दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने 22 मई को एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें वह एक पुलिस अधिकारी के साथ दिख रही हैं और गुस्से में एक आदमी को लताड़ रही हैं। इस दौरान उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बागपत (Baghpat) में रहस्यमय परिस्थितियों में झुलसी महिला के पति को स्वाति मालीवाल ने गुस्से में थप्पड़ मार दिया। मालीवाल ने आरोपी को दिल्ली पुलिस के हवाले करवा दिया है।
मालीवाल द्वारा ट्वीट किए गए मामले के अनुसार, विचाराधीन व्यक्ति बागपत की एक महिला का पति है, जो दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रही है। मालीवाल ने आरोप लगाया कि पति ने महिला को 90% जलाकर छोड़ दिया। साथ ही उसने उसके या उसके परिवार के खिलाफ बयान न देने की धमकी भी दी।
मालिवाल ने अपने ट्वीट में लिखा, “बागपथ में पत्नी को पेट्रोल से 90% जलाने के बाद उसका पति दबंगई से सफदरजंग अस्पताल में अपनी पत्नी को बयान न देने के लिए धमकाता था। FIR दर्ज होने के बाद भी यूपी पुलिस ने अपराधी को गिरफ़्तार नहीं किया। हमने आज अपराधी को पकड़वाकर दिल्ली पुलिस को सौंपा।”
स्वाति मालीवाल के मुताबिक, 90 फीसदी जल चुकी पीड़िता ने उन्हें बताया कि चार दिन पहले उसके पति ने पेट्रोल डालकर उसे जला दिया था, क्योंकि वह दूसरी औरत से दोबारा शादी करना चाहता था।
इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी FIR दर्ज की थी, लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। मालीवाल के अस्पताल के दौरे के दौरान, उन्हें यह भी बताया गया कि संबंधित पति परिसर में मौजूद था और कथित तौर पर अपनी पत्नी पर पुलिस को उसके खिलाफ बयान न देने का दबाव बना रहा था।
इससे मालीवाल ‘बेहद नाराज’ हो गईं और गुस्से में आकर वह खुद पीड़िता के पति को थप्पड़ मारती नजर आ रही हैं। मालीवाल द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो में दिखाया गया है कि उस व्यक्ति को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया था और बाद में उसे यूपी पुलिस को सौंपने के लिए कहा गया था।
अब, ‘वॉयस फॉर मेन इंडिया (Voice For Men India)’ (जिसे पहले ‘मेन्स डे आउट’ के नाम से जाना जाता था), मामले पर कोई सवाल नहीं उठा रहा है। अगर आदमी दोषी है, तो उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए और कानून द्वारा दोषी ठहराया जाना चाहिए।
चिंता की बात यह है कि दिल्ली महिला आयोग (DCW) की प्रमुख ने आरोपी शख्स को खुद ही थप्पड़ मार दिया, जिससे सोशल मीडिया पर उनकी खूब जय-जयकार हो रही है, लेकिन क्या भीड़ के न्याय की प्रशंसा की जानी चाहिए?
मान लीजिए, कल अगर किसी महिला पर पति की हत्या का आरोप लगे तो क्या कोई उसे गुस्से में थप्पड़ मार सकता है? क्या ऐसे उदाहरणों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए या देश का कानून प्रबल होना चाहिए? दूसरी तरफ, कई सोशल मीडिया यूजर्स थे जिन्होंने DCW प्रमुख के रूप में उनके अधिकार को चुनौती देते हुए मालीवाल के इस व्यवहार पर सवाल उठाया है।
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