• होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?
Voice For Men
Advertisement
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English
No Result
View All Result
Voice For Men
No Result
View All Result
Home हिंदी कानून क्या कहता है

खर्चों को पूरा करने के लिए पत्नी द्वारा काम करना पति की ओर से भरण-पोषण राशि कम करने का आधार नहीं: दिल्ली HC

Team VFMI by Team VFMI
October 9, 2023
in कानून क्या कहता है, हिंदी
0
voiceformenindia.com

Wife Working To Supplement Her Daily Expenditure Amid Non-Payment By Husband No Ground To Reduce Maintenance: Delhi High Court

132
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterWhatsappTelegramLinkedin

दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने कहा है कि कोई व्यक्ति इस आधार पर भरण-पोषण राशि में कटौती नहीं कर सकता है कि खर्चों को पूरा करने के लिए उसकी पत्नी प्रयास कर रही है। हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि कोई पत्नी आर्थिक तंगी के कारण अपने और बच्चे के दैनिक खर्चों की पूर्ति के लिए काम करना शुरू कर देती है तो यह उसके पति द्वारा उसे दिए जाने वाले गुजारा भत्ते को कम करने का आधार नहीं है।

क्या है पूरा मामला?

हाई कोर्ट ने ये टिप्पणियां एक व्यक्ति द्वारा निचली अदालत के उस आदेश के खिलाफ अपील पर कीं, जिसमें अपनी पत्नी के भरण-पोषण के लिए 8,000 रुपये प्रति माह और अपने नाबालिग बच्चे के लिए 3,000 रुपये प्रति माह का भुगतान करने का निर्देश देने वाले आदेश को संशोधित करने से इनकार कर दिया गया था। पति ने इस आधार पर भरण-पोषण राशि में कटौती की मांग की थी कि कोरोना महामारी के कारण उसकी कमाई कम हो गई है और पत्नी ने कमाना शुरू कर दिया है। उसने यह भी दावा किया कि पत्नी ने अपने रोजगार और कमाई के तथ्य को छुपाया था।

हाई कोर्ट

हाई कोर्ट ने कहा कि पति के भुगतान के दायित्वों को पूरा करने में विफल रहने के बाद पत्नी द्वारा खर्चों को पूरा करने का प्रयास उसे दिए गए अंतरिम भरण-पोषण को कम करने का कारण नहीं हो सकता है। हाई कोर्ट के समक्ष पति ने यह दलील देते हुए भरण-पोषण राशि में कटौती का अनुरोध किया कि इस तथ्य के अलावा कि उसकी कमाई कोविड-19 के कारण कम हो गई। इस व्यक्ति ने दलील दी कि उसकी पत्नी ने एक स्कूल में काम करना शुरू कर दिया था और बाद में एक स्टार्ट-अप में नौकरी कर ली।

हाई कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि पति पर लगभग 4,67,000 रुपये का बकाया था। यदि पत्नी अपने और बेटी के दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए काम करना शुरू कर देती है, तो इसे भरण-पोषण राशि कम करने का आधार नहीं माना जा सकता है।

जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने हाल में दिए आदेश में कहा, “प्रतिवादी (पत्नी) द्वारा अपने खर्चों को पूरा करने के लिए 6,000 रुपये से 10,000 रुपये की आय का सृजन, पति भरण-पोषण राशि का भुगतान करने के अपने दायित्वों का निर्वहन करने में विफल रहा है और उस पर 4,67,000 रुपये से अधिक का बकाया है, इसे अंतरिम भरण-पोषण को संशोधित/कम करने का कारण नहीं माना जा सकता है।”

अदालत ने कहा कि पति एक वरिष्ठ वास्तुकार है, जिसके पास 20 साल से अधिक का अनुभव है। कोरोना महामारी के दौरान हालांकि उसके व्यवसाय में गिरावट आई थी, लेकिन यह फिर से फल-फूल गया है। पति की अपील को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि प्रतिवादी ने 6,000 रुपये से 10,000 रुपये की आय का कुछ स्रोत बनाकर अपने खर्चों को पूरा करने का प्रयास किया, जहां पति गुजारा भत्ता देने के अपने दायित्वों का निर्वहन करने में विफल रहा है।

वौइस् फॉर मेंस के लिए दान करें!

पुरुषों के लिए समान अधिकारों के बारे में ब्लॉगिंग करना या जेंडर पक्षपाती कानूनों के बारे में लिखना अक्सर विवादास्पद माना जाता है, क्योंकि कई लोग इसे महिला विरोधी मानते हैं। इस वजह है कि अधिकांश ब्रांड हमारे जैसे पोर्टल पर विज्ञापन देने से कतराते हैं।

इसलिए, हम दानदाताओं के रूप में आपके समर्थन की आशा करते हैं जो हमारे काम को समझते हैं और इस उद्देश्य को फैलाने के इस प्रयास में भागीदार बनने के इच्छुक हैं। मीडिया में एक तरफा जेंडर पक्षपाती नेगेटिव का मुकाबला करने के लिए हमारे काम का समर्थन करें।

योगदान करें! (80G योग्य)

हमें तत्काल दान करने के लिए, ऊपर "अभी दान करें" बटन पर क्लिक करें। बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दान के संबंध में जानकारी के लिए यहां क्लिक करें। click here.

सोशल मीडियां

Team VFMI

Team VFMI

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

योगदान करें! (80G योग्य)
  • Trending
  • Comments
  • Latest
mensdayout.com

पत्नी को 3,000 रुपए भरण-पोषण न देने पर पति को 11 महीने की सजा, बीमार शख्स की जेल में मौत

February 24, 2022
hindi.mensdayout.com

छोटी बहन ने लगाया था रेप का झूठा आरोप, 2 साल जेल में रहकर 24 वर्षीय युवक POCSO से बरी

January 1, 2022
hindi.mensdayout.com

Marital Rape Law: मैरिटल रेप कानून का शुरू हो चुका है दुरुपयोग

January 24, 2022
hindi.mensdayout.com

राजस्थान की अदालत ने पुलिस को दुल्हन के पिता पर ‘दहेज देने’ के आरोप में केस दर्ज करने का दिया आदेश

January 25, 2022
hindi.mensdayout.com

Swiggy ने महिला डिलीवरी पार्टनर्स को महीने में दो दिन पेड पीरियड लीव देने का किया ऐलान, क्या इससे भेदभाव घटेगा या बढ़ेगा?

1
voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

0
hindi.mensdayout.com

Maharashtra Shakti Bill: अब महाराष्ट्र में यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज करने वालों को होगी 3 साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना

0
https://hindi.voiceformenindia.com/

पंजाब और हरियाणा HC ने 12 साल से पत्नी से अलग रह रहे पति की याचिका को किया खारिज, कहा- ‘तुच्छ आरोप तलाक का आधार नहीं हो सकते’, जानें क्या है पूरा मामला

0
voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को स्वीकार करने वाली पत्नी बाद में तलाक के मामले में इसे क्रूरता नहीं कह सकती: दिल्ली HC

October 9, 2023
voiceformenindia.com

बहू द्वारा उत्पीड़न की शिकायत के बाद TISS की पूर्व डॉयरेक्टर, उनके पति और बेटे पर मामला दर्ज

October 9, 2023

सोशल मीडिया

नवीनतम समाचार

voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पति के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को स्वीकार करने वाली पत्नी बाद में तलाक के मामले में इसे क्रूरता नहीं कह सकती: दिल्ली HC

October 9, 2023
voiceformenindia.com

बहू द्वारा उत्पीड़न की शिकायत के बाद TISS की पूर्व डॉयरेक्टर, उनके पति और बेटे पर मामला दर्ज

October 9, 2023
वौइस् फॉर मेंन

VFMI ने पुरुषों के अधिकार और लिंग पक्षपाती कानूनों के बारे में लेख प्रकाशित किए.

सोशल मीडिया

केटेगरी

  • कानून क्या कहता है
  • ताजा खबरें
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • हिंदी

ताजा खबरें

voiceformenindia.com

पंजाब एंड हरियाणा HC ने विवाहित पुरुष और तलाकशुदा महिला के साथ रहने पर जताई आपत्ति, व्यक्ति की पत्नी को 25,000 रुपये देने का दिया आदेश

October 9, 2023
voiceformenindia.com

पतियों पर हिंसा का आरोप लगाने वाली महिलाओं को मध्यस्थता के लिए भेजने के खिलाफ PIL दायर

October 9, 2023
  • होम
  • हमारे बारे में
  • विज्ञापन के लिए करें संपर्क
  • कैसे करें संपर्क?

© 2019 Voice For Men India

No Result
View All Result
  • होम
  • ताजा खबरें
  • कानून क्या कहता है
  • सोशल मीडिया चर्चा
  • पुरुषों के लिए आवाज
  • योगदान करें! (80G योग्य)
  • Voice for Men English

© 2019 Voice For Men India