उत्तर प्रदेश के सहारनपुर (Saharanpur of Uttar Pradesh) से एक बेहद चौंकाने और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला ने अपने पति को फंसाने के लिए डॉक्टर को पैसे देकर एसिड अटैक का फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनवा लिया। महिला ने इसके लिए ब्रोकर और डॉक्टर को 60,000 रुपए दिए थे। उसी फर्जी रिपोर्ट के आधार पर पति के खिलाफ FIR दर्ज हो गई। लेकिन पुलिस ने जब महिला के जख्मों की जांच की तो उसे कहानी कुछ अलग लगी। फिर पुलिस ने नए सिरे से जांच शुरू की।
दैनिक भास्कर के मुताबिक, जांच के दौरान पुलिस के हाथ एक CCTV फुटेज लगा। फिर पुलिस ने CCTV में नजर आ रहे ब्रोकर को हिरासत में लेकर पूछताछ की। तब मामला परत दर परत खुलता गया। फिलहाल, पुलिस ने दलाल को गिरफ्तार कर लिया है। जांच अधिकारियों को ब्रोकर के मोबाइल से कई ऑडियो मिले हैं। इसके बाद पूरे रैकेट का खुलासा हुआ।
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट के मुताबिक, महिला सहारनपुर के थाना जनकपुरी इलाके की दूधली की रहने वाली है। गिरफ्तारी के बाद महिला ने पुलिस को बताया कि शादी के बाद से उसका पति से झगड़ा होता रहता था। इस झगड़े की वजह से वह परेशान हो गई थी। इसलिए उसने पति और ससुराल वालों को फंसाने के लिए साजिश रची।
प्लान के तहत दो जनवरी को वह वकील तौसीफ से मिली। वकील से एसिड हमले की फर्जी मेडिकल बनवाने की बात की। महिला के कहने पर वकील 60,000 रुपये में फर्जी रिपोर्ट बनवाने के लिए तैयार हो गया। इसके बाद वकील का मुंशी दलाल मसरुर फरजंद ने जिला अस्पताल के डॉक्टर से बात की।
डॉक्टर ने महिला को शाम को हॉस्पिटल बुलाया। फिर बाथरुम में ले जाकर उस पर तेजाब के छीटें मारे। फिर उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया। इसके बाद डॉक्टर ने डीडी के आधार पर इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही SO मामले की जांच करने मौके पर पहुंचे।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
पुलिस के मुताबिक, अधिकारी ने जब मामले की जांच की तो महिला के हाथ-चेहरे पर कुछ बूंद अलग-अलग दिख रही थी। इस पर जांच अधिकारी को शक हुआ। फिर उन्होंने महिला के पति से फोन पर बात की। पति ने पुलिस को बताया कि ऐसा कुछ भी नहीं है और उसकी पत्नी द्वारा लगाए गए सभी आरोप फर्जी है। इसी बीच तीन जनवरी को महिला ने पति और ससुरालियों के खिलाफ FIR दर्ज करवा दी।
शक के आधार पर पुलिस ने मामले की नए सिले से छानबीन शुरू की। पुलिस ने अस्पताल से CCTV फुटेज निकलवाया, तो अस्पताल ने पहले देने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस का शक और गहरा गया। फिर पुलिस ने किडनैपिंग के मामले के बहाने पुलिस दो जनवरी की रात का CCTV हासिल की। इसमें महिला बिल्कुल सही सलामत मेडिकल अधिकारी के रूम में जाती दिख रही थी। फिर कुछ देर बाद उस रूस से महिला पट्टी बांधे हुए बाहर आती दिखती है।
फुटेज में महिला के साथ पुलिस को एक दलाल भी दिख रहा है। इसके बाद पुलिस ने सबसे पहले दलाल को हिरासत में ले लिया। उसके मोबाइल में कई अहम रिकॉर्डिंग पुलिस के हाथ लगे हैं। यह रिकॉर्डिंग वकील, सरकारी डॉक्टर और पुलिस वालों के बीच होती है। इसके आधार पर सात जनवरी को पुलिस दलाल को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने गिरफ्त में आई महिला
दलाल के बयान के आधार पर महिला को हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने दोनों से जब कड़ाई से पूछताछ की उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने कहा कि तीन साल में मेडिकल अधिकारी के जरिए हुए 40 फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाए गए हैं। मेडिकल तैयार करने वाले डॉक्टर को गिरफ्तार करने के लिए SSP और AD हेल्थ को लेटर लिखा गया है। पुलिस के मुताबिक, एक मेडिकल 50,000 से 60,000 रुपये में बनवा रहे थे। फिलहाल, पुलिस मामले में आगे की जांच कर रही है।
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