राजस्थान (Rajasthan) से एक अनोखा मामला सामने आया है। यूपी पुलिस (UP Police) की लापरवाही की वजह से जिस महिला की हत्या के आरोप में राजस्थान के दौसा के दो युवक जेल की सजा काट रहे थे, वह जिंदा पाई गई है। पुलिस अब महिला की तलाश कर उसे बयान दर्ज करने के लिए यूपी ले गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, जिस महिला की हत्या के आरोप में उसका पति अपने दोस्त के साथ करीब डेढ़ साल तक जेल में रहा, वह अब कई सालों बाद जिंदा निकली है। महिला मेहंदीपुर बालाजी क्षेत्र के विशाला गांव में मिली है। फिलहाल, दोनों दोस्त जमानत पर जेल से बाहर हैं। महिला 7 साल से अपने दूसरे पति के साथ रह रही है। यह मामला राजस्थान के दौसा का है।
क्या है पूरा मामला?
आरोपी महिला के पति 32 वर्षीय सोनू सैनी ने दैनिक भास्कर को बताया कि यह मामला 2015 का है। दौसा के बालाजी कस्बे में समाधि गली, मुंबई धर्मशाला के पास वह एक दुकान पर काम करता था। जन्माष्टमी के दूसरे दिन यूपी के मथुरा की रहने वाली आरती अपने पिता सूरज प्रसाद के साथ बालाजी दर्शन के लिए आई थी। वहीं, आरती से उसकी जान-पहचान हो गई और दोनों ने एक दूसरे का नंबर ले लिया। करीब 20 दिन बाद आरती अकेले बालाजी आई और दुकान पर पहुंच गई। उसने सोनू से प्यार का इजहार किया और शादी की इच्छा जताई। दोनों ने सहमति से बांदीकुई कोर्ट जाकर 8 सितंबर 2015 को कोर्ट मैरिज कर ली।
सोनू ने आगे बताया कि शादी के बाद वह आरती को अपने गांव रसीदपुर लेकर चला गया। वहां पहुंचते ही आरती ने जायदाद अपने नाम कराने, एक कार और 50,000 रुपए की मांग करने लगी। सोनू ने जब इसके लिए इनकार किया तो वह 8 दिन बाद अचानक घर से लापता हो गई। इसके बाद सोनू ने आरती को जयपुर, भरतपुर, अलवर, दौसा एवं महुवा क्षेत्र में काफी तलाश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। इसके बाद वह मेहंदीपुर बालाजी में एक दुकान पर मजदूरी करने लगा।
पिता ने दर्ज करवाई गुमशुदगी की रिपोर्ट
आरती के लापता होने के बाद उसके पिता सूरज प्रसाद ने वृंदावन कोतवाली थाने में 25 सितंबर 2015 को गुमशुदगी दर्ज करवाई। अपनी शिकायत में सोनू सैनी निवासी रसीदपुर, भगवान उर्फ गोपाल सैनी निवासी उदयपुरा एवं अरविन्द पाठक निवासी अलवर के नाम का भी जिक्र किया। गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद 29 सितंबर 2015 को मथुरा जिले के नहरी क्षेत्र में एक 35 वर्षीय अज्ञात महिला का शव नहर में मिला। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज करवाने वाले आरती के पिता सूरत प्रसाद से शव की पहचान करवाई। सूरज प्रसाद ने शव की शिनाख्त बेटी के रूप में कर दी। पिता ने महिला के शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया।
पुलिस ने किया गिरफ्तार
शव मिलने के 6 महीने बाद 17 मार्च 2016 को सूरज प्रसाद ने सोनू समेत कई लोगों पर हत्या कर शव फेंकने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज करवा दी। इसके बाद वृंदावन पुलिस ने बालाजी पहुंचकर सोनू एवं गोपाल उर्फ भगवान सिंह को भी हिरासत में ले लिया। पुलिस ने पूछताछ के बाद सोनू एवं गोपाल उर्फ भगवान सिंह को 302 का आरोपी मानते हुए चार्जशीट भी फाइल कर दी। मामले में गोपाल 9 महीने और सोनू 18 महीने तक जेल में बंद रहा। बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट से दोनों को जमानत पर रिहा कर दिया। गोपाल ने बताया कि उसके सेठ ने 10-12 लाख रुपये खर्च कर इलाहाबाद हाईकोर्ट से हमारी जमानत करवाई।
ऐसे हुआ महिला के जिंता होने का खुलासा
सोनू और गोपाल दोनों जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद दौसा आकर दुकानों पर मजदूरी करने लगे। वे अपने स्तर पर आरती की तलाश भी करते रहे। कुछ दिन पहले बालाजी में ही गोपाल की जान-पहचान नजदीकी गांव विशाला के एक युवक से हुई। युवक भी उसी दुकान पर काम करता था। युवक ने बताया कि विशाला गांव में रेबारी समाज के एक घर में यूपी के उरई की लड़की कुछ साल से शादी करके रह रही है। गोपाल को शक हुआ तो उसने सोनू को इस बात की जानकारी दी। दोनों ने तय किया कि महिला का पता लगाएंगे कि वह आरती ही तो नहीं है।
इसके लिए दोनों ने एक प्लान तैयार किया। सोनू और गोपाल ने एक युवक को स्वच्छ भारत मिशन का कार्यकर्ता बनाकर बिसाला गांव भेजा। वहां महिला के घर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनाने और पैसे देने का झांसा देकर कहा कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए महिला के दस्तावेज चाहिए। महिला ने अपने सारे दस्तावेज युवक को सौंप दिए। दस्तावेज से साफ हो गया कि महिला कोई और नहीं बल्कि आरती ही है।
इसके बाद सोनू एवं गोपाल ने बालाजी थाना इंचार्ज अजीत बड़सरा से मदद की गुहार लगाई। इसकी जानकारी मिलने पर मथुरा STF के इंचार्ज अजय कौशल के नेतृत्व में टीम विशाला गांव पहुंची। टीम के एक सदस्य ने कंफर्म करने के लिए अकेले पहुंचकर महिला से बात कर पहचान की पुष्टि की। इसके बाद टीम ने दबिश देकर उसे हिरासत में ले लिया।
पुलिस का बयान
दौसा के बालाजी थाना इंचार्ज अजीत बड़सरा ने भास्कार को बताया कि शनिवार को मथुरा पुलिस दौसा पहुंची। यहां से 32 वर्षीय आरती को हिरासत में लेकर अपने साथ मथुरा ले गई। आरती की हत्या के आरोप में उसका पति सोनू सैनी ने डेढ़ साल और उसके दोस्त गोपाल सैनी ने 9 महीने जेल में बिताए। STF इंचार्ज अजय कौशल ने बताया कि महिला को सोमवार 12 दिसंबर को मथुरा कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसके बाद पहचान की पुष्टि के लिए DNA टेस्ट एवं आगे की अन्य कार्रवाई की जाएगी।
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