उत्तर प्रदेश के कुंडा से विधायक और बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh alias Raja Bhaiya) ने अपनी पत्नी भानवी कुमारी सिंह (Bhanvi Kumari Singh) के खिलाफ मानसिक क्रूरता और परित्याग के आधार पर तलाक के लिए अर्जी दी है। यह मामला दिल्ली के साकेत फैमिली कोर्ट के समक्ष 10 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था। हालांकि अब इस पर 23 मई को सुनवाई होगी, क्योंकि फैमिली कोर्ट के जज सोमवार को छुट्टी पर थे। राजा भैया ने नवंबर 2022 में तलाक की अर्जी दी थी।
राजा भैया का आरोप
राजा भैया ने तलाक के अपने आधार में कहा कि उनकी पत्नी ने न केवल ससुराल छोड़ दिया, बल्कि उनके साथ रहने से भी इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि भानवी सिंह ने उनके भाई के खिलाफ झूठे आरोप लगाए और परिवार के सदस्यों के बीच कलह पैदा की जो उनके प्रति मानसिक और भावनात्मक क्रूरता थी। राजा भैया ने इसी आधार पर पत्नी भानवी से तलाक मांगा है।
कब शुरू हुआ विवाद?
सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि भानवी सिंह और राजा भैया के चचेरे भाई MLC अक्षय प्रताप सिंह के बीच एक विवाद ने उनके संबंधों में और कड़वाहट ला दी जब यूपी के विधायक ने अपने भाई का पक्ष लिया। इससे भानवी सिंह और भी नाराज हो गईं। जनसत्ता दल पार्टी के विधायक रघुराज प्रताप सिंह और उनकी पत्नी के बीच पारिवारिक और वैवाहिक विवाद उस समय बढ़ गया जब भानवी सिंह द्वारा जोरबाग थाने में दर्ज FIR के आधार पर सिंह ने अदालत पहुंचकर कार्रवाई की मांग की। भानवी सिंह ने अक्षय प्रताप सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420, 467, 468, 471,109 और 120 (B) के तहत मामला दर्ज कराया।
भानवी सिंह ने आर्थिक अपराध शाखा में वित्तीय अनियमितताओं के लिए अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी (जो MLC हैं) के खिलाफ मामला दायर करवाया। इसके बाद राजा भैया ने अक्षय प्रताप सिंह का समर्थन करते हुए अपना भाई बताया था। माना जा रहा है कि तलाक की अर्जी का संबंध भी इसी विवाद से जुड़ा है। राजा भैया और भनवी सिंह के चार बच्चे (दो बेटियां और दो जुड़वां बेटे) हैं। दोनों 1995 में शादी के बंधन में बंधे थे। इस तरह अब 28 सालों बाद दोनों अलग हो रहे हैं।
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