• होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?
Voice For Men
Advertisement
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
Voice For Men
No Result
View All Result
Home हिंदी कानून क्या कहता है

सुप्रीम कोर्ट ने 498A के आरोपी पति के भाई को काम के लिए विदेश लौटने की दी अनुमति, पढ़िए क्या है पूरा मामला

Team VFMI by Team VFMI
January 29, 2022
in कानून क्या कहता है, हिंदी
0
mensdayout.com

Increased Tendency To Misuse 498A For Settling Personal Scores Against Husband, His Relatives: Supreme Court (Representation Image Only)

191
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterWhatsappTelegramLinkedin

जनवरी 2022 के अपने ताजा आदेश में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि विदेश यात्रा करने के लिए व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार से केवल एक व्यक्ति को इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि उसे उसके भाई की पत्नी द्वारा उसके भाई और परिवार के खिलाफ दायर 498A शिकायत में एक आरोपी बनाया गया है, खासकर जब आरोप उसके खिलाफ आपराधिक अपराध का खुलासा न करते हों।

क्या है पूरा मामला?

हरियाणा के कुरुक्षेत्र निवासी शिकायतकर्ता अनुप्रिया शर्मा (Annupriya Sharma) की शादी जनवरी 2019 में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अपीलकर्ता दीपक शर्मा (Deepak Sharma) के भाई नितिन शर्मा (Nitin Sharma) से हुई थी। नितिन एप्लीकेशन इंजीनियर के रूप में काम कर रहे थे और H1B-वीजा पर 2009 से अमेरिका के उत्तरी कैरोलिना में स्थित चार्लोट (Charlotte) में रह रहे थे।

उनकी शादी के बाद फरवरी 2019 की शुरुआत में शिकायतकर्ता का पति वापस संयुक्त राज्य अमेरिका चला गया, जहां वह काम कर रहा था। फरवरी 2019 के मध्य में  शिकायतकर्ता अपने पति से मिलने के लिए अमेरिका चली गई। उसे अकेले यात्रा करनी पड़ी। शिकायतकर्ता ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ केस दर्ज करवाई थी।

इसमें शिकायतकर्ता के देवर (जो अमेरिका के टेक्सास में कार्यरत है) को आरोपी बनाया गया है। शिकायतकर्ता और उसके पति नितिन, अपीलकर्ता के भाई के बीच शादी की शुरुआत से ही मतभेद और वैवाहिक विवाद शुरू हो गए थे। शिकायतकर्ता के अनुसार, उसके सास-ससुर ने दहेज के लिए भी उसे प्रताड़ित किया।

अगस्त 2019 में शिकायतकर्ता पत्नी कथित तौर पर अपने ससुराल वालों के कहने पर भारत लौट आई। इसके बाद नवंबर 2019 में शिकायतकर्ता के सास-ससुर भी भारत लौट आए। शिकायतकर्ता के सास-ससुर के लौटने के बाद, शिकायतकर्ता और उसके माता-पिता ने दावा किया कि उन्होंने उनसे संपर्क करने की कोशिश की और शिकायतकर्ता के पति नितिन शर्मा से संपर्क करने का भी प्रयास किया।

हालांकि, शिकायतकर्ता के ससुराल वालों ने कथित तौर पर कोई बहाना बनाकर उससे और उसके माता-पिता से मिलने से इनकार कर दिया और शिकायतकर्ता के पति नितिन शर्मा ने उनकी कॉल का जवाब नहीं दिया। इसके अलावा शिकायतकर्ता को कथित तौर पर फरीदाबाद में अपने ससुराल में रहने की अनुमति नहीं थी।

सितंबर 2020 में शिकायतकर्ता पत्नि ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323, 34, 406, 420, 498A और धारा 506 के तहत FIR दर्ज करवाई थी। इसमें शिकायतकर्ता के देवर को आरोपी बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश के खिलाफ एक अपील पर सुनवाई कर रहा था। कोर्ट ने अमेरिका में वापस यात्रा करने की अनुमति के लिए दायर आवेदन खारिज कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने शिकायत की जांच करते हुए कहा कि अपीलकर्ता के खिलाफ अस्पष्ट आरोप के अलावा कुछ भी विशिष्ट नहीं है कि अपीलकर्ता और उसकी मां यानी शिकायतकर्ता की सास ने उसके गहने रखे। अपील की अनुमति देते हुए शीर्ष अदालत ने CJM द्वारा ‘कोर्ट की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने’ की शर्त को हटा दिया। अदालत ने कहा कि एक वयस्क भाई को नियंत्रित करने में विफलता, स्वतंत्र रूप से रहना, या शिकायतकर्ता को अपने भाई (शिकायतकर्ता के पति) से प्रतिशोधात्मक प्रतिशोध से बचने के लिए समायोजित करने की सलाह देना, IPC की धारा 498 A के अर्थ के तहत उसकी ओर से क्रूरता नहीं हो सकती है।

कोर्ट ने पाया कि अपीलकर्ता के खिलाफ शिकायत में आरोप प्रथम दृष्टया IPC की धारा 498 ए के तहत किसी भी अपराध का खुलासा नहीं होता, जो क्रूरता का संकेत देता हो। अदालत ने पाया कि इस आधार पर कि शिकायतकर्ता महिला का पति देश छोड़ सकता है, अपीलकर्ता को विदेश जाने से और अपना काम करने से नहीं रोका जा सकता जो, पिछले 9-10 साल से विदेश में एक कंपनी में काम कर रहा है। पीठ के अनुसार हाईकोर्ट ने भी अपीलकर्ता के खिलाफ आरोपों पर विचार नहीं किया और शिकायतकर्ता के प्रति अपीलकर्ता की देयता और अपीलकर्ता के खिलाफ कोई विशिष्ट आरोप के संबंध में कोई प्रथम दृष्टया निष्कर्ष भी नहीं है।

IPC की धारा 498A क्या है?

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A एक पत्नी के अधिकारों को सुरक्षित करती है। 498ए का उद्देश्य शादीशुदा औरतों को ससुराल में होने वाली पीड़ा से बचाना है। यह धारा पति और उसके रिश्तेदारों को महिला के प्रति क्रूरता करने से रोकती है। इस धारा के तहत महिला के साथ क्रूरता करने वाले आरोपी को जेल भेजकर दंडित करने का प्रावधान है, जिसकी अवधि तीन साल तक की हो सकती है और वह जुर्माना के लिए भी उत्तरदायी होगा।

ये भी पढ़ें:

“धारा 498A असंतुष्ट पत्नियों के लिए ढाल के बजाय एक हथियार बन गया है”: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट

एक दिन के लिए भी अपने माता-पिता को हिरासत में देखना आदमी के लिए अनकही पीड़ा होगी: दिल्ली हाईकोर्ट ने बरकरार रखी तलाक की डिक्री

ARTICLE IN ENGLISH:

READ ORDER | Supreme Court Allows Husband’s Brother Charged Under 498A To Return Abroad For Work

Join our Facebook Group or follow us on social media by clicking on the icons below

Donate to Voice For Men India

If you find value in our work, you may choose to donate to Voice For Men Foundation via Milaap OR via UPI: voiceformenindia@hdfcbank (80G tax exemption applicable)

Donate Now (80G Eligible)

Follow Us

Tags: #पुरुषोंकीआवाज498Aतलाक का मामलालिंग पक्षपाती कानूनसुप्रीम कोर्ट
Team VFMI

Team VFMI

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

योगदान करें! (80G योग्य)
  • Trending
  • Comments
  • Latest
mensdayout.com

पत्नी को 3,000 रुपए भरण-पोषण न देने पर पति को 11 महीने की सजा, बीमार शख्स की जेल में मौत

February 24, 2022
hindi.mensdayout.com

छोटी बहन ने लगाया था रेप का झूठा आरोप, 2 साल जेल में रहकर 24 वर्षीय युवक POCSO से बरी

January 1, 2022
hindi.mensdayout.com

Marital Rape Law: मैरिटल रेप कानून का शुरू हो चुका है दुरुपयोग

January 24, 2022
hindi.mensdayout.com

राजस्थान की अदालत ने पुलिस को दुल्हन के पिता पर ‘दहेज देने’ के आरोप में केस दर्ज करने का दिया आदेश

January 25, 2022
hindi.mensdayout.com

Swiggy ने महिला डिलीवरी पार्टनर्स को महीने में दो दिन पेड पीरियड लीव देने का किया ऐलान, क्या इससे भेदभाव घटेगा या बढ़ेगा?

1
hindi.mensdayout.com

पत्नी को अंतरिम गुजारा भत्ता देने के दौरान नहीं, एडल्ट्री का फैसला बाद में होगा: दिल्ली हाई कोर्ट

0
hindi.mensdayout.com

ब्रिटेन की अदालत ने दुबई के शासक को तलाक के रूप में पत्नी को 5,500 करोड़ रुपये गुजारा भत्ता देने का दिया आदेश, पढ़िए सबसे महंगे Divorce की पूरी कहानी

0
hindi.mensdayout.com

Maharashtra Shakti Bill: अब महाराष्ट्र में यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज करने वालों को होगी 3 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना

0
voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को स्वीकार करने वाली पत्नी बाद में तलाक के मामले में इसे क्रूरता नहीं कह सकती: दिल्ली HC

October 9, 2023
voiceformenindia.com

बहू द्वारा उत्पीड़न की शिकायत के बाद TISS की पूर्व डॉयरेक्टर, उनके पति और बेटे पर मामला दर्ज

October 9, 2023

सोशल मीडिया

नवीनतम समाचार

voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को स्वीकार करने वाली पत्नी बाद में तलाक के मामले में इसे क्रूरता नहीं कह सकती: दिल्ली HC

October 9, 2023
voiceformenindia.com

बहू द्वारा उत्पीड़न की शिकायत के बाद TISS की पूर्व डॉयरेक्टर, उनके पति और बेटे पर मामला दर्ज

October 9, 2023
वौइस् फॉर मेंन

VFMI ने पुरुषों के अधिकार और लिंग पक्षपाती कानूनों के बारे में लेख प्रकाशित किए.

सोशल मीडिया

केटेगरी

  • कानून क्या कहता है
  • ताजा खबरें
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • हिंदी

ताजा खबरें

voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
  • होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?

© 2019 Voice For Men India

No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English

© 2019 Voice For Men India