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Home हिंदी कानून क्या कहता है

पुणे फैमिली कोर्ट ने मां को 5,000 रुपये का जुर्माना भरने का दिया आदेश, पति को अपने बेटे से मिलने की नहीं दी थी अनुमति

Team VFMI by Team VFMI
April 5, 2022
in कानून क्या कहता है, हिंदी
0
mensdayout.com

Pune Family Court Orders Fine On Mother If She Does Not Allow Visitation Of Child With Father

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पुणे फैमिली कोर्ट (Pune Family Court) ने एक साहसिक कदम उठाते हुए एक महिला पर जुर्माना लगाया है जिसने कस्टडी में रह रहे अपने बच्चे को उसके पिता यानी अपने पति से मिलने की इजाजत नहीं दी थी। एक अनूठे आदेश में अदालत ने टिप्पणी की है कि अब से अगर कस्टडी में कस्टोडियल पेरेंट (मां) मुलाक़ात की तारीख से चूक जाते हैं, तो उस पर 5,000 रुपये प्रति मिस्ड विजिट का जुर्माना लगाया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

सोहम और रेखा (बदले हुए नाम) की शादी 2007 में हुई थी। पति एक निजी कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत है, जबकि योग्यता से इंजीनियर रह चुकी महिला अब गृहिणी है। शादी के कुछ सालों बाद भी दोनों के बीच लगातार कहासुनी होती रही, जिसके चलते पति अलग रहने लगा। इस कपल ने साल 2021 में तलाक के लिए अर्जी दी और चाइल्ड कस्टडी का मामला भी पेंडिंग रहा।

बच्चे का दौरा

फैमिली कोर्ट के संज्ञान में लाया गया कि पत्नी (जिसने बच्चे की कस्टडी रखी) ने जानबूझकर पति को अपने बेटे से मिलने नहीं दिया। इस प्रकार, अदालत ने नॉन-कस्टोडियल पेरेंट (पिता) के अनुसार मुलाक़ात का अधिकार दिया।

पुणे फैमिली कोर्ट

पुणे फैमिली कोर्ट को बताया गया कि पत्नी अपने अलग हुए पति को अपने बच्चे से मिलने नहीं दे रही है। यह जानने के बाद गुस्से में पुणे फैमिली कोर्ट ने प्रति मिस्ड विजिट के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया, अगर वह पति को अपने बेटे से मिलने की अनुमति नहीं देती है।

इतना ही नहीं, अदालत ने महिला को यह भी चेतावनी दी है कि अगर वह अगले छह महीनों में अपने पति और बेटे के बीच मुलाकात की सुविधा में विफल रहती है, तो वे पिता को बच्चे की कस्टडी सौंप देंगे।

यह आदेश जज निरंजन नाइकवाडे (Judge Niranjan Naikwade) ने दिया। हमारे पाठक इस तरह के संतुलित आदेश के लिए उन्हें पुणे फैमिली कोर्ट में एक प्रशंसा पत्र भेजने के लिए स्वतंत्र हैं, ताकि बच्चे की रुचि और परवरिश सर्वोपरि रहे।

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ARTICLE IN ENGLISH:

Pune Family Court Orders Mother To Pay Rs 5,000 Fine Each Time She Misses Facilitating Visitation Between Father & Son

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Tags: parental alienationकस्टडीतलाक का मामलापुणे फैमिली कोर्टसमानता समान होनी चाहिए
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