केरल (Kerala) की एक्टिविस्ट रेहाना फातिमा (Rehana Fathima) के खिलाफ जून 2020 में स्थानीय पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के लिए केस दर्ज किया था। उस वक्त एक्टिविस्ट ने जो आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था, उसमें दो नाबालिग बच्चे रेहाना फातिमा के अर्ध-नग्न शरीर पर पेंटिंग कर रहे थे।
क्या है पूरा मामला?
पठानमथिट्टा जिले के तिरुवल्ला पुलिस थाने में फातिमा के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। आईटी एक्ट की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्पष्ट यौन सामग्री प्रसारित करना) और बच्चे के प्रति क्रूरता के लिए किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत केस दर्ज किया गया था। स्थानीय बीजेपी ओबीसी मोर्चा के नेता की शिकायत के बाद यह मामला दर्ज किया गया था।
एक पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा था कि हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि वीडियो कैसे और क्यों अपलोड किया गया। हम जांच कर रहे हैं। वीडियो को अपने फेसबुक पर शेयर करते हुए रेहाना ने लिखा था कि कोई भी बच्चा जो अपनी मां के शरीर को देखकर बड़ा होता है, वह एक महिला के शरीर को अपमानित नहीं कर पाएगा।
पोस्ट में क्या था?
फातिमा ने एक क्लिप साझा की थी, जिसे उनके फेसबुक अकाउंट के माध्यम से यूट्यूब पर अपलोड किया गया था। उन्होंने एक्ट को सही ठहराते हुए एक नोट भी पोस्ट किया था। उस नोट में उन्होंने लिखा था कि जब वह आंखों में संक्रमण के कारण आराम कर रही थी तो उसके बच्चों ने उसके शरीर पर पेंट करना शुरू कर दिया। पोस्ट मे उन्होंने हैशटैग #BodyArtandPolitics का इस्तेमाल किया था।
अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि स्त्री शरीर और उसकी नग्नता पुरुष शरीर की तुलना में 55 किलो मांस से अधिक होती है। लेगिंग्स पैरों को देखकर उत्तेजित हो जाते हैं, जबकि पुरुष अपने घुटनों को अपनी छाती पर मोड़कर खड़ा होता है और उसके पैर आधे नग्न होते हैं, पुरुषों और महिलाओं को शरीर से इस तरह से संपर्क करने के लिए मजबूर करते हैं जिससे इजेक्शन नहीं होता है। यह झूठी यौन चेतना है जो वर्तमान में समाज को दी जा रही है। जिस तरह सुंदरता देखने वाले की नजर में होती है, उसी तरह अश्लीलता देखने वाले की नजर में होती है।
कौन हैं रेहाना फातिमा?
अक्टूबर 2018 में फातिमा ने हैदराबाद की एक महिला डिजिटल पत्रकार के साथ सबरीमाला मंदिर तक ट्रेक करने का प्रयास किया था। कई शिकायतों के बाद उन्हें BSNL से एर्नाकुलम में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था, जहां वह एक जूनियर तकनीशियन के रूप में काम कर रही थीं।
2019 में उन्हें एक दक्षिणपंथी कार्यकर्ता की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट करके हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। इस मामले में वह दो महीने तक जेल में रही। मुस्लिम जमात परिषद द्वारा उन्हें बहिष्कृत कर दिया गया था और बाद में खबर फैलते ही प्रदर्शनकारियों द्वारा उसके घर में तोड़फोड़ की गई।
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