महाराष्ट्र में ठाणे सेशन कोर्ट (Thane sessions court in Maharashtra) ने एक स्थानीय बिल्डर को जमानत दे दी है, जिसे कथित तौर पर एक महिला को शराब पिलाने, उसके साथ बलात्कार करने और अपने फोन पर एक वीडियो रिकॉर्ड करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने शिकायतकर्ता के विरोधाभास बयान को ध्यान में रखते हुए यह आदेश दिया। यह मामला जुलाई 2021 का है।
क्या है पूरा मामला?
2 मई 2021 को शिकायतकर्ता जफर अहमद शेख के ठाणे कार्यालय में एक दुकान के बारे में पूछताछ करने गया, जब यह कथित घटना हुई। पीड़िता ने आरोप लगाया कि घटना के बारे में किसी को बताने पर उसे और उसके बच्चे को भी नुकसान पहुंचाने की धमकी दी गई। उसने आरोप लगाया कि उसने 16 मई को उसके साथ फिर से बलात्कार करने की कोशिश की और बाद में उसने 19 मई को शिकायत दर्ज कराई जब उसे गिरफ्तार किया गया।
शेख के वकील सुनील पांडे ने तर्क दिया कि उसने 17 दिनों के बाद घटना की सूचना दी और आरोप लगाया कि उसने और उसके दोस्त ने उससे पैसे निकालने के लिए बिल्डर को फंसाया था। जमानत याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने कहा कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सामग्री है कि शेख ने अपराध किया था।
सेशन कोर्ट
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पीएम गुप्ता ने 50,000 रुपये के निजी मुचलके और अन्य शर्तें लगाने के बाद जफर अहमद शेख को जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया। सेशन कोर्ट ने कहा कि महिला ने मार्च से ही उसका बैंक अकाउंट निष्क्रिय होने के बावजूद लागत का 10 प्रतिशत चेक से भुगतान किया था। उसने अपनी दूसरी यात्रा पर भी वही पोशाक पहनी थी। हालांकि, FIR में कहा गया था कि 2 मई को उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार के दौरान उसे फाड़ दिया गया था, जबकि एफआईआर में कहा गया था कि वह तलाकशुदा थी। बिल्डर के साथ अपनी बातचीत में उसने कहा था कि उसके पति की कैंसर से मौत हो गई है।
यह कहते हुए कि आरोप पत्र दायर किया गया है और जमानत पर रिहा होने पर आरोपी के फरार होने की संभावना कम है। कोर्ट ने कहा कि इतनी गंभीर घटना होने पर महिला का स्वाभाविक आचरण होगा कि वह आरोपी से सारे संबंध तोड़ ले, बल्कि वह उसके संपर्क में थी।
लेखक: नंदिनी शाह पत्रकारिता ग्रेजुएशन के तीसरे वर्ष की छात्रा हैं और वर्तमान में वौइस् फॉर मेंन के साथ एक इंटर्न के रूप में कार्यरत हैं।
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