मां से बढ़कर इस दुनिया कोई नहीं होता है। हालांकि, इस कलयुग में कुछ मां सबसे बड़ी हैवान बनती जा रही हैं। कई मांओं के बारे में ऐसी ऐसी खबरे सामने आती है कि खून खौलने लगता है। तमिलनाडु पुलिस ने एक महिला और उसके प्रेमी (एक स्वयंभू धर्मगुरु) को महिला के 12 वर्षीय बेटे को गर्म लोहे के पाइप से दागकर प्रताड़ित करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। कुड्डालोर के एक गांव में अपनी सिंगल मॉम के साथ रहने वाले बच्चे ने उसके रिश्ते पर सवाल उठाया था, जिसके कारण उसे अपने ही जन्मदाता द्वारा शारीरिक शोषण का शिकार होना पड़ा था। यह मामला सितंबर 2021 का है।
क्या है पूरा मामला?
एसएन चावड़ी की रहने वाली 35 वर्षीय शांति देवी हरिकृष्णन की दूसरी पत्नी थीं। पति की दो साल पहले कैंसर से पीड़ित होने के बाद मौत हो गई थी। देवी एक कपड़े के दुकान में काम कर रही थी। उसके अंदर बदलाव तब आया, जब वह चिदंबरम के 40 वर्षीय एक स्वयंभू धर्मगुरु एम धुगैयाल अहमद से मिली, जिन्होंने उन्हें आश्वस्त किया कि उनके घर में बुरी आत्माएं हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अहमद ने बाद में कुछ अनुष्ठान करने का वादा किया, जिससे देवी को अपने वित्तीय संकट से उबरने में मदद मिलेगी और जल्द ही दोनों एक रिश्ते में आ गए।
बेटे ने रिश्ते को लेकर पूछा सवाल तो मां ने गर्म लोहे से दागा
लड़के ने अपनी मां के रवैये में कुछ बदलाव देखना शुरू कर दिया और सवाल किया कि अहमद अक्सर उसके पास क्यों आता है? इससे महिला और उसके प्रेमी अहमद भड़क गए। जब भी वह उनके रिश्ते पर सवाल उठाता तो आरोपी लड़के को उसके अंगों पर गर्म लोहे के पाइप से दागकर लगाकर प्रताड़ित करने लगता था, जिससे वह अपने घर से भागने के लिए मजबूर हो जाता था।
12 साल का लड़का जब भी घर से बाहर निकलता तो अपने घर के पास और पड़ोसियों के घरों में सड़क पर खड़ी ऑटो में सोते हुए रात बिताता था। पड़ोसियों ने भी महिला से सवाल नहीं किया, क्योंकि बाबा ने धमकी दी थी कि अगर उन्होंने कोई आपत्ति की तो वह उन्हें और उनके परिवारों को शाप देंगे।
जब एक निवासी ने हिम्मत जुटाई और चाइल्डलाइन और ग्राम प्रशासनिक अधिकारी (VAO) को सतर्क किया, तभी मामला आधिकारिक रूप से दर्ज किया गया। VAO ने थिरुपपुलियूर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसने क्रूर मां और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने उन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बाद में, बच्चे को पुलिस ने चाइल्डलाइन कार्यकर्ताओं की मदद से बचाया गया, जिन्होंने उसे जिले के एक बाल गृह में भर्ती कराया। DSP (कुड्डालोर) करिकल परी शंकर ने कहा कि लड़के के हाथ-पैर और शरीर के अन्य हिस्सों पर चोट के निशान थे।
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