पश्चिम बंगाल (West Bengal) से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने एक बेगुनाह शख्स को फर्जी डाक्यूमेंट्स के जरिए अपना पति बताकर 498A के तहत शिकायत दर्ज करा गिरफ्तार करवा दी। अब पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि जेल में बंद शख्स बेगुनाह है, क्योंकि वह उस महिला का पति ही नहीं है। जी हां, 28 वर्षीय अविवाहित निलाद्री दत्ता को IPC की धारा 498A और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत गिरफ्तार किए जाने के करीब पांच महीने बाद महिला बछेंद्री रॉय को साल्ट लेक से गिरफ्तार किया गया है। दमदम पुलिस ने 2 मई को दत्ता के साथ फर्जी शादी रचाने और फिर उसके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराने का आरोप लगा गिरफ्तार किया। 34 दिन जेल में बिताने के बाद दत्ता को जमानत मिल गई है। उन्हें दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था। महिला को बारासात अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे तीन दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया।
क्या है पूरा मामला?
टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) की रिपोर्ट के मुताबिक, दत्ता और रॉय एक IT कंपनी में एक साथ काम करते हैं। पुलिस ने कहा कि रॉय ने दत्ता को सलाखों के पीछे डालने और उसके साथ संबंध तोड़ने के लिए उसे सबक सिखाने की साजिश रची थी। मध्यमग्राम निवासी दत्ता ने बगुईआटी में रहने वाली रॉय से शादी करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद महिला ने शख्स को अपना पति बता 498A के तहत शिकायत दर्ज करा गिरफ्तार करवा दी।
पुलिस का बयान
एक अधिकारी ने कहा कि जांच में पता चला कि महिला एक अन्य युवक को दमदम मैरिज रजिस्ट्री ऑफिस में ले गई, जिसने निलाद्री दत्ता के रूप में पेश किया और आधार एवं मतदाता कार्ड सहित दत्ता की आईडी की कॉपी प्रस्तुत कीं, जो उसने एक काम के बहाने पीड़िता से ली थी। नौकरी से संबंधित मुद्दा जब मैरिज रजिस्ट्रार ने पूछा था कि दत्ता आईडी कार्ड में तस्वीरों से अलग क्यों दिखते हैं, तो रॉय ने उन्हें बताया कि यह एक गंभीर बीमारी के कारण है। उसने उन्हें आश्वस्त दिया कि उनके साथ वाला व्यक्ति और आईडी कार्ड में से एक एक ही व्यक्ति है। महिला ने शिकायत दर्ज कराते हुए मैरिज सर्टिफिकेट मध्यमग्राम थाने में जमा कराई थी।
महिला ने की थी 20 लाख रुपये की मांग
पीड़ित शख्स ने बताया कि जब मध्यमग्राम पुलिस ने मुझे 498A के तहत यह कहते हुए गिरफ्तार किया कि मेरी ‘पत्नी’ ने मेरे खिलाफ शिकायत की है, तो मैं चौंक गया। मैंने बार-बार पुलिस को बताया कि मेरी शादी नहीं हुई है। मुझे 34 दिन जेल में बिताने पड़े, जिसके बाद मुझे जमानत मिल गई है। दत्ता ने आरोप लगाया कि रॉय ने शिकायत वापस लेने के लिए उनसे 20 लाख रुपये की मांग की थी।
दमदम थाने के एक अधिकारी बंकिम बिस्वास ने कहा कि एक्सपर्ट द्वारा की गई जांच से पता चला है कि मैरिज सर्टिफिकेट पर दत्ता के सिग्नेचर फर्जी थे और दस्तावेज पर फर्जी सिग्नेचर करने वाला युवक कोई दूसरा था। अधिकारी ने कहा कि हम अभी उस युवक की तलाश कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि पूछताछ में राय ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। फिलहाल, मामले में आगे की जांच जारी है।
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