महाराष्ट्र के पुणे से एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां एक बुजुर्ग व्यक्ति ने अपनी बहू द्वारा उसे और उसकी पत्नी को अपनी पोती से मिलने की अनुमति नहीं देने के बाद आत्महत्या कर ली। चौंकाने वाली बात यह है कि एक व्यक्ति (जो एक जज का पिता होता है) जो अपनी बहू द्वारा कथित क्रूरता के बाद 2018 में आत्महत्या करके अपनी जीवन लीला समाप्त कर लिया, अब आरोपी महिला और उसके परिवार के खिलाफ चार साल बाद मामला दर्ज किया गया है।
क्या है मामला?
जज संदीप सरोदिया (52) और उनकी पत्नी शालिनी का दोनों के बीच हुए विवाद के चलते तलाक हो गया। दंपति की एक बेटी है, जो तलाक के बाद अपनी मां के साथ रह रही थी। संदीप के पिता नामदेव सरोदिया और उनकी पत्नी अपने पोते को देखने के लिए तरसते रहे। इस बीच नवंबर 2018 में वे बच्ची से मिलने अपनी पूर्व बहू के घर गए। बुजुर्ग दंपति को उनके बेटे की पूर्व पत्नी और ससुराल वालों ने कथित तौर पर गुस्से में घर से बाहर निकाल दिया।
यहां तक कि जब जज के पिता बीमार थे और उन्होंने अपनी पोती से मिलने की इच्छा व्यक्त की, तब भी शालिनी और उसके परिवार के सदस्यों ने बच्चे एवं उसके बीमार दादा के बीच मुलाकात की अनुमति नहीं दी। इसके बाद नामदेव काफी परेशान रहने लगे और एक दिन उन्होंने चौथी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी। जज के पिता ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था।
4 साल बाद दर्ज हुआ मामला
जज ने उसी समय अपनी पूर्व पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। हालांकि, चार साल बाद पुणे पुलिस ने नोट में नामित सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पिता की आत्महत्या के बाद संदीप की शिकायत पर जज की पत्नी शालिनी उर्फ शिवानी, सास मणिलता शर्मा और देवर शेखर शर्मा के खिलाफ चतुरशृंगी थाने में मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले की जांच कर रहे सहायक पुलिस निरीक्षक एस. गायकवाड़ ने मीडिया को बताया कि लेटर की रिपोर्ट मिलने के बाद और शिकायतकर्ता जज की मां का इलाज चल रहा था इसलिए भी शिकायत देर से दर्ज की गई।
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