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Home हिंदी ताजा खबरें

इंडोनेशिया में शादी से अलग सेक्स करना गैरकानूनी घोषित, हो सकती है एक साल की सजा, संसद ने नए कानून को दी मंजूरी

Team VFMI by Team VFMI
December 9, 2022
in ताजा खबरें, हिंदी
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voiceformenindia.com

New law criminalizes sex outside marriage in Indonesia

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इंडोनेशिया (Indonesia) की संसद ने मंगलवार 6 दिसंबर को नए आपराधिक कानून को मंजूरी दी, जिसमें शादी से बाहर सेक्स को गैरकानूनी घोषित करते हुए अपराध के दायरे में लाया गया है। इसका उल्लंघन करने पर आरोपी को एक साल जेल की सजा हो सकती है। नए कानून में शादी के बाद पार्टनर के अलावा किसी और से शारीरिक संबंध बनाने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। नए कानून के अनुसार, सिर्फ पति और पत्नी को ही आपस में शारीरिक संबंध बनाने का अधिकार होगा। हालांकि, कानून में कहा गया है कि इस मामले में पुलिस कार्रवाई पति-पत्नी या बच्चों की शिकायत के बाद ही हो सकेगी।

क्या है नया कानून?

‘द एसोसिएटेड प्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोनेशिया की संसद ने अपनी दंड संहिता में बहु-प्रतीक्षित एवं विवादास्पद संशोधन को पारित कर दिया है, जिसके तहत विवाहेतर यौन संबंध (extramarital sex) दंडनीय अपराध है और यह देश के नागरिकों तथा विदेशियों पर समान रूप से लागू होता है। एक संसदीय कार्यबल ने नवंबर में विधेयक को अंतिम रूप दिया था और सांसदों ने मंगलवार को इसे पारित कर दिया। नए कानून में विवाहेतर यौन संबंध का दोषी पाए जाने पर एक साल की जेल की सजा का प्रावधान है, लेकिन एडल्ट्री का आरोप पति, माता-पिता या बच्चों द्वारा दर्ज की गई पुलिस शिकायत पर आधारित होना चाहिए।

नए कानून के अनुसार, गर्भनिरोधक और ईश-निंदा को बढ़ावा देना अवैध है। वहीं, मौजूदा राष्ट्रपति एवं उप राष्ट्रपति, देश के संस्थानों और राष्ट्रीय विचारधारा का अपमान करने के कृत्यों पर प्रतिबंध को भी बहाल कर दिया गया है। संहिता के अनुसार, गर्भपात एक अपराध है। हालांकि, इसमें वे महिलाएं जिन्हें गर्भ कायम रखने से उनकी जान को खतरा हो या जो बलात्कार के बाद गर्भवती हो गई हों उन्हें अपवाद माना गया है, लेकिन गर्भ 12 सप्ताह से कम का हो, जैसा कि 2004 के ‘मेडिकल प्रैक्टिस’ कानून में पहले से ही विनियमित है।

मानवाधिकार समूहों ने की कानून की निंदा

मानवाधिकार समूहों ने कुछ प्रस्तावित संशोधनों की व्यापक स्तर पर निंदा की और आगाह किया कि उन्हें नई दंड संहिता में शामिल करने से सामान्य गतिविधियों को दंडित किया जा सकता है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व गोपनीयता के अधिकारों को खतरा हो सकता है। हालांकि, कुछ ने इसे देश के LGBTQ (समलैंगिक समुदाय) अल्पसंख्यकों की जीत करार दिया है।

मृत्युदंड रहेगा जारी

सांसद एक गहन विचार-विमर्श के बाद अंतत: इस्लामी समूहों द्वारा प्रस्तावित एक आर्टिकल को निरस्त करने पर सहमत हुए, जिसमें समलैंगिक यौन संबंधों को अवैध घोषित किया गया था। दंड संहिता में अपराधिक न्याय सिस्टम के तहत मृत्युदंड को बरकरार रखा गया है, जबकि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और अन्य समूहों ने इसे निरस्त करने की मांग की थी जैसा कि अन्य कई देशों ने भी किया है।

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