदि के मामलों में जोनल डीसीपी की अनुमति के बगैर FIR दर्ज नहीं करने संबंधी सर्कुलर को लेकर आलोचना का सामना कर रहे मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय ने शनिवार को कहा कि इसपर पुन:विचार किया जा सकता है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने गुरुवार को इस आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि यह यौन उत्पीड़न/हिंसा के शिकार हुए लोगों के अधिकारों का उल्लंघन होगा।

वहीं, राज्य के महाराष्ट्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग (MSCPCR) ने अगले ही दिन मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय से तत्काल आदेश वापस लेने को कहा था। सीपी ने अपने निजी ट्विटर हैंडल पर इस संबंध में शनिवार को प्रतिक्रिया दी है।

पांडेय ने लिखा है, ‘‘बेहद थकाने वाला सप्ताह रहा है… सर्कुलर को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। हमने दुरुपयोग को कम करने का प्रयास किया, लेकिन ज्यादातर लोगों को अगर यह उचित नहीं लगता है तो इस पर पुन:विचार किया जाएगा।’’

आदेश वापस लेने की मांग

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) और महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (MSCPCR) ने केवल विवादित मामलों के लिए बने सर्कुलर से असहमति व्यक्त की। दोनों ने पुलिस को तुरंत वापस लेने के लिए लिखा क्योंकि इसने POCSO अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया था।

पुलिस डीजीपी और मुंबई पुलिस को NCPCR द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मुंबई पुलिस कमिश्नर का आदेश “यौन शोषण के शिकार लोगों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन करेगा और पीड़ितों को न्याय तक पहुंचने में अनुचित देरी का कारण बनेगा।” इसने यह भी कहा कि यह आदेश “पॉक्सो अधिनियम के वास्तविक उद्देश्य और भावना” का उल्लंघन है। NCPCR ने डीजीपी कार्यालय की समीक्षा के बाद आदेश को वापस लेने के लिए कहा। साथ ही कार्रवाई की रिपोर्ट अगले 7 दिनों में आयोग को भेजने को कहा।

महिला कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया

द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, संजय पांडे महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा और बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे एक गैर-सरकारी संगठन मजलिस द्वारा आयोजित एक वर्चुअल बैठक में भाग ले रहे थे। पांडे ने स्पष्ट रूप से ऐसा आदेश पारित करने के अपने कारण को उचित ठहराया। उन्होंने कहा कि मेरे ऐसे दोस्त हैं जो ऐसे मामलों को जानते हैं जहां संपत्ति विवादों को निपटाने के लिए बच्चों का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे दो भाई एक संपत्ति विवाद में फंस गए थे और दोनों पर पॉक्सो के मामले थे।

मुंबई सीपी ने कहा कि मैं आपको (कार्यकर्ताओं और वकीलों) को विशेष अधिकारी नियुक्त करने के लिए तैयार हूं जो ऐसे (पॉक्सो) मामलों में पूरी जिम्मेदारी लेंगे और पुलिस अधिकारियों को शिकायत लेने का निर्देश देंगे। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यह पुलिस के लिए बाध्यकारी होगा।

उन्होंने महाराष्ट्र बाल अधिकार आयोग की अध्यक्ष सुशीबेन शाह, प्रख्यात वकील और कार्यकर्ता फ्लाविया एग्नेस एवं अन्य को आश्वासन दिया कि उन्हें एक नया मसौदा 13 जून को या उससे पहले भेजा जाएगा। मुंबई के सीपी अगले एक पखवाड़े में रिटायर होने वाले हैं और वह बाहर निकलने से पहले इस प्रयोग को करना चाहते हैं।

आदेश वापस ले सकती है मुंबई पुलिस

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई पुलिस जल्द ही सर्कुलर को औपचारिक रूप से वापस ले सकती है, क्योंकि उसे अगले 7 दिनों में NCPCR और MSCPCR को जवाब और स्पष्टीकरण देना होगा। वर्तमान में, POCSO एक्ट के तहत अपराध संज्ञेय अपराध हैं और आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत दी गई प्रक्रिया के अनुसार तुरंत FIR दर्ज की जानी चाहिए। FIR केवल मेडिकल के साथ या उसके बिना शिकायत पर दर्ज की जाती है।

Mumbai Police Commissioner Circular To Curb False Cases Under POCSO Forced To Be Put On Hold By NCPCR, MSCPCR & Women Rights Activists

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