राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक अदालत (Delhi Court) ने अपनी पत्नी के साथ क्रूरता और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के आरोप में गिरफ्तार एक व्यक्ति को जमानत दे दी। अदालत ने कहा कि केवल यह आशंका कि आरोपी जमानत के बाद भाग सकता है, उसे राहत देने से इनकार करने के लिए पर्याप्त नहीं है। कोर्ट ने यह आदेश अगस्त 2021 में दिया था।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट शिल्पी सिंह ने कहा कि आरोपी को जमानत देने से इनकार करने के लिए इस आधार पर विचार नहीं किया जा सकता है कि आरोपी जमानत के बाद फरार हो सकता है। मजिस्ट्रेट ने कहा कि यह तर्क आवेदन को अस्वीकार करने के लिए पर्याप्त नहीं है, विशेष रूप से जहां आरोपी का पुराना इतिहास है। दिल्ली कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी के संबंध में जांच पूरी हो गई है। कोर्ट ने उसे 50,000 रुपये के जमानती मुचलके पर जमानत दे दी।
पति का तर्क
आरोपी के वकील ने तर्क दिया था कि जांच अधिकारी ने आरोपी के परिसर की तलाशी ली और कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया।
पुलिस का बचाव (पत्नी)
पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि आरोपी को इसलिए गिरफ्तार किया गया, क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा था और उस पर आरोप गंभीर हैं।
अप्राकृतिक सेक्स का कोई मेडिकल रिकॉर्ड नहीं
अदालत ने कहा कि अप्राकृतिक अपराधों (unnatural offences) के आरोपों को प्रमाणित करने के लिए जांच अधिकारी (IO) के जवाब के साथ कोई मेडिको-लीगल केस (medico-legal case) रिकॉर्ड दर्ज नहीं किया गया था और वह यह राय नहीं बना सके कि आरोप सही थे या गलत थे।
जमानत मंजूर
अदालत ने आरोपी पति को जमानत देते हुए जांच में सहयोग करने और सम्मन आने पर संबंधित अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। कोर्ट ने आगे उसे शिकायतकर्ता पत्नी से संपर्क नहीं करने या किसी भी परिस्थिति में उससे मिलने नहीं जाने का निर्देश दिया।
MDO टेक
अदालत का ये आदेश और टिप्पणियां महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यह फैसला ऐसे समय आया है जब हम एक समाज के रूप में मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग कर रहे हैं। MDO पत्नी या पति के खिलाफ किसी भी जघन्य अपराध का बचाव नहीं करता है। हालांकि, महिलाओं को ऐसे कानून से लैस नहीं किया जा सकता है, जहां पतियों को केवल आरोप पर तुरंत गिरफ्तार किया जा सकता है।
यदि ऐसा कोई कानून प्रस्तावित है तो उसे जेंडर न्यूट्रल बनाया जाना चाहिए। साथ ही मेडिकल रिपोर्ट जमा करने के लिए सख्त दिशा-निर्देश निर्धारित किए जाने चाहिए। बलात्कार का आरोप लगाने के लिए मजबूत सबूत होने चाहिए। अन्यथा यह पतियों को आपराधिक मामलों की धमकी देने के लिए असंतुष्ट महिलाओं के लिए एक और हथियार बन जाएगा।
ARTICLE IN ENGLISH:
Delhi Court Grants Bail To Husband In Unnatural Sex Case As No Medical Record Submitted By Wife
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